बेटी कहती है माँ से क्यों सबकी सुना करती हो,
मुझे क्यों सबके कहने से भुला देती हो,
मुझे भी सबके बीच बुलाओ,
माँ मुझे संसार दिखाओ,
नाम रोशन करुँगी मैं भी तुम्हारा,
भैया की तरह मैं भी दूंगी सहारा,
निराश होकर मुझे मत ठुकराओ,
माँ मुझे संसार दिखाओ,
नही चाहिए मुझे हिस्सा बटवारा,
मुझे चाहिए बस साथ तुम्हारा,
सारी बाते अपने दिल से हटाओ,
माँ मुझे संसार दिखाओ,
अपनी किस्मत मैं खुद बनाउंगी,
वादा रहा तुम्हे कभी नही सताऊँगी,
बस तुम मुझे पढ़ाओ लिखाओ,
माँ मुझे संसार दिखाओ,