आज के समय
में पेट की समस्याएं लगातार बढ़ती
जा रहीं हैं
और यदि पेट के कार्य
तंत्र में खराबी
आ जाती है तो हमें
बहुत सी समस्याएं
होने के चांस बढ़ जाते
हैं। पेट के कार्य तंत्र
में गड़बड़ होने
पर एसिडिटी, अफरा
या दर्द जैसी
समस्याएं होने लगती
हैं। आज 25 से
38 वर्षीय लोग पेट
की समस्याओं से
काफी परेशान हैं।
असल में इस आयुवर्ग के लोग जॉब वर्कर्स,
कालेज स्टूडेंट या
व्यापारी होते हैं।
ऐसे लोगों का
अधिकतर समय घर से बाहर
ही गुजरता है।
ऐसे में खानपान
भी घर से बाहर ही
होता है। इस स्थिति में
पेट के पाचन तंत्र पर
काफी नकारात्मक प्रभाव
पड़ता है और पेट खराब
होने लगता है।
पेट के ख़राब होने पर
पेट से सम्बंधित
कई समस्याएं पैदा
होने लगती हैं।
कई जॉब वर्कर्स
ज्यादा बजन उठाने
के कार्य भी
करते हैं। इस कारण भी
पेट ख़राब हो जाता है।
इसके अलावा बहुत
से लोगों का
पेट सही खानपान
तथा जीवन शैली
न होने के कारण भी
खराब हो जाता है। पेट
की खराबी को
दूर करने के लिए पॉचस्ट
एक सर्वाधिक गुणकारी
औषधी है। इस औषधी में
हरड़, अमलतास, स्वर्ण
पत्री, अर्कचीर जैसी
प्राकृतिक ओषधियां हैं जो पेट को
स्वस्थ रखने में
बहुत कारगर होती
हैं।
पेट तथा पाचन संबंधी समस्याएं -
1- भूख का कम लगना।
2- लीवर का फैटी हो जाना।
3- आंतो में अल्सर का हो जाना।
4- अम्ल पित्त की समस्या होना।
5- पेचिस की समस्या होना।
6- मुख पाक (मुंह का पकना)
7- विबंध (पेट साफ़ न होना)
पेट तथा पाचन संबंधी समस्याओं के कारण -
1 - अस्वस्थ खानपान तथा सुस्त जीवनशैली।
2 - चाय, कॉफी आदि का अधिक सेवन करना।
3 - अधिक मिर्च मसाले का भोजन करना।
4 - ऑयली भोजन अधिक करना।
5 - व्यायाम न करना।
6 - पानी का कम सेवन करना।
पेट तथा पाचन संबंधी समस्याओं के प्रभाव -
1 - भूख कम लगना।
2 - कमजोरी होना।
3 - चिड़चिड़ापन रहना।
4 - मल त्याग करने में समस्या होना।
5 - पेट में मरोड़ तथा जलन होना।
25 से 38 वर्ष की आयुवर्ग के लोगों में पेट की समस्याओं के कारण -
इस आयुवर्ग के अधिकतर लोग जॉब वर्कर्स, कॉलेज स्टूडेंट या व्यापारी होते हैं। जिनका समय अधिकतर बाहरी वातावरण में ही गुजरता है। ऐसे में खानपान की गड़बड़ी के कारण पाचनतंत्र खराब हो ही जाता है। यदि ऊपर लिखे लक्षणों को ध्यान में रख कर समय से लोग अपना उपचार करा लेते हैं तो भविष्य में कोई समस्या नहीं हो पाती है। यदि व्यापारी तथा जॉब वर्कर्स पॉचस्ट सीरप या कैप्सूल का सेवन प्रतिदिन करेंगे तो उनको सामान्य लोगों से पेट की समस्याओं का ख़तरा कम ही होगा।
25 से 38 वर्ष के आयुवर्ग के कुछ युवा शराब का सेवन करते हैं यह भी पाचन तंत्र के ख़राब होने का कारण होता है। जो लोग बजन उठाने या ज्यादा घूमने फिरने का कार्य करते हैं उन लोगों को भी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए ये सभी लोग पॉचस्ट कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
पॉचस्ट औषधी में आयुर्वेदिक प्राकृतिक घटक -
1 - स्वर्ण पत्री।
2 - हरड़।
3 - अम्लतास।
4 - मरोड़ फली।
5 - बच।
6 - गिलोय।
7 - खस।
पेट तथा पाचन तंत्र की समस्याओं से बचने के लिए कुछ उपाय -
1 - तेज मिर्च मसलों
के भोजन से परहेज करें।
2 - ऑयली भोजन का
सेवन न करें।
3 - तनाव लेने से
बचें।
4 - प्रतिदिन
पॉचस्ट सीरप या टेबलेट का
सेवन करें।
5 - प्रतिदिन
व्यायाम करें तथा
अधिक पानी का सेवन करें।