वियोग श्रीराम को सीता से ही नही श्रीकृष्ण को राधा से ही नही ,,
शिव जी को भी सती से हुआ था नेत्रों से अश्रु धारा
बह रही थी हृदय भी असीम दु:खी हुआ था
मच रही थी तीनों लोक हाहाकार प्रकृति भी खूब
रोई थी जब शक्ति के विरह
में शिव सती के शरीर को
लेकर सारे लोक घूमे थे ,,
देखकर श्रीविष्णु ने सती के शव को खंड-खंड किये थे लोक कल्याण के लिए सती के अंग-अंग 51 शक्तिपीठ हुए थे..
वियोग हुआ था त्रिलोकीनाथ अविनाशी भोलेनाथ का भी जब सती ने आत्मदाह किया था..
वियोग श्रीराम को सीता से ही नही श्रीकृष्ण को राधा से ही नही शिव जी को भी सती से हुआ था !!✍️😔
स्वरचित (स्वैच्छिक)
सरिता मिश्रा पाठक"काव्यांशा