25 फरवरी 2022
शुक्रवार
मेरी प्यारी सखी,
कल जब झांसी स्टेशन पर गाड़ी रुकी तो ऐसा लगा मानो स्टेशन पर पानी गिरा हुआ है। पर ऐसा नहीं था वो था दृष्टि भ्रम।
कई बार रास्ते में भी अर्थात सड़क पर भी इस प्रकार से भ्रम हो जाता है। 50-100 मीटर की दूरी पर इस तरह की गलती हो जाती है।
बाहरी दृश्यों का आनंद लेते लेते हम वर्धमान पहुंच चुके हैं। इस बीच रास्ते में हमारा एक मोबाइल फोन खो गया। जिसके चलते हम सभी परेशान हो गए।
सबसे पहले FIR करवाई गई। तुरंत फुरंत एक मोबाइल भी खरीदना पड़ेगा। ताकि उस सिम के नंबर मिले। आज कल हर सूचना फोन में ही सुरक्षित रहने के कारण हम भी परेशान हो गए थे।
लेकिन किया भी क्या था सकता है। अफसोस को अलावा। चलो फिर मिलते हैं।
प्रतिलिपि लेखिका
पापिया