आज सुबह-सवेरे जब मैं घर से बाहर निकलकर आँगन में टहल रही थी, तो एक लड़का और एक अधेड़ उम्र का आदमी मोटर सायकिल से उतरकर मुझे हमारे बिल्डिंग में रहने वाले यादव जी के घर का पता पूछने लगे। वे बहुत हैरान-परे
हमने तो बहुत बड़ा ज्ञान एक छोटी सी जिंदगी में देखा जो अगले जन्म में देखने को मिले गा या नहीं येतो रब को मंजूर है अपने हम सफ़र के साथ मिल जुल कर रहे किसी को महेसुस न हो पाये हमें भी किसी ने जन्म दि
हे शारदे माँ, हे शारदे माँअज्ञानता से हमें तार दे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँअज्ञानता से हमें तार दे माँतू स्वर की देवी है, संगीत तुझसेहर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसेतू स्वर की देवी है, संगीत तु
७. साफल्यम्सिकंदर के लिए यह सब किसी भूकंप से कम नहीं था। वह हतप्रभ सा ओम के सामने खड़ा था। ओम सोफे पर बैठा हुआ उसकी ओर देखे जा रहा था।" तुमने शायद रात को ही मेरे ऐनक के साथ छेड़छाड़ की होगी।" ओम ने हं
६. असफलतासिकंदर शाह ने दोनों तिजोरियों को चुरा लिया था।शहर लौटते ही इंस्पेक्टर मनोज ने सिकंदर शाह को पुलिस कस्टडी में ले लिया था परंतु उसके वकील को उसे छुड़ाने में कुछ ही घंटे लगे। सिकंदर के पास पहले
५. संघर्षगुरुवार को सब कुछ योजना के अनुसार ही चल रहा था। अनिरुद्ध ने बड़े जोर शोर से मीडिया के सामने प्रचार किया था की कस्टम्स की ओपचारिकताएं पूरी होने के बाद कुछ ही घंटो में विभिन्न देशों से आई मूर्त
३. The Naughty One सुबह के 6 बज रहे थे। ओम अनिरुद्ध के कमरे में उसके पलंग पर बैठा था और पास में बाथरूम से शॉवर से पानी गिरने की आवाज आ रही थी। " भाई तू इतना जल्दी उठ नहा धोकर तैयार हो जाता है इसका
३. The Naughty One सुबह के 6 बज रहे थे। ओम अनिरुद्ध के कमरे में उसके पलंग पर बैठा था और पास में बाथरूम से शॉवर से पानी गिरने की आवाज आ रही थी। " भाई तू इतना जल्दी उठ नहा धोकर तैयार हो जाता है इसका
२. मंथन सिकंदर को गए कुछ ही सेकंड बीते थे की अनिरुद्ध, ओम की तरफ जिज्ञासा भरी नजरों से देखते हुए बोला -" ये सिरफिरा क्या कहकर गया और तुम शुद्ध हिंदी क्यों बोल रहे थे? " ओम मुस्कुराते हुए बोला - " य
१.चुनौती " Sir, कोई आपसे मिलने आया है।" एक बड़े हॉल में प्रवेश करते ही नौकर ने कहा, इसी के साथ उसने हॉल के बीच में ही रखी एक छोटी सी टेबल से खाली चाय के कप ट्रे में रख लिए। उस हॉल में बाई ओर की&nbs
इस कहानी की शुरुआत मध्य प्रदेश के जिले जबलपुर से होती है। इस कहानी में अपने साथियों के साथ मिलकर दुल्हन बनकर लूटना लोगो को ठगना आदि। तो आइए इस कहानी को विस्तार में देखते है .....यह कहानी 8
( गोरखपुर में आज ही अदालत में बी एस एफ के सेवानिवृत्त जवान ने अपनी नाबालिग बेटी के बलात्कार के आरोपी को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई । इस सच्ची घटना के आधार पर यह कहानी प्रस्तुत है ) अद
ग़मो के शहर में रहा मैं ढूंढता खुशी,ख़ुशी को थी ख़बर कि मैं ग़मो में हूँ।गगन शर्मा...✍️हिंदी लेखन।
कुछ दिन पूर्व पंजाब में पी एम की सुरक्षा के साथ जो खिलवाड़ हुआ हम सब ने देखा। अब राजनैतिक पार्टियां अपने अपने निहित स्वार्थ से प्रेरित होकर बहस में उलझी हैं कि उस घटना में प्रधान मंत्री की सुरक्षा भंग
इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह ने दो चार लोगो से पूछ ताछ के बाद , उसे पता चला के श्याम और दिव्या का कुछ चल रहा था | तो पुलिस ने दिव्या को तलव किया , इंस्पेक्टर ने दो सिपाही दिव्या के घर भेजे |जब सिपाही दिव्
लड़की की लाश को एम्बूलेंस में रख कर पुलिस उसे ले गयी | पुलिस अभी राज के बारे में खोज बीन ही कर रही थी की ये गुत्थी और भी उलझ गयी , इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह सोचने लगा , राज के घर वालो ने तो उसकी गुम होन
सीन नंबर 1 शाम हो चली थी और राज आज न तो दोपहर का खाना खाने आया था और न ही अभी तक आया , यादराम ने चिंता जताते हुए कहा | दिव्या ने भी यही बात दुहरायी , हाँ बाबूजी ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ , क्यों के बो
सीन नंबर--1मनप्रीत को पहले से ही शक था कि आज कल गीत कुछ अलग ही उखड़ी उखड़ी हुयी रहती है | अपने फ़ोन का पासवर्ड भी बदल दिया है और किसी को फ़ोन छूने भी नहीं देती है | और ज्यादा उससे बात भी नहीं करती है हमेश
सीन नंबर १ -गीत ने अपने ऊपर झुक रहे राज को जल्दी से खींचा और चुंबन देते हुए कहा - राज कही वो न आ जाये | राज ने भी अपने झटके लगते हुए दो चुंबन देते हुए कहा - क्यों टेंशन ले रही हो अगर आजायेगा तो उसे भी
राजन परेशान सा अपने घर पर बैठा था। दोतरफा मुसीबत ने उसे घेर रखा था। एक तरफ़ वो पी. के. जान के पीछे पड़ा हुआ था तो दूसरी तरफ़ ये इंस्पेक्टर ...