वर्तमान में नवयुवतियों में कील मुंहासो की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। सामान्यतः देखा जाता है की युवा अवस्था में कदम रखते ही अक्सर कील मुंहासो की समस्या पैदा हो जाती है। इसकी एक बजह शरीर में हार्मोन्स का परिवर्तन तथा यौनावस्था का शुरू होना होता है। हार्मोन्स परिवर्तन के कारण स्किन में ऑयल बनने लगता है जो स्किन के मैल के साथ मिलकर रोम छिद्रो को बंद कर देते हैं और वैक्टीरिया के फैलाव के कारण स्किन पर कील मुंहासे निकल आते हैं। शरीर के ब्लड में अशुद्धि आने पर भी कील मुंहासो की समस्या पैदा हो जाती है।
आज के भागदौड़, प्रदूषण तथा दूषित खानपान वाले समय में युवा लोग कील मुंहासो की समस्या से काफी परेशान हैं। युवा अवस्था में होने वाली इस समस्या को कोई भी पसंद नहीं करता है। कुछ लोगों का मानना है की इस उम्र में यह समस्या अक्सर होती ही है लेकिन प्रदूषित वातावरण तथा दूषित खानपान भी इस समस्या पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। शरीर के ब्लड में होने वाली अशुद्धि इस समस्या का प्रमुख कारण मानी जाती है।
कील मुंहासो की समस्या के प्रमुख कारण -
1 - खून में अशुद्धि के कारण।
2 - दूषित खानपान के कारण।
3 - धूल, मिट्टी तथा प्रदूषण के कारण।
4 - हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण।
5 - वंशानुगत।
नवयुवतियों में कील मुंहासो की समस्या तथा उसका उपाय -
नवयुवतियों में कील मुंहासो की समस्या बेहद आम है। आज इस समस्या से बड़ी संख्या में लोग ग्रसित हैं। 12 वर्ष से 28 वर्ष के आयु वर्ग की महिलाओं में यह समस्या काफी देखने को मिलती है। असल में इस आयु वर्ग में काफी तेजी से हार्मोन्स में परिवर्तन होते हैं। इनके कारण भी कई बार यह समस्या पैदा हो जाती है। इसके अलावा इस आयु वर्ग की अधिकतर युवतियां स्कुल या कॉलेज की छात्रा होती हैं जिनका अधिकतर समय बाहरी वातावरण में गुजरता है। इस स्थिति में बाहरी प्रदूषित वातावरण तथा खानपान का भी उनकी स्किन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता ही है। अतः इन युवतियों को कील मुंहासो की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। बाहरी खानपान तथा दूषित जीवन शैली शरीर के खून को अशुद्ध कर देती है और इस कारण भी कील मुंहासो की समस्या नवयुवतियों में जन्म लेती है।
कील मुंहासो की समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेद एक बेहतरीन समाधान है। आयुर्वेद में इस समस्या को हल करने के लिए अनेक प्रकार की ओषधियां हैं। जो शरीर के रक्त को शुद्ध कर कील मुंहासो की समस्या से आसानी से छुटकारा दिलाती हैं। इन ओषधियों को मिलाकर ही HBR SYRUP को निर्मित किया गया है। इस सीरप में मंजीठ, नीमछाल, रक्त चंदन जैसी आयुर्वेदिक ओषधियां है जो रक्त को शुद्ध बनाकर कील मुंहासो, स्किन एलर्जी, पित्ती तथा अन्य चर्म रोगों में बहुत लाभ प्रदान करती है। महज 2 चम्मच HBR SYRUP का सेवन हल्के गर्म पानी से करके स्किन संबंधी बहुत सी समस्याओं से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।