आज सुबह-सवेरे जब मैं घर से बाहर निकलकर आँगन में टहल रही थी, तो एक लड़का और एक अधेड़ उम्र का आदमी मोटर सायकिल से उतरकर मुझे हमारे बिल्डिंग में रहने वाले यादव जी के घर का पता पूछने लगे। वे बहुत हैरान-परे
हमने तो बहुत बड़ा ज्ञान एक छोटी सी जिंदगी में देखा जो अगले जन्म में देखने को मिले गा या नहीं येतो रब को मंजूर है अपने हम सफ़र के साथ मिल जुल कर रहे किसी को महेसुस न हो पाये हमें भी किसी ने जन्म दि
(रात का वक्त– हुसैन अब्बास मसजिद में बैठे बातें कर रहे हैं। एक दीपक जल रहा है।) हुसैन– मैं जब ख़याल करता हूं कि नाना मरहूम ने तनहा बड़े-बड़े सरकश बादशाहों को पस्त कर दिया, और इतनी शानदार खिलाफत कायम
हज़रत मुहम्मद की मृत्यु के बाद कुछ ऐसी परिस्थिति पैदा हुई कि ख़िलाफ़त का पद उनके चचेरे भाई और दामाद हज़रत अली को न मिलकर उमर फ़ारूक को मिला। हज़रत मुहम्मद ने स्वयं ही व्यवस्था की थी कि खल़ीफ़ा सर्व-सम
प्रायः सभी जातियों के इतिहास में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण घटनाएँ होती हैं, जो साहित्यिक कल्पना को अनंत काल तक उत्तेजित करती रहती हैं। साहित्यिक-समाज नित नये रूप में उनका उल्लेख किया करता है, छंदों में, गीतो
हे शारदे माँ, हे शारदे माँअज्ञानता से हमें तार दे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँअज्ञानता से हमें तार दे माँतू स्वर की देवी है, संगीत तुझसेहर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसेतू स्वर की देवी है, संगीत तु
७. साफल्यम्सिकंदर के लिए यह सब किसी भूकंप से कम नहीं था। वह हतप्रभ सा ओम के सामने खड़ा था। ओम सोफे पर बैठा हुआ उसकी ओर देखे जा रहा था।" तुमने शायद रात को ही मेरे ऐनक के साथ छेड़छाड़ की होगी।" ओम ने हं
६. असफलतासिकंदर शाह ने दोनों तिजोरियों को चुरा लिया था।शहर लौटते ही इंस्पेक्टर मनोज ने सिकंदर शाह को पुलिस कस्टडी में ले लिया था परंतु उसके वकील को उसे छुड़ाने में कुछ ही घंटे लगे। सिकंदर के पास पहले
५. संघर्षगुरुवार को सब कुछ योजना के अनुसार ही चल रहा था। अनिरुद्ध ने बड़े जोर शोर से मीडिया के सामने प्रचार किया था की कस्टम्स की ओपचारिकताएं पूरी होने के बाद कुछ ही घंटो में विभिन्न देशों से आई मूर्त
३. The Naughty One सुबह के 6 बज रहे थे। ओम अनिरुद्ध के कमरे में उसके पलंग पर बैठा था और पास में बाथरूम से शॉवर से पानी गिरने की आवाज आ रही थी। " भाई तू इतना जल्दी उठ नहा धोकर तैयार हो जाता है इसका
३. The Naughty One सुबह के 6 बज रहे थे। ओम अनिरुद्ध के कमरे में उसके पलंग पर बैठा था और पास में बाथरूम से शॉवर से पानी गिरने की आवाज आ रही थी। " भाई तू इतना जल्दी उठ नहा धोकर तैयार हो जाता है इसका
२. मंथन सिकंदर को गए कुछ ही सेकंड बीते थे की अनिरुद्ध, ओम की तरफ जिज्ञासा भरी नजरों से देखते हुए बोला -" ये सिरफिरा क्या कहकर गया और तुम शुद्ध हिंदी क्यों बोल रहे थे? " ओम मुस्कुराते हुए बोला - " य
१.चुनौती " Sir, कोई आपसे मिलने आया है।" एक बड़े हॉल में प्रवेश करते ही नौकर ने कहा, इसी के साथ उसने हॉल के बीच में ही रखी एक छोटी सी टेबल से खाली चाय के कप ट्रे में रख लिए। उस हॉल में बाई ओर की&nbs
इस कहानी की शुरुआत मध्य प्रदेश के जिले जबलपुर से होती है। इस कहानी में अपने साथियों के साथ मिलकर दुल्हन बनकर लूटना लोगो को ठगना आदि। तो आइए इस कहानी को विस्तार में देखते है .....यह कहानी 8
एक बार मुल्ला नसरुद्दीन ने घर का काम-काज करने के लिए नौकर रखा। उसका मानना था कि तालाब से पानी भरकर लाना उस जैसे इज्जतदार आदमी के लिए अच्छा नहीं। एक-दो बार ऐसा भी हो चुका था कि पानी लेकर लौटते समय नसर
विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय को अद्भुत व विलक्षण चीजें संग्रह करने का बहुत शौक था। हर दरबारी उन्हें खुश रखने के लिए ऐसी ही दुर्लभ वस्तुओं की खोज में रहता था ताकि वह चीज महाराज को देकर उनका शुभचिंतक ब
( गोरखपुर में आज ही अदालत में बी एस एफ के सेवानिवृत्त जवान ने अपनी नाबालिग बेटी के बलात्कार के आरोपी को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई । इस सच्ची घटना के आधार पर यह कहानी प्रस्तुत है ) अद
साधारण मनुष्य की तरह शाहजहाँपुर के डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर सरदार शिवसिंह में भी भलाइयाँ और बुराइयाँ दोनों ही वर्तमान थीं। भलाई यह थी कि उनके यहाँ न्याय और दया में कोई अंतर न था। बुराई यह थी कि वे सर्वथा
लखनऊ के नौबस्ते मोहल्ले में एक मुंशी मैकूलाल मुख्तार रहते थे। बड़े उदार, दयालु और सज्जन पुरुष थे। अपने पेशे में इतने कुशल थे कि ऐसा बिरला ही कोई मुकदमा होता था जिसमें वह किसी न किसी पक्ष की ओर से न रख
लाला जीवनदास को मृत्युशय्या पर पड़े 6 मास हो गये हैं। अवस्था दिनोंदिन शोचनीय होती जाती है। चिकित्सा पर उन्हें अब जरा भी विश्वास नहीं रहा। केवल प्रारब्ध का ही भरोसा है। कोई हितैषी वैद्य या डॉक्टर का ना