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अनुभव

hindi articles, stories and books related to Anubhav


"मैं डरता हूँ उनसे, जो चुप रहते है, बिना कुछ कहे,  बहुत कुछ कह जाते है, सीमा शब्दों की होती है, मौन असीम होता है..."-दिनेश कुमार कीर

"दिल की हसरत ज़ुबान पर आने लगी, तूने देखा और ज़िंदगी मुस्कुराने लगी, ये इश्क़ की इंतेहा थी या दीवानगी मेरी, हर सूरत मे सूरत तेरी नज़र आने लगी..."-दिनेश कुमार कीर

"मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे तेरे आंसू, मेरी साधारण - सी कमीज़,अनमोल हो गई..."-दिनेश कुमार कीर

"अगर आप सही हो तो कुछ सही साबित करने की कोशिश ना करो, बस सही बने रहो गवाही ख़ुद वक़्त देगा..."-दिनेश कुमार कीर

"कचरें में फेंकी रोटिया रोज़ ये बयां करती हैं कि पेट भरते ही इंसान अपनी औकात भूल जाता है... "-दिनेश कुमार कीर

"मैंने तितली की नब्ज़ पकड़ी है,  मैंने फूलों का दर्द देखा है, मैंने अक्सर बहारे शफक़त में, सबज़ पत्तों को ज़र्द देखा है... "-दिनेश कुमार कीर

"कैसे भुलाए उन अतीत की यादों को, जो हर शाम ढलते सामने आ जाती है..."-दिनेश कुमार कीर

"मैंने हिसाब मे रहने वाले लोगों को बेहिसाब होते देखा है, मैंने लोगों को बदलते नहीं बेनकाब होते देखा है..."-दिनेश कुमार कीर

"ख़ूबसूरती, दिल और ज़मीर मे होनी चाहिए, बेवजह लोग, उसे सूरत व कपड़ो मे ढूढ़ते है..."-दिनेश कुमार कीर

"चलो न साथ चलते हैं, समंदर के किनारों तक,किनारे पर ही देखेंगे, किनारा कौन करता है..."-दिनेश कुमार कीर

"बहुत, मर - मर के जी लिए, चलो, अब जी कर मरते हैं।"-दिनेश कुमार कीर

"रिश्ते मुरझा जाते हैं गलतफहमियां से, बिखर जाते हैं अहंकार से रिश्ते..."-दिनेश कुमार कीर

"खुद को साबित करने को, बनावट की जरूरत ही नहीं, सच्चा दिल, मासूम - सी निगाहें, देखो कितनों को घायल कर जाती हैं..."-दिनेश कुमार कीर

"जैसे पतंग उड़ नहीं पातींअपनी डोर के बिना, वैसे ही मेरी जिंदगी भी अधूरी है आपके बिना..."-दिनेश कुमार कीर

"प्यार अगर सच्चा हो तो... कभी नहीं बदलता... ना वक्त के साथ... ना हालात के साथ..."-दिनेश कुमार कीर

आँखे हँसती हैं, मग़र दिल ये रोता है,जिसे हम अपनी मंजिल समझते हैं,उसका हमसफ़र कोई और ही होता है... 

*ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी!*एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।अंततः उसने निर

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●रिजेक्शन (Rijection) अक्सर हमे यह बताया या पढ़ाया जाता है कि हमे हर स्थिति में ना के बजाय हा कहना चाहिए।ना कहने से मामला वही पर समाप्त हो जाता है द्वार बन्द हो जाता है ।मामला समाप्त जय राम जी की। अ

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                     अध्याय -16   दर्पण प्रतिबिंब (MIRROR IMAGES) NMMS में कुछ प्रश्न दर्पण से सम्बंधित आते है कोई अक्षर दर्पण में कैसा दिखता है जानकारी रखकर सवालों को हल कर सकते हैं ।

दिल से दिल तक, जब दिल पुकारे तो...हर दिल तक, दस्तक जाती है दिल की...

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