बस, इतना सा ******** ओंकार नाथ त्रिपाठी -------------------------- "बस,इतना सा"यह मेरी "शब्द इन" पर प्रकाशित होने वाली आठवीं नई कविता संग्रह है।आम बोलचाल की भाषा में लिखी गई मेरी रचनाएं मानवीय सोच व
जवाहर नवोदय विद्यालयों में प्रवेश केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित चयन परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। इस परीक्षा को जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा (ज.न.वि. चयन परीक्षा) कहा जाता है। यह चयन परीक्षा वस्तुनिष्ठ एवं लिखित रूप में होती है
यह एक डायरी लेखन हैं। जिसमें आपको दिन प्रतिदिन की सकारात्मक और अच्छी बातें पढ़ने के लिए मिलेंगी। हम आशा करते हैं कि आपको हमारी लिखी बातें पसंद आएं। आप सभी से अनुरोध हैं कि इस पुस्तक के हर भाग को पढ़कर अपनी बहुमूल्य समीक्षा एवं सुझाव अवश्य दें।🙏🙏 🌻वा
लेखक की कलम से….✍️ हमारे समाज में प्रेम को लेकर अनेक वर्जनाएं हैं। कुछ मनुष्य शारीरिक आकर्षण और दैहिक प्रेम को ही प्रेम मानते हैं,तो कुछ हृदय और आत्मा में इसकी अनुभूति और इससे प्राप्त होने वाली दिव्यता को प्रेम मानते हैं।कुछ लोग देह से यात्रा शु
मेरी जिंदगी है तुझसे मां, तुझ बीन ये जिंदगी है अधुरी मां...❤️
'एक फौजी की प्रेम कहानी' प्रेम कहानी संग्रह है। इस कहानी संग्रह में प्रेम के संयोग और वियोग दोनों पक्षों का मार्मिक चित्रण हुआ है। इस कहानी संग्रह में कुल 10 प्रेम कहानियाँ हैं। ये प्रेम कहानियाँ क्रमशः हमसाया, नीली साड़ी वाला चांद, एक असफल प्रेमी की
जिस तरह गेंद गोल है ठीक उसी तरह उसका कर्म भी गोल है।
किताब का सारांश इतना है कि आप और हम जीवन के सच में तरह तरह की कहानियां आपको मनभावन लगेंगी और कल्पना भी एक सच और हकीकत की भावनाओं मन मंथन के साथ हैं आओ पढ़ते हैं आप और हम जीवन के सच
परिचय श्रीमद्भागवतगीता भगवान श्री कृष्ण द्वारा वीर अर्जुन को महाभारत के युद्ध के पूर्व कुरुक्षेत्र के मैदान में दी गई वह अद्भुत दृष्टि है, जिसने जीवन पथ पर अर्जुन के मन में उठने वाले प्रश्नों और शंकाओं का स्थाई निवारण कर दिया।इस स्तंभ में कथा,संवाद,
हम भूल जाते हैं कि हमारा यह शरीर डेरा सरीखा एक किराए का घर है जिसको छोड़कर एक दिन हमको जाना है या तो हम नरक में जाएंगे या फिर 6 फीट जमीन के नीचे या तो ऊपर स्वर्ग में जाएंगे लेकिन स्वर्ग तो तभी हमें मिलेगा जब हम स्वर्ग राज्य के लिए दुनिया में बोएगें ज
कभी-कभी इंसान इस हद तक हैवान बन जाता है कि वो वहशीपन की सारी हदें पार कर देता है और उसे लगने लगता है कि अब उसे कोई नहीं रोक सकता। लेकिन जब किसी हैवान को ऐसा लगता है कि अब वह सबसे ताकतवर है और उसे कोई नहीं रोक सकता। तो उसे पता भी नहीं चलता और उसे जहन्
भक्त-जगत् में प्रह्लाद सर्वशिरोमणि माने जाते हैं। प्रह्लाद की भक्ति में कहीं भी कामना, भय और मोह को स्थान नहीं है, उनकी भक्ति सर्वथा विशुद्ध, अनन्य और परम आदर्श है। उन्हीं प्रह्लाद के चरित्र का इस पुस्तक में चित्रण किया है। आशा है भागवतरत्न प्रह्लाद
शाल्विक मंत्र एक ऐसी पद्धति है जो महर्षि शाल्विक जी द्वारा दी गई है। यह एक ज्योतिषीय तकनीक हैं। यह बहुत शक्तिशाली तकनीक हैं। जब आप को कोई संदेह हो की क्लाइंट का किस तकनीक से इलाज करें तो यह तकनीक अपनाएं। क्यूंकि इसमें 300 सिंबल्स हैं जिसमें से लगभग ५