इसके माध्यम से मैं मेरे जीवन की उन यादों का अपने शब्दों के माध्यम से रचित करना चाह रहा हूं जो मुझे मेरी जिंदगी में हल्की हल्की सी याद आती है। जब उन संस्कारों के खिलाफ कुछ भी होता है तो मुझे उन पलों की यादें आने लगती है और मैं उन समय के लोगों को याद क
विविध विषयों पर कविता संग्रह।
यह पुस्तक केवल ज्ञान को दर्शाता है इसका केवल यही मतलब है
सोने की चिड़िया था कभी , उन्मुक्त हवाओं का था बसेरा , नारी की जहाँ होती थी पूजा , ऐसी पावन भूमि का देश था मेरा ! हम तन से तो आज़ाद हुए है , पर मन और विचारों से अब भी है गुलाम ! जब यहाँ मानवता , भाईचारा और सौहार्द्र होगा , जब नारी का यहाँ सम्मान ह
हमारे कुछ पॉइंट्स होते हैं ,जो हर एक काम के लिए जिम्मेवार होते हैं ! इन पॉइंट्स को यदि संतुलित ऊर्जा मिले तो हमारा जीवन आसान हो जाता हैं ! जैसे धन के लिए रुट चक्र होता हैं ! नौकरी में स्थाई न होना ,जॉब न होना, धन का सुरक्षित न होना यह सब इस चक्र
कुछ अलग.. शायद सबसे अलग.. कुछ पानेक़ी , सोचने क़ी, मिलने क़ी उम्मीद..हो मिलने बाली.. आगे यही सब.. कुछ ख़ास हैं होने बाली..। 🤗
सौ में एक मेरी कविता शाहीन बाग दिल्ली कुछ कहती है मेरा दूसरा कविता-संग्रह है. जिसमें 100 कविताएं ली गयी हैं. मेरा पहला कविता संग्रह 2019 में आधी-दुनिया प्रकाशित हो चुका है. कविता मेरे लिए एक फोटोग्राफी की तरह है-जिसमें हमारे आसपास जो घटित हो रहा है
दूर रहते हुए भी नज़दीकियों को कैसे जीना है यही प्रेम है और इसे हम सोमांकित नामक इस पुस्तक में हम जानेंगे। ये एक सच्ची घटना है जिसमें राज्यों में विभिन्नता होने के बावजूद फिर भी दोनों में इतना प्यार है कि मानो दोनों 1135 किलोमीटर की दूरियाँ खत्म कर साथ
एक रहस्य भरी कहानी
यह एक प्रेम कहानी है . . जो की पूरी तरह से काल्पनिक है . .यह पहली नजर वाली प्यार की कहानी है . . .जिसमें दोनों पत्रों की मुलाकात एक शादी में हुई थी. . .इस कहानी का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन करना और कराना है . . .इसका उद्देश्य किसी के भी भावन
ये कहानी है कृषिव चंद्रवंशी और राभ्या की ,, उनकी जिंदगी की उतार चढ़ाव की ,, कृषिव के टूटे हुए अस्तित्व की ,, राभ्या के प्यार की,, किस तरह राभ्या कृषिव को किस तरह वापस सही रास्ते पर लाई उसे फिर से एक अच्छा इंसान बनाया ,, कैसे उस अय्याश के दिल में अपने
शब्दों को अर्थपूर्ण ढंग से सहेजना।उनकी बोल को लोगों तक पहुचाना।
जोधपुर के पुरवा गांव में एक पुराना महल है जिसे उजड़े करीब पचास साल से ऊपर हो गए थे , उस महल की राजकुमारी ने ही अपने प्रेमी के चक्कर में पूरे परिवार को विष देकर मार दिया था , और बाद में उसका प्रेमी इस बात से घबराकर की जो अपने परिवार को मार सकती है तो
श्री गणेश जी की कृपा से मैंने इस किताब में अपने कुछ विचार और ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व आदि पर रचनाएं लिखी हैं...
उलझनें रिश्तों को कमजोर कर देती हैं लेकिन ये होती क्यों है इस पर गौर करें तो बात एक दूसरे को समझने और अपनी बात समझाने पर आकर रूक जाती है,,, अच्छे खासे रिश्ते एक छोटी सी गलतफहमी पर टूट जाते हैं टूटने और बिखरने का सफर इतना दर्दनाक होता है कि कई बार
मैंने अपने इस उपन्यास में औरत के अहंकार से होने वाली पारिवारिक तबाही को दर्शाने की कोशिश की है औरत अहंकार में आकर दूसरों के साथ साथ अपना भी जीवन बर्बाद कर लेती है पर इसका अहसास उसे बहुत बाद में होता है तब कुछ नहीं किया जा सकता सिवाय पश्चाताप के
Ek koshish ki hai सुनिएगा जरूर
इस पुस्तक में एक गांव के अंदर उच्च जाति और निम्न जातियों के लोगों के बीच चल रहे संघर्ष की कहानी है। जिसमें निम्न जातियों के लोगों के साथ भेदभाव और छुआछूत का रवैया अपनाया जाता है। उच्च जाति के लोगों निम्न जाति के लोगों भर अत्याचार करते हैं। उन्हें पान
बचपन ही जीवन का सफर होता है। शुरू और हकीकत का सच कहता है। हम सब बचपन की यादों को कहते हैं। मेरा प्यारा मेरा सपना सच हम सोचते हैं। नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
समाज में जागरूकता दिखावे में है जबकि बहुत सी चीजें जनता जानती ही नहीं है इसलिए समाज को आईना दिखाने की आवश्यकता है।।