पेट हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यदि इसके कार्य तंत्र में खराबी आ जाती है तो हमें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अतः स्वस्थ जीवन के लिए पाचन तंत्र का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है। पेट के कार्य तंत्र के ख़राब होने पर एसिडिटी, अफरा या दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। वर्तमान समय में 12 से 28 वर्षीय लोग पेट की समस्याओं से काफी परेशान हैं। असल में इस आयुवर्ग के लोग स्कुल, कॉलेज के छात्र या जॉब वर्कर्स होते हैं। ऐसे लोगों का अधिकतर समय घर के बाहर ही गुजरता है। ज्यादा समय बाहरी वातावरण में रहने तथा खाने पीने के परिणाम स्वरुप पेट खराब होने लगता है। स्कुल तथा कॉलेज के कई छात्र पढ़ाई के कार्य से अधिकतर घर से बाहर ही रहते हैं तथा बाहरी चीजों का सेवन ही करते हैं। इसी प्रकार कई जॉब वर्कर्स जो ज्यादातर बाहर रहते हैं तथा बाहरी वस्तुओं का सेवन करते हैं। इन कारणों से भी पेट ख़राब हो जाता है। इसके अलावा बहुत से लोगों का पेट सही खानपान तथा ठीक जीवन शैली न होने के कारण भी खराब हो जाता है। इस प्रकार की समस्याओं के लिए पॉचस्ट सीरप एक सर्वाधिक गुणकारी औषधी है। इस औषधी का मानव शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। इस औषधी में त्रिफला, अमलतास, स्वर्ण पत्री, वायविडगं जैसी प्राकृतिक ओषधियां हैं जो पेट को स्वस्थ रखने में बहुत कारगर होती हैं।
पेट तथा पाचन संबंधी समस्याएं
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पेट तथा पाचन सम्बंधित कई प्रकार की समस्याएं होती हैं। आइये जानते हैं कुछ प्रमुख समस्याओं के बारे में।
1 - बवासीर की
समस्या।
2 - कब्ज की
समस्या।
3 - पेट में छाले होना।
4 - भूख न लगना।
5 - पेट में जलन होना आदि।
पेट तथा पाचन संबंधी समस्याओं के कारण -
पेट तथा पाचन सम्बंधित समस्याओं के
कई कारण होते हैं। आइये जानते हैं कुछ प्रमुख कारणों के बारे में।
1 - अस्वस्थ खानपान तथा सुस्त जीवनशैली।
2 - चाय, कॉफी आदि का अधिक सेवन करना।
3 - अधिक मिर्च मसाले का भोजन करना।
4 - ऑयली भोजन अधिक करना।
5 - व्यायाम न करना तथा पानी कम
पीना।
पेट तथा पाचन संबंधी समस्याओं के प्रभाव
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1 - भूख कम
लगना।
2 - कमजोरी होना।
3 - चिड़चिड़ापन रहना।
4 - मल त्याग करने में समस्या होना।
5 - पेट में मरोड़ तथा जलन होना।
12 से 28 वर्ष की आयुवर्ग के लोगों में पेट की समस्याओं के कारण -
इस आयुवर्ग के
अधिकतर लोग स्कुल, कॉलेज के
छात्र या जॉब वर्कर्स होते हैं। जिनका समय अधिकतर बाहरी स्थान पर ही
गुजरता है। ऐसे में बाहरी वस्तुओं के
सेवन के कारण तथा खानपान की गड़बड़ी के कारण पाचनतंत्र खराब हो ही
जाता है। पेट की
समस्याएं आगे चलकर ज्यादा गंभीर हो जाती हैं। यदि ऊपर लिखे लक्षणों को
ध्यान में रख कर
समय से लोग अपना उपचार करा लेते हैं तो भविष्य में कोई समस्या नहीं हो पाती है। यदि ये
लोग पॉचस्ट सीरप या
कैप्सूल का सेवन प्रतिदिन करते हैं तो
उनको सामान्य लोगों से
पेट की समस्याओं का
ख़तरा कम ही होता है।
12 से 28 के आयुवर्ग के कुछ युवा शराब का सेवन करते हैं यह
भी पाचन तंत्र के
ख़राब होने का कारण होता है। जो
लोग बजन उठाने या
ज्यादा घूमने फिरने का
कार्य करते हैं उन
लोगों को भी पाचन संबंधी समस्याएं हो
सकती हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए ये
लोग पॉचस्ट कैप्सूल का
सेवन कर सकते हैं।
पॉचस्ट औषधी में आयुर्वेदिक प्राकृतिक घटक -
1 - स्वर्ण पत्री।
2 - त्रिफला।
3 - अम्लतास।
4 - वायविडंग।
5 - बच।
पेट तथा पाचन तंत्र की समस्याओं से बचने के लिए कुछ उपाय -
1 - तेज मिर्च मसलों के भोजन से परहेज करें।
2 - ऑयली भोजन का सेवन न करें।
3 - तनाव लेने से बचें।
4 - प्रतिदिन पॉचस्ट सीरप या टेबलेट का सेवन करें।
5 - प्रतिदिन व्यायाम करें तथा अधिक पानी का सेवन करें।