दिल्ली कितनी ही बार उजड़ी कितनी ही बार बसायी गई। कई बार इसकी खूबसूरती को रोने की कोशिश हुई यह हर बार पहले से ज्यादा खूबसूरत रूप में जिंदा होती अब भी यह शहर कई तरह के रहस्यों से लिपटा दिखाई देता है इसके इतिहास की कई पढ़ते हैं दिल्ली एक नहीं सात शहरों से मिलकर बना है यह शहर अलग-अलग समय पर अलग-अलग शासकों ने अलग-अलग हिस्सों में बस आए थे जिसकी कड़ियां खंडहरों के रूप में अब भी अपने जीवंत रूप में मौजूद है दिल्ली के मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन के पास दिल्ली की प्राचीन विरासत जिसे बहुत कम लोग जानते हैं बहुत कम लोग वहां जाते हैं इतिहास के पन्नों में खासा महत्वपूर्ण है यह किला है राय पिथौरा अकेले के नाम पर यहां पर कुछ खास बचा नहीं है बस अब शीशी है साथ ही बची है लंबी चौड़ी मोटी दीवार जो हमें दिल्ली के अतीत की स्मृतियों तक ले जाती है।
किला राय पिथौरा का निर्माण राय पिथौरा यानी पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था कहां जाता है इससे पहले यहां प्राचीन नगर लालकोट था हालांकि यह अलग नगर था लेकिन कहा जाता है कि लालकोट को पृथ्वीराज चौहान ने विस्तार देकर नया शहर किला राय पिथौरा बनवाया असल में लाल कोठी वह नगर है जो इस शहर को पूरा करता है और इसे दिल्ली का प्रथम नगर होने का गौरव दिलाता है किला राय पिथौरा के अवशेष यश मालवीय नगर ही नहीं बल्कि अभी दिल्ली के संगीत मेहरौली किशनगढ़ और बसंत को चित्रों में देखे जा सकते हैं इस किले में अभी कोई अठाईस बूब्स हुआ करते थे जो कि वर्तमान में नष्ट हो चुके हैं अब इसमें किले के नाम पर कुछ बुर्ज और दीवारें ही बची है।