2 फरवरी 2022
बुधवार
माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा द्वितीय संवत 2075
मेरी प्यारी सखी,
इस भवसागर रुपी संसार में आकर हम उस परमपिता परमेश्वर को ही भुला बैठते हैं। सखी कैसी हो आशा करती हूं भली चंगी होगी।
हमारे चारों तरफ का आवरण, यह भवसागर, यह माया नगरी हमें उस परमेश्वर का विस्मरण करवा देती है। इस संसार में आकर हम संसार के ही होकर रह जाते हैं।
जहां धोखाधड़ी, फरेब और ना जाने कितने ही दोषीप्रकृति चाहे और अनचाहे से हमें बांधे रखती है। फिर भी उस आलिंगन को शायद हम छुड़ाना नहीं चाहते। मस्त रहते हैं अपनी ही दुनिया में।
हमारे मन की शक्ति को पहचानना नहीं चाहते, हमारी अंतरात्मा के बंधन को अपने मन से बांधना नहीं चाहते। बस बंद ही रहते हैं इस बाहरी दुनिया से, इस बाहरी दुनिया के बंधनों से।
मानव मन कहां बदलता है देखो ना इन गुढ़ रहस्यों के चलते, अखबार पर नजर पढ़ते ही मन आगामी आने वाले बजट पर केंद्रित हो गया। ना जाने किन चीजों का मूल्य बढ़ेगा? किनका कम हो जाएगा?
सखी, कहा जा रहा है दिल्ली से अयोध्या जाने वाली ट्रेन का नाम रामायण एक्सप्रेस रखा गया है। अभी 2 दिन में ही इसकी बुकिंग पूरी भर चुकी है। रेल गाड़ी में रुद्राक्ष की माला पहने हुए व्यक्तियों को देखकर अगर हम चौक जाए तो मैं कहना चाहूंगी कि चौंकना मत। ये खाने पीने का सामान देने वाले कर्मचारी हैं।
यह एक लग्जरी ट्रेन है और पैलेस ऑन व्हील की ही तरह प्राइवेट हाथों में है। आम आदमियों की हैसियत से बाहर यह ट्रेन ऊंचे तबके के लोगों को आराम पहुंचाने वाली है।
हमें क्या हम तो किसी और ट्रेन में बैठकर अयोध्या श्री राम के दर्शन कर आएंगे। सखी अभी के लिए विदा लेती हूं फिर मिलूंगी।
पापिया