10 फरवरी 2022
बृहस्पतिवार
मेरी प्रिय सखी,
आज सुबह उठने के साथ ही साथ सिर भारी सा लग रहा है। हां है काम का बोझ तो है ही, शायद उसे सोच कर।
कई बार मैं सोचती हूं शायद इसी प्रकार काम का बोझ अधिक होने से उच्च रक्तचाप या निम्न रक्तचाप की समस्याएं अनायास ही लोगों को परेशान करती है। देखो ना कल रात से ही मुझे ठंड लग रही है सब से पूछा सब ने इंकार कर दिया कि हमें ठंड नहीं लग रही। वरण गर्मी का एहसास हो रहा है। सभी ने कहा सर्दी कहां लग रही है? मुझे तो अंदर ही अंदर कपकपी ही महसूस हो रही है। पता नहीं ठंड है या नहीं मुझे तो ठंड लग रही है।
आज तो यह सब सोचने का वक्त भी नहीं है मेरे पास। काम की इतनी अधिकता है क्या बताऊं।
मैंने सोचा थोड़ी देर तुमसे बातें कर लूं। फिर शायद मन को थोड़ी तसल्ली मिले तो आ गई तुम्हारे पास।
आज तो जैसे मैं सोच ही नहीं पा रही किस काम को प्राथमिकता दूं, किस काम को पहले करूं? उलझन यह है कि सभी काम महत्वपूर्ण है लेकिन...
इस जद्दोजहद में सिर भारी सा होने के साथ ही साथ आज तो आंखें भी भारी हो रही है ऐसा लग रहा है थोड़ी देर सो लूं। लेकिन इस समय सोई तो काम का भत्ता बैठ जाएगा।
अभी तो सभी को सुबह की चाय, गरम पानी और भी ना जाने क्या-क्या धीरे-धीरे पहुंचानी पड़ेगी और अभी सो गई तो घर में हंगामा मच जाएगा।
बस मन को समझाने की कोशिश कर रही हूं कि धीरे-धीरे हो ही जाएगा। देखते हैं क्या होता है?
सोच रही हूं पहले पूजा कर चाय पी कर उसके बाद कुछ सोचूं। शायद तब तक दिमाग को थोड़ा आराम मिल जाए। शाम के समय तुम्हें जरूर बताऊंगी आज का दिन कैसा गुजरा? क्या मेरे सोचे अनुसार काम पूर्ण हो पाए या नहीं।
अभी के लिए इतना ही।
तुम्हारे सखी
पापिया