सुनो, किसी भी सफर में रहना, फोन जरूर करते रहना, हालात, ठीक ना हों अगर, मिस्ड काल ही देते रहना। और हाँ, कहीं भी चले जाना, आवाज जरूर देते रहना, गर, ना मुमकिन हो पुकारना, मन ही मन याद कर
अपने दिल की कोई जरा, हम बात क्या कह देते हैं। मेरी हर बात को झट, वो अपने पे ले लेते हैं ।। @नील पदम्
आज जब जमाने का हिसाब निकला, बस कसूर मेरा ही बेहिसाब निकला । @ नील पदम्
कौन कहता है, सो रहा है शहर, कितने किस्से तो कह रहा है शहर। किसी मजलूम का मासूम दिल टूटा होगा, कितना संजीदा है, कितना रो रहा है शहर। ये सैलाब किसी दरिया की पेशकश नहीं, अपने ही आँसुओं में बह
इसकी तामीर की सज़ा क्या होगी, घर एक काँच का सजाया हमने । मेरी मुस्कान भी नागवार लगे उनको, जिनके हर नाज़ को सिद्दत से उठाया हमने । वक़्त आने पर बेमुरव्वत निकले, वो जिन्हें गोद में उठाया हमने । सितम
छाले पड़े हैं पाँव में और, लब भी हुए हैं खुश्क, आँखें बह चलीं हैं गले में, आवाज़ नहीं है । पैर थमे हैं बेड़ियों से, अभी आज़ाद नहीं हैं, पर अब आपकी इनायत के मोहताज़ नहीं हैं । हर सड़क मेरे लिए, अब मकसद क
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर, तैरने के फलसफे को, दुरुस्त रखा जाये। मुनासिब है, ऊंचाइयों पर जाकर रुके कोई, उड़ने का हुनर अगर, बाज से सीखा जाये । कोई हुनर में तब तलक कैसे, माहिर हो, पूरी सिद
मेरे देश की मिट्टी मेरे लिए अमूल्य है।जो उपजाये कण-कण में सोना ऐसी यह अतुल्य है।उत्तर से दक्षिण तक देखो ,पूरब से पश्चिम तक देखो।पग-पग पर यहां रहती विभिन्नता ,हिमगिरि और हिन्द महासागर देखो। मेरा द
आज बड़े सौभाग्य की बात है कि हमलोग एक ऐसे विषय पर लिख रहे हैं । जो हमारे यह देश की माटी से संदर्भित है । भारत एक ऐसा देश है जो “विविधता में एकता” की अवधारणा को अच्छे तरीके से साबित करता है।
"रमुआ जा जाके लकड़ी का इंतजाम कर ।देख सारी रात की मरी पड़ी मां कैसे लकड़ी की तरह अकड़ गई है।" कमली ने रमुआ को झिंझोड़ते हुए कहा।सारी रात रमुआ और कमली अपनी मरी हुई मां के पास बैठे रहे ।सोलह साल क
सुबह-सुबह बहुत ही दुखदाई होती है सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर फिर चल कर विद्यालय जाओ , कहने को विद्यालय स्वर्ग होता है पढ़ने का मन नहीं करता है ज्यादा बच्चों का पर फिर वो स्कूल जाते हैं क्यों ? मजे क
सुबह-सुबह बहुत ही दुखदाई होती है सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर फिर चल कर विद्यालय जाओ , कहने को विद्यालय स्वर्ग होता है पढ़ने का मन नहीं करता है ज्यादा बच्चों का पर फिर वो स्कूल जाते हैं क्यों ? मजे क
सभी इन्सान पर कौन युवा कहलाता है। बचपन तो बच्चा है सच्चा और कच्चा है। अपने ही धुन में मगन दिशाहीन जच्चा है। अभी नही युवा कहलाता है । किशोर जो संक्रमणकाल से गुजरता है। उस रास्ते पर है जो युवा
"म्याऊँ... म्याऊँ.... बिल्लो रानी कहो तो अभी जान दे दूं...."- डब्बू बिल्ला पूसी बिल्ली को मनाने के लिए यह गीत गा रहा था, लेकिन पूसी पर गीत का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था...
अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस पूरे विश्व में 12अगस्त को मनाया जाता है। पहली बार सन २००० में इसका आयोजन आरम्भ किया गया था। 12अगस्त को युवा दिवस मनाते हैं।युवा दिवस युवा लोगों के लिए उनके जीवन को प्रभावित कर