★★★★★ डॉक्टर गोयंका एलिना के वीभत्स लाश को देख कर बुरी तरह घबरा गए थे,लेकिन अभी भी उनमे होश बाकी था। वे बोझील कदमों से बाथरूम से बाहर निकले और जेब से अपने मोबाइल को निकलते हुए एक बार पीछे मुड़ कर बड़े ह
रात के करीब दस बजे का समय था। हर तरफ खामोशी छाई हुई थी। "आह..... !आह....! मैं कहाँ हूं,मैं कौन हूँ ?!" कोलकाता शहर के आलीशान प्राइवेट सिटी हॉस्पिटल के एक बेड पर पड़ा मरीज धीरे धीरे कराह रहा था....। ती
बात उस समय की है जब मैं सातवीं या आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। सुबह सुबह का टाइम
राजेश कहता है ,*" यहीं से ममता का किडनैप हुआ है ,*"!!?सुनील घबरा कर कहता है ,*" आपको कैसे पता चला की उसका किडनैप हुआ ,*"!!!?राजेश कहता है ,*" ये देखो यहां दो अलग अलग जूतों के निशान हैं ,जिसमे एक ममता
ऋषि ममता के चेहरे पर हाथ फेरता है , और कहता है** तुम चीज बड़ी मस्त हो , और मैं गाड़ियों और कुड़ियों दोनो का दीवाना हूं ,,*"!!!ममता उसकी ओर देखती है,";!!ऋषि कहता है ,*" पहली बार कोई मेरे पीछे पड़
ममता और सुनील राजेश के पास बैठे हैं , राजेश कंप्यूटर पर उसका फोटो मैच कर रहा है , अचानक उसके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ उठती है ,*"!!!राजेश कहता है ,*" लो मिल गया जनाब का डिटेल्स ,ऋषि नाम है भाई का , इ
ममता उस से थोड़ी दूरी मेंटेन कर पूछा कर रही थी , वह आदमी सिगरेट पीता हुआ धीरे धीरे चलता हुआ एक बिल्डिंग में जाता है , ममता भी उसके पीछे जाती है पर वह अचानक गायब हो गया , मुश्किल से एक मिनट का भी
ममता फोन करती है ,वह अपने एक विश्वस्त आदमी से बात करती है , वह उस से कहती है ,*" मैं एक गाड़ी का नंबर दे रही हूं उसका पूरा डिटेल्स निकाल कर दो और इस महिला के बारे में भी इनक्वायरी करनी है ,*"!!ममता ,च
आज तो बहुत थक गई.... उफ़! ये मेरी कमर.... सुबह से हाथ बंद नहीं रहा
सुनो गर्भ के अंदर से, एक बेटी की करुण पुकार। पापा! मुझे मारना ही था, फिर क्यों दिया जीवन ये उधार। रंग बिरंगी इस दुनिया में, आने तो मुझे देते। पापा! गोद में उठाकर, एक
शाम को नान्टा घर पहुंचा तो साहिल घर पर ही था।" आओ नान्टा ! अजय के बारे में कुछ पता चला ? " साहिल ने नान्टा के बैठने के बाद पूंछा।" हां गुरु ! बहुत कुछ। " नान्टा ने उत्साहित स्वर में कहा।" तो फिर शुरू
अगले दिन साहिल ने जो पहला काम किया वो वहां से नान्टा के मकान में शिफ्ट होने का था।विजयनगर शहर का एक पॉश इलाका था। नान्टा का मकान मेन रोड से अंदर जाती गली में एक ड्यूप्लैक्स था। साहिल को वो मकान पसंद आ
साहिल ने नान्टा को बताना शुरू किया," तुझे याद है न जो अभी एक कंपनी के तीन पार्टनर्स का मर्डर हुआ है ? "" हां गुरु ! बहुत हल्ला मचा है उसका ! " नान्टा ने सशंकित स्वर में कहा।" उन तीनों को मैंने ही मारा
मुन्ना को पलटते देखकर साहिल ने फौरन अपना रिवाल्वर वाला हाथ पीछे छुपा लिया।" कौन है बे तू ? " मुन्ना ने नशे में थरथराती आवाज़ में गुर्राकर पूंछा।" भाई आपसे कुछ बात करना थी। " साहिल ने शांत स्वर में कहा
नान्टा आज जब साहिल से मिलने आया तो वो बुझा बुझा सा लग रहा था। वो चुपचाप आकर एक कुर्सी पर बैठ गया। आज वो हमेशा की तरह चहक नहीं रहा था।" क्या बात है नान्टा ? आज बहुत दुखी लग रहा है ? क्या हुआ ? " साहिल
आज फिर नानी, मामा और मामी के साथ आ गईं। वैसे तो कोई नई बात नहीं है। नानी का आना जाना तो लगा ही रहता है, और ऐसा भी नहीं है कि उनका आना मुझे पसंद ना
नवाब इस दुनिया में जीने से है मरना बेहतर,इतना कमज़र्फ नहीं हूं कि खुदकुशी कर लूं। —समीम नवाब (Nawab Comfort)
महंगा पड़ गया इंसानों को, प्रकृति से छेड़छाड़ करना। एक छोटे से वायरस से, पड़ गया है उसे डरना। काट रहा है पेड़ धड़ाधड़, अपनी सुख सुविधा पाने को। आएगा एक दिन ऐसा भी, मिलेगा ना कुछ खाने को। जमीन को केमि
शाम के लगभग चार बजे का समय था। एक औरत गलियों में घूम घूम कर आवाज लगा रही थी चूड़ी ले लो चूड़ी .....लाल, पीली, हरी, नीली चूड़ी..... &
"शांता..मेमसाहब की तबियत ठीक नही है, चाय के साथ दो बिस्किट दे कर ये दवाई दे देना,मैं ऑफिस जा रहा हूं" गौरव आफिस के लिए निकलतें हुए कहा."जी साहब..मैं दे दूंगी, आप फ़िक्र ना करे" शांता ने कहा.गौरव मेरे प