डेंगू रोग मादा
एडीज मच्छर के
काटने से होता है। यह
मच्छर खासकर दिन
में ही काटते
हैं। रोगी में
यदि जटिल तरह
के डेंगू के
एक भी लक्षण
दिखाई दे तो उसे तुरंत
डॉक्टर के पास ले जाना
चाहिए। डेंगू का
बुखार दो तरह का होता
है। पहला - DHF तथा
दूसरा DSS, डेंगू में
प्लेटलेट्स महत्वपूर्ण कारक होते
हैं जो ब्लड में धीरे
धीरे कम होने लगते हैं।
डेंगू में कई बार मल्टी
ऑर्गन फेलियर भी
हो जाता है।
डेंगू बुखार के
हर मरीज को प्लेटलेट्स चढाने की
आवश्यकता नहीं होती
है। आमतौर पर
एक स्वस्थ व्यक्ति
के शरीर में
डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स
होते हैं। प्लेटलेट्स
का शरीर में
रक्त स्त्राव रोकने
का काम होता
है। 0
डेंगू के लक्षण
-
1 - उल्टी तथा शरीर
पर लाल दाने
होना।
2 - कमजोरी होना तथा
चक्कर आना।
3 - प्लेटलेट्स
की कमी से शरीर में
कहीं से भी ब्लड बहना
शुरू हो सकता है।
4 - रोगी के उल्टी
तथा मल में ब्लड आने
लगता है।
5 - हल्की खांसी के
साथ खराश हो जाती है।
6 - सिरदर्द,
कमरदर्द तथा जोड़ों
के दर्द की समस्या होती
है।
7 - तेज बुखार आता
है।
8 - ब्लड प्रेशर कम
हो जाता है।
डेंगू के मच्छरों
से
बचाव
के
उपाय
-
1 - खाली बर्तनों को उल्टा
करके रखें।
2 - बच्चों के खाने
पीने के बर्तनों
को प्रतिदिन साफ़
करें।
3 - घर में स्थित
पानी के टैंको
को साफ़ रखने
के लिए उनमें
क्लोरीन की गोलियां
मिला दें।
4 - घर पर कूलर
के पानी को
2-3 दिन के अंतराल
पर बदल दें।
डेंगू के मच्छरों
से
बचाव
के
घरेलू
उपचार
-
1 - धनिया पत्ती के
जूस को टॉनिक
के रूप में सेवन करें।
यह डेंगू में
बेहद फायदेमंद होता
है।
2 - आंवले का सेवन
प्रतिदिन करना डेंगू
रोग में बहुत
लाभकारी होता है।
3 - तुलसी के पत्तो
को उबाल कर,
छानकर उनका रस रोगी को
पिलायें।
4 - पपीते की पत्तियों
में पपेन एंजाइम
शरीर की पाचन शक्ति को
ठीक करता है।
अतः पपीते की
पत्तियां इस रोग
में लाभकारी होती
हैं।
5 – Giloy Ark
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को
बढ़ाता है जिसके
कारण इसका सेवन
करने वाले बीमार
होने से आसानी
से बच जाते हैं। गिलोय
में प्रोटीन, कैल्शियम
तथा फॉस्फोरस काफी
मात्रा में पाएं
जाते हैं।