तुम हो तो मैं हूंँ सच तो जीवन का यही है कि हम सभी एक दूजे के बिना कुछ भी नहीं है और जैसा कि आज कहानी का विषय है तुम हो तो मैं हूँं। जीवन के सफर में हम सभी एक दूसरे के मनोभावों और प्रेम में बंधें होते है या हम एक दूसरे के स्वार्थ
इस पुस्तक में आप शब्द.इन द्वारा आयोजित सभी पुस्तक लेखन प्रतियोगिताओ और मासिक बेस्ट सेलर प्रतियोगिताओं के परिणाम देख सकेंगे |
यह भारत के युवाओ और दुनिया को नई राह दिखा ने का कार्य करेगी ।
(प्यार शब्द है बहुत छोटा है लेकिन इसकी गहराई बहुत ही विस्तृत है। इसके विस्तार को समझने के लिए मनुष्य को अपने जीवन में भावनाओं को नियंत्रण करके अपनी आंतरिक जीवन की इच्छाओं को प्रकट करना होता है।प्रेम शब्द के ढाई अक्षर को रहीम ने इतने सुंदर तरीके से प्
अँधेर नगरी प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र का सर्वाधिक लोकप्रिय नाटक है। ६अंकों के इस नाटक में विवेकहीन और निरंकुश शासन व्यवस्था पर करारा व्यंग्य करते हुए उसे अपने ही कर्मों द्वारा नष्ट होते दिखाया गया है। 'अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर
खामोशियां......अल्फाजों की दुनियां..🍁
एक सफ़र एहसासों का दो दिलों के जज्बातों का
लिखने बैठो तो शब्द अधूरे से पड़ जाते है....🥺
यह किताब एक कविता संग्रह है। मैंने अपने अनुभवों को शब्दों में पिरोकर कविता का रुप दिया है।कहते हैं कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, तो समाज में होने वाली घटनाएँ तथा ज़िन्दगी के खट्टे मीठे अनुभव यहाँ कविता के रूप में प्रस्तुत हैं।अपनी व्यस्त दिनचर्या
मासिक डायरी लेखन।इस बुक में महत्वपूर्ण दिवस के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला है।जीवन में संगीत उल्लास के प्रभाव से परिचित कराया गया है।
अप्रैल माह की इस डायरी में आपको सुन्दर और उत्कृष्ट कविताओं का संगम पढ़ने के लिए मिलेगा,,। कृपया पढ़कर अपनी सुंदर समीक्षा अवश्य दें। 🙏🙏
उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक जीवन में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं शोषण पर करारा व्यंग किया है जो हिन्दी व्यंग -साहित्य में अनूठा है। परसाई जी अपने लेखन को एक सामाजिक कर्म के रूप में परिभाषित करते है। उनकी मान्यता है कि सामाजिक अनुभव के बिना सच्चा और वास्त
कबीर दास जी की वाणी में अमृत है। उन्होंने अपने दोहों के माध्यम से समाज की कुरीतियों पर प्रहार करने का कार्य किया है। कबीर दास जी मुख्य भाषा पंचमेल खिचड़ी है जिसकी वजह से सभी लोग उनके दोहों को आसानी से समझ पाते हैं। जब भी दोहे शब्द सुनाई देता है, तो सब
डायरी लेखन दैननंदिनी प्रतियोगिता
यह पुस्तक उस अपराजेय योद्धा, कुशल संगठक, नीति-निर्धारक व योजनाकार की गौरवगाथा है जो उनके गुणों को ग्राह्य करने के लिए प्रेरित करेगी। छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम थे। उनका पराक्रम, कूटनीति, दूरदृष्टि, साहस व प्रजा के प्रति स्नेहभाव अद्वितीय है