दिल तो टूट गया है तेरी बेवफाई से पहले हां करके
आया मेरे दिल में फिर न करके टुकड़े कर दिए मेरे
दिल के..
जख्मी हो गया है दिल मेरा
जब मगरुर हो गयी तेरी सांसे ,,
न पूंछ मेरे दिल का हाल तूने ही तोड़ा है मेरे दिल को
मुस्कान मेरी झूठी है मगर
दिल का हाल है सच्चा तूने
जो दिया धोखा मेरा दिल बड़ी ही बेदर्दी से है टूटा
अब न करना कभी इंतजार
न आना पास मेरे दिल में
दिल में जख्मों के लहू की दरिया बह रही है न ढूंढ पाओगे तुम खुद को!
स्वरचित
सरिता मिश्रा पाठक "काव्यांशा"