*इस संसार में जन्म लेने के बाद स्वतंत्र रहने का अधिकार प्रत्येक जीव मात्र को है ! परिस्थिति वश मनुष्य पराधीन हो जाता है ! पराधीनता का दुख वही समझ सकता है जिसने यह कष्ट झेला है ! बाबा जी ने मानस में लिखा है :- "पराधीन सपनेहु सुख नाहीं" ! हमारा देश भारत भी पराधीनता की जंजीरों में जकड़ा हुआ था ! तिरंगे झंडे के नीचे हमारे अमर शहीदों के बलिदान के फलस्वरूप १५ अगस्त सन १९४७ को हमको स्वतंत्रता प्राप्त हुई ! भारत ने नई सुबह में अंगड़ाई ली एवं अंग्रेज मुक्त भारत नवनिर्माण की ओर चल पड़ा ! भारत की स्वतंत्रता एवं स्वतंत्रता संग्राम में हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का बहुत बड़ा महत्व था ! हाथ में तिरंगे को लेकर के अनेकों बलिदानी शहीद हो गए ! हमारी शान , हमारा सम्मान , हमारा अभिमान हमारा तिरंगा है ! प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है कि उनके किसी भी क्रियाकलाप के द्वारा कभी भी तिरंगे का अपमान ना होने पाए ! यद्यपि हमारे देश की शान तिरंगा है परंतु राष्ट्रीय पर्वों पर तिरंगा फहराने का अधिकार आम जनमानस को नहीं मिला था ! सरकारी कार्यालयों , शैक्षणिक संस्थानों आदि में ही ध्वजारोहण कर के राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते थे , जिससे आम जनमानस का संबंध इस तिरंगे से औपचारिक रूप से ही रह गया था ! संस्थागत रूप में ही तिरंगे को प्रत्येक भारतवासी देखता था और उसके मन में स्वयं के घर पर तिरंगा फहराने का उल्लास दब जाता था ! समय सदैव एक बराबर नहीं रहता धीरे धीरे स्वतंत्रता प्राप्त किए हमको ७५ वर्ष हो गया ! इन ७५ वर्षों में कभी भी एक आम नागरिक अपने घर के ऊपर तिरंगा फहराने का सपना पूरा नहीं कर सका परंतु वह समय भी आया और प्रत्येक भारतवासी स्वयं को गौरवान्वित मानने लगा , उसे ऐसा लगा जैसे उसका चिरकाल से लंबित अपूर्ण स्वप्न पूरा हो गया हो , क्योंकि आज प्रत्येक भारतवासी अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए स्वतंत्र है !*
*आज हमारे देश भारत को स्वतंत्र हुए ७५ वर्ष व्यतीत हो गए , इस उपलक्ष में आम जनमानस को अपने घर पर तिरंगा झंडा फहराने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु "आजादी के अमृत महोत्सव" के रूप में एक अभियान चलाया गया जिसके अंतर्गत प्रत्येक भारतवासी अपने घर पर तिरंगा फहरा करके तिरंगे के साथ अपना लगाव , अपनी आत्मीयता का प्रदर्शन कर रहा है ! मैं "आचार्य अर्जुन तिवारी" देख रहा हूं कि आज प्रत्येक गांव एवं प्रत्येक शहर में तिरंगा यात्रा बड़े हर्षोल्लास के साथ निकाली जा रही है ! यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि पूरा का पूरा गांव , पूरा का पूरा शहर तिरंगामय दिख रहा है ! प्रत्येक घरों पर लहराते हुए तिरंगे को देख कर के देशभक्ति का एक अप्रतिम आभास हृदय में होता है ! आज के पहले इस तिरंगे झंडे के साथ हमारा संबंध औपचारिक एवं संस्थागत रूप में ही था परंतु आज आजादी के ७५ वर्ष के अंतर्गत एक राष्ट्र के रूप में झंडे को सामूहिक रूप से घर पर लाना ना केवल तिरंगे के साथ हमारे व्यक्तिगत संबंध का प्रतीक है वरन यह राष्ट्र निर्माण में हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है ! आज जिस प्रकार हमारे देश के कई क्षेत्रों में कुछ लोगों के द्वारा देश को तोड़ने का षडयंत्र चलाया जा रहा है उस को ध्यान में रखते हुए लोगों के हृदय में देशभक्ति की भावना जागृत करने एवं हमारे अभिमान , सम्मान के प्रतीक तिरंगे झंडे के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए "हर घर तिरंगा अभियान" एक महत्वपूर्ण पहल कही जा सकती है ! प्रत्येक भारतवासी को शासन के निर्देशानुसार अपने घर पर सम्मान के साथ तिरंगा फहराना चाहिए और तिरंगे के सम्मान के लिए सदैव मर मिटने के लिए तैयार रहना चाहिए ! तिरंगा हमारी शान है आज "हर घर तिरंगा" अभियान के अंतर्गत एक - एक भारतवासी को अपने घर पर तिरंगा लगाने का अधिकार प्रदान करके भारत सरकार ने सबके हृदय की भावना को समझा एवं सब को गौरवान्वित महसूस करने का एक अवसर प्रदान किया इसके लिए कोटिश: आभार !*
*"आजादी का अमृत महोत्सव" "तिरंगा यात्रा" एवं "हर घर तिरंगा" के अभियान में सम्मिलित प्रत्येक भारतवासी का ह्रदय गदगद हो रहा है ! अपने देश के अभिमान , सम्मान , पहचान तिरंगे झंडे के लिए प्रत्येक भारतवासी के हृदय में एक विशेष स्थान है !*