20 फरवरी 2022
रविवार
समय- 11:15 (रात)
मेरी प्यारी सखी,
व्हाट्सएप पर मेरे बचपन के दोस्तों का एक ग्रुप बना हुआ है जिसमें सभी कुछ ना कुछ पोस्ट करते रहते हैं। निरंतर बातें चलती रहती है जन्मदिन और शादी की सालगिरह पर एक दूसरे को मुबारकबाद दिए जाते हैं, शुभकामनाएं भेंट की जाती है।
वैसे भी यही तो दोस्ती होती है। जब एक दूसरे के सुख दुःख में हम भागीदार बने। इस भागीदारी में, मैं कहीं ना कहीं पीछे रह जाती हूॅं, बस लिखने के चक्कर में। वैसे लगभग सभी दोस्तों को पता है कि मैं थोड़ा बहुत लिखती हूॅं जिसकी वजह से वे कभी भी इस बात को लेकर बखेड़ा नहीं करते।
मैं जब भी शुभकामनाएं भेजती हूॅं मुझे हमेशा belated ही लिखना पड़ता है। कभी कभार समय से ही लिख दिया करती हूं। फिर मन में विचार आता है, ये दोस्त ही तो है जो किसी बात का बुरा नहीं मानते।
वैसे देखा जाए तो बुरा मानेंगे भी क्यों? एक तो यह ग्रुप बनने में मेरा भी योगदान कम नहीं था, दूसरी बात यह कि मेरे सभी दोस्त बहुत अच्छे हैं। बड़े ही नेक दिल है तो बुरा मानने का तो कहीं कोई सवाल ही नहीं आता।
आज शादी में से अभी-की-अभी ही आगे है। खाना पीना अच्छा था। मैरिज हाल में काफी भीड़ थी। पेट थसाथस भरा हुआ है तो नींद भी आ रही है।
शुभरात्रि
प्रतिलिपि लेखिका
पापिया