क्या ऐसे ही कटेगी जिंदगी हमारी चुपचाप,
खामोश रहेंगे हम खामोश रहोगे आप,
जानते हैं इतने सालो में भी आपको नही है मुझपे विश्वास,
मगर क्या ख़ामोशी है इस समस्या का समाधान,
जो हो मन में रखो मेरे सामने वो बात,
ऐसी ख़ामोशी से अच्छा है आप छोड़ दो मेरा साथ,
शायद मैं आपके साथ रहने के काबिल ही नहीं,
और आपको भी मेरे साथ रहकर कोई ख़ुशी हासिल नहीं,
ठीक नहीं आपस में रोजाना ये तकरार,
ऐसी तकरारों सिर्फ आती है दिलों में दरार,