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त्वचा शरीर का सबसे कोमलहिस्सा होता है। शरीर के अंदरूनी हिस्से की तुलना में स्किन सीधे बाहरी वातावरण केसंपर्क में रहती है। जिसके चलते बाहर की धूप, धूल, मिट्टी गंदगी, प्रदूषण, बाहरी वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया आदि सभी त्वचाको प्रभावित करते हैं। वर्तमान समय के खानपान तथा वातावरण के लगातार दूषित होने क

सोरायसिस एक स्किन संबंधीबीमारी है, जिसेस्किन का अस्थमा भी कहा जाता है। इसमें स्किन सेल्स काफी तेजी से बढ़ते हैं।वर्तमान समय में सोरायसिस की समस्या से दुनियाभर की तीन फीसदी आबादी यानि करीब 12.50 करोड़ लोग प्रभावित हैं।विशेषज्ञों के अनुसार मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली में अनियमितता होने केकारण स

वर्तमान समय में कोरोनावायरस से ग्रसित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। आलम यह है कीसामान्य सर्दी बुखार से भी लोग घबरा रहें हैं। असल में इस घबराहट की सही वजहकोरोना वायरस के लिए लोगों की जागरूकता न होना ही है। ऐसे में यह बहुत आवश्यक हैकी लोगों को सामान्य सर्दी बुखार हो जाने से होने वाल

महिलाओं में होने वालील्यूकोरिया की समस्या एक आम समस्या है। यह अधिकतर महिलाओं या युवतियों को प्रभावितकरती है। ल्यूकोरिया को श्वेत प्रदर या सफ़ेद पानी की समस्या भी कहा जाता है। यहसमस्या अलग अलग कारणों से उत्पन्न होती है। अनियमित खानपान, बदलती जीवन शैली इस समस्याके प्रमुख कारण हैं। ल्यूकोरिया की समस्या

उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन से आज के समयमें बहुत बड़ी संख्या में लोग ग्रसित हैं। रक्त प्रवाह के कारण नसों की दीवारों परदबाव पड़ता है। यह स्थिति ही उच्च रक्तचाप कहलाती है। यह आमतौर से इस बात पर निर्भरकरता है की मानव का ह्रदय कितनी गति से रक्त को पंप कर रहा है। इस समस्या के कारणभारत में प्रतिवर्ष करीब ढा

वर्तमान समय में वातावरण में प्रदूषणलगातार बढ़ता जा रहा है। वायु तथा मिट्टी में हानिकारक तत्वों की मात्रा काफीज्यादा बढ़ चुकी है। इसीलिए ही Respiratory Tract सेसंबंधित रोग काफी तेजी से बढ़ते जा रहें हैं। प्रदूषित वातावरण में श्वास फूलने याअस्थमा कि समस्या लोगों में बढ़ती जा रही है। प्रदूषित वातावरण के अल

महिलाओं के लिए मां बनना किसी वरदान जैसाहोता है। लेकिन सामान्य महिला से मां बनने का यह सफ़र काफी मुश्किल होता है।गर्भावस्था में महिलाओं को कई प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं का सामनाकरना होता है। यदि इस अवस्था में आयुर्वेदिक उपचार लिया जाए तो GynecologicalDisorders में अत्यंत लाभ प्राप्त होता है

रोग प्रतिरोधक क्षमता कई प्रकार कीबीमारियों से हमें बचाती है। कई प्रकार की छोटी मोटी बीमारियां इस प्रकार की होतीहैं, जिनसे हमारा शरीर खुद ही निपट लेता है। रोगप्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने से हमारे शरीर पर बीमारियों का असर अधिक मात्रामें होने लगता है। इस प्रकार हम जल्दी जल्दी बीमार होने लगते हैं तथा

यदि कोई पुरुष खुद को यौन संबंध बनाने केलिए तैयार नहीं कर पाता अथवा यौन क्रिया के लिए इरेक्शन नहीं रख सकता तो यह स्थितिस्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहलाती है। यदि इरेक्शन की समस्या कभी कभी होतीहै तो यह चिंता का विषय नहीं होती लेकिन यदि यह लगातार हो रही है तो यह आपके जीवनमें तनाव, आत्मविश्वास में

किसी भी महिला के आकर्षक व्यक्तित्व मेंउसके स्तन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सुडौल स्तनों को महिलाओं की सुंदरताके लिए परिभाषित किया जाता है। देखा जाए तो प्रत्येक महिला सुंदर तथा सुडौल स्तनचाहती है लेकिन बहुत सी महिलाओं के स्तनों का आकार पर्याप्त नहीं होता है। इस कारणवे हीन भावना से भी ग्रसित हो

मधुमेह की समस्या वर्तमान में बहुत तेजीसे बढ़ती जा रही है। मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति को अपने खानपान का ध्यान हमेशा रखनाहोता है। इस कारण भी मधुमेह की समस्या से ग्रसित रोगी हमेशा परेशान रहता ही है। यहएक ऐसी बिमारी है, जो यदि किसी को हो जाए तो उसका पीछाजीवनभर नहीं छोड़ती है। इस कारण ही इस बिमारी को गंभीर ब

बीतें कुछ वर्षों में किडनी से जुड़ीबीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। इसके बावजूद भीलोग किडनी से जुड़ी समस्याओं के लक्षणों को समझ नहीं पाते हैं और डॉक्टर के पास जबपहुचतें हैं तब तक समस्या काफी बढ़ चुकी होती है। किडनी हमारे शरीर की सफाई के लिएअत्यंत आवश्यक होती है। यह शरीर की

स्त्री पुरुष के रिश्ते के कमजोर पड़ने केपीछे हालांकि कई कारण होते हैं लेकिन यौन समस्याएं भी इन्हीं कारणों में से एकहैं। कई बार पुरुषों की यौन समस्याएं उनको पार्टनर के सामने शर्मिंदा करा देतीहैं। अतः सही समय पर इन समस्याओं का सही उपचार होना बहुत आवश्यक होता है। पुरुषोंमें कई प्रकार की यौन समस्याएं होत

स्वस्थ शरीर के लिए ह्रदय का भी स्वस्थहोना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ह्रदय के संबंध में किसी प्रकार की लापहरवाही नहींकरनी चाहिए। वर्तमान समय में अनियमित तथा दूषित आहार के कारण महज 30 से 40 वर्षमें ही लोग तेजी से ह्रदय रोगों का शिकार होते जा रहें हैं। यह समस्या इतनी बढ़ रहीहै की आज प्रत्येक परिवार में कोई

गिलोय आयुर्वेद की एक General Wellness औषधी है। जिसकासेवन हर उम्र का व्यक्ति कर सकता है। वर्तमान समय में जो लोग कोरोना वायरस जैसीगंभीर समस्या से बचाव चाहते हैं, उनको नियमित तौर परगिलोय का सेवन अवश्य करना चाहिए। गिलोय बेल के रूप में पाई जाती है और इसका आकारपान के पत्ते की तरह होता है। 6 वर्ष से 18 वर्

गर्मी के मौसम में पेट तथा पाचन संबंधीअनेक समस्याएं तेजी से बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्यों की इस मौसम में हमारीजीवन शैली तथा खानपान की आदतें बदल जाती हैं। इस मौसम में बढती गर्मी के कारण शरीरसे अधिक पसीना आने लगता है तथा साथ ही हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घटने लगतीहै। इस कारण से किसी भी अन्य मौ

दूषित जीवन शैली तथा खानपान के कारणवर्तमान में किडनी की समस्याओं वाले लोगों की संख्या बढती जा रही है। यदि कोईव्यक्ति धुम्रपान करता है, मोटापे का शिकार हैया उच्च रक्तचाप से ग्रसित है तो ऐसे व्यक्ति को अपने गुर्दों की जांच अवश्य करालेनी चा

ह्रदय की समस्याएं तेजी से दुनिया मेंबढ़ती जा रही हैं। एक अध्ययन के मुताबिक एक हजार लोगों में 272 लोग ह्रदय की समस्यासे ग्रसित होते हैं और यह आकड़े 26 वर्ष में दोगुना हो सकते हैं। अत: दिल की बिमारीके बारे में लोगों को सही जानकारी होनी चाहिए ताकी वे इस समस्या से अपना बचाव

आज के समय में रक्त में होने वाली अशुद्धिके कारण कई प्रकार की त्वचा संबंधी समस्याएं तेजी से फैलती जा रही हैं। रक्त मेंहोने वाली अशुद्धियो के कारण त्वचा का रंग बदल जाता है, दानेया लालिमा अथवा खुजली होनी शुरू हो सकती है। इसके अलावा चेहरे पर कील मुंहासे जैसीसमस्याएं भी रक्त में होने वाली अशुद्धि के कारण

रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर को बहुतसे रोगों से सुरक्षित रखती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पर हमारे शरीर को जल्दीही बीमारियां जकड़ लेती हैं। इस प्रकार के हमारा शरीर जल्दी ही कमजोर पड़ जाता हैतथा हम बीमार हो जाते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर को कई प्रकार के फंगससंक्रमण तथा बैक्टीरियल संक्र

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