मैं वापस जा रहा हूं
" सेजल तेरे पति कहीं दिखाई नहीं दे रहें हैं आज तुम लोगों की शादी की सालगिरह है और पतिदेव पार्टी से नदारद हैं" सेजल की एक सहेली ने सेजल से कहा।
" कोई इमरजेंसी केस आ गया होगा इसलिए वह नहीं आ पाएं होंगे तुम लोग पार्टी का आनंद उठाओ" सेजल ने ऊपरी मुस्कुराहट के साथ कहा
जबकि वह अन्दर ही अन्दर गुस्से में उबल रही थी।तभी सेजल के पिता ने आकर पूछा " बेटा शिवम् को फोन करके पूछो वह कब-तक आ रहा है लोग केक कटने का इंतज़ार कर रहे हैं"
" पापा मैंने फोन किया था पर उन्होंने उठाया नहीं मैंने मैसेज छोड़ दिया है पापा मुझे लगता है कि, मैं अकेले ही केक काट लेती हूं क्योंकि मेहमानों को ज्यादा इंतज़ार करवाना ठीक नहीं है" सेजल ने गम्भीरता से कहा उसके चेहरे पर गुस्सा साफ़ दिखाई दे रहा था।
सेजल ने केक काटा जब वह केक काट रही थी तो उसके फोन पर कोई मैसेज आया केक काटने के बाद जब सेजल ने फ़ोन का मैसेज देखा तो उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी।वह मैसेज शिवम् का था उसने लिखा था " मैं वापस जा रहा हूं अपनी मां के पास"
मैसेज पढ़ते ही सेजल का दिल जोरों से धड़कने लगा।सेजल के चेहरे की घबराहट उसके पिता से छुपी नहीं रह सकी सेजल के पिता ने सेजल से घबराहट का कारण पूछा पहले तो वह टालती रही जब उसके पिता ने जोर दिया तो फिर उसने कहा कि,
" पापा मेरे मोबाइल में शिवम् ने यह मैसेज भेजा है" इतना कहकर सेजल ने अपना मोबाइल अपने पिता की ओर बढ़ा दिया।सेजल के पिता ने शिवम् का मैसेज पढ़कर गुस्से में कहा
" तुमने इसी लड़के के लिए मेरी पसंद के लड़के को ठुकरा दिया था वही आज तुम्हें छोड़कर जा रहा है"
" पापा शिवम् ने ऐसा फैसला क्यों लिया यह मेरी समझ में नहीं आ रहा है मैं उससे बात करूंगी तभी मुझे भी पता चलेगा कि, शिवम् ने भारत वापस जाने का निर्णय क्यों लिया है और वह यहां न आकर अपने दोस्त के घर क्यों चला गया"सेजल ने गम्भीरता से जवाब दिया।
" कोई जरूरत नहीं तुम्हें उससे कुछ भी पूछने की उसके दिमाग में लोगों की मुफ्त सहायता करने का भूत सवार हो गया है वह मेरे अस्पताल में संभव नहीं है इसलिए शायद वह यहां से भारत लौट जाने की बात कर रहा है" सेजल के पिता ने सेजल को कुछ सुराग़ दिया जिससे शिवम् के भारत जाने की बात को वह समझ सके।
अपने पिता की बात सुनकर सेजल का मन पार्टी में नहीं लग रहा था पार्टी ख़त्म होते ही सेजल सीधे शिवम् के दोस्त आलोक के घर गई।अपने सामने सेजल को देखकर शिवम के चेहरे पर गम्भीरता दिखाई देने लगी।
" तुमने मुझे जो मैसेज किया है उसका क्या मतलब है"?? सेजल ने गुस्से में पूछा।
" मेरे मैसेज का मतलब बिल्कुल साफ़ है कि, मैं अमेरिका को अलविदा करके अपने देश अपनी सरजमीं पर वापस जा रहा हूं" शिवम ने धीरे से गम्भीरता से कहा।
" लेकिन तुम अमेरिका छोड़कर भारत वापस क्यों जा रहे हो"?? सेजल ने आश्चर्यचकित होकर पूछा।
" अपने मन की शांति और सुकून के लिए अपने आत्मसम्मान के लिए जिसे मैं तुम्हारे पापा के पास गिरवी रख चुका था लेकिन आज मेरा स्वाभिमान जाग गया है इसलिए मैं अपने देश अपने लोगों के पास लौट रहा हूं" शिवम ने सेजल को बताया।
" यहां तुम्हारे स्वाभिमान को कौन तोड़ रहा है"? सेजल ने गुस्से में पूछा।
" तुम्हारे पापा!!! मैं यहां तुम्हारे पापा के अस्पताल में अपनी इच्छा से कोई काम नहीं कर सकता इसके साथ-साथ वह सभी लोगों के सामने मुझे ऐसे अपमानित करते हैं जैसे मैं उनका दामाद नहीं उनका खरीदा हुआ गुलाम हूं" शिवम ने अपने मन की बातें सेजल को बताई और यह भी कहा कि , तुम्हारे पापा अस्पताल में सभी के सामने मेरी बेइज्जती करते हैं" शिवम ने गम्भीरता से जवाब दिया।
" तुम कहना क्या चाहते हो साफ-साफ कहो" सेजल ने पूछा
" तुम्हारे पापा मुझे बात-बात पर यह कहते रहते हैं कि,यह भारत नहीं है,यह मेरा अस्पताल है,मेरी मर्ज़ी के खिलाफ यहां कोई भी अपना हुकुम नहीं चला सकता मैं एक डॉक्टर हूं मैं किसी भी व्यक्ति को पैसा न होने के कारण मौत के मुंह में नहीं जाने दे सकता जबकि तुम्हारे पापा का कहना है कि, जब-तक मरीज़ के घर वाले पैसा न दे तुम उनका इलाज न करो अगर मैं ऐसा करता हूं तो वह सबके सामने मुझे मेरी औकात दिखाने लगते हैं।अब मैं और ज्यादा अपना अपमान नहीं करा सकता इसलिए मैं अपने देश लौट रहा हूं वहां जाकर मैं अपने तरीके से लोगों का इलाज करूंगा मैंने डाक्टरी की पढ़ाई लोगों की जान बचाने के लिए की है उन्हें मौत के घाट उतारने के लिए नहीं मेरी मां ठीक कहती थी कि, गुलामी की जंजीरों में रहकर काम करना बहुत कठिन होता है। अगर तुम इंसान की तरह जिंदगी जीना चाहते हो तो तुम्हें स्वतंत्र रहकर अपने कर्तव्यों को निभाना होगा वैसे जानवरों की तरह एक खुंटे से बंधकर जीने वाले भी इस दुनिया में बहुत लोग तुम्हें मिल जाएंगे। मुझे आज मां की बात का मतलब अच्छी तरह समझ आ गया है अब मैं इंसान की तरह जीना चाहता हूं और वह भी अपने देश में किसी पराए देश में नहीं और अपनी सेवाएं भी अपने देशवासियों को समर्पित करना चाहता हूं। इसलिए मैं भारत वापस जा रहा हूं तुम्हारे पापा और तुम्हारी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर अगर तुम्हें मेरी पत्नी बनकर रहना है तो तुम मेरे साथ चल सकती हो अगर बेटी ही बनी रहना चाहती हो तो तुम अपने पापा के पास ही रहो" शिवम ने गम्भीरता से जवाब दिया।
शिवम की बातें सुनकर सेजल भौचक्की होकर उसे देखने लगी तभी शिवम की आवाज सुनकर वह वर्तमान में लौट आई शिवम अपने दोस्त से कह रहा था कि,"अब मैं चलता हूं मेरी फ्लाइट का समय हो गया है" इतना कहकर शिवम ने अपना बैग उठाया और घर के बाहर निकल गया गुलामी के पिंजरे को तोड़कर स्वतंत्र रूप से अपने पंखों को फैलाकर ऊंची उड़ान भरने के लिए शिवम के चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान फैलीं हुई थी क्योंकि आज वह पराए देश को छोड़कर अपनो के बीच वापस जा रहा था उसे पूरा विश्वास था एक न एक दिन सेजल अपने पापा के मोहपाश से निकलकर उसके पास आ जाएगी।
डॉ कंचन शुक्ला
स्वरचित मौलिक
3/8/2021