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बरसात

hindi articles, stories and books related to barsat


चेहरा वही होता हैं ,लेकिन उस चेहरे पर कोई मरता है ,तो वही कोई उस चेहरे को जला देता है ,कोई उस चेहरा से प्यार करता है ,तो कोई उस चहेरा से बेइंतहा नफरत करता हैं ।ये सब अपनी - अपनी सोच पर निर्भर करता है

दुनियां में कुछ लोग ऐसे भी होते है . . .जो बातें तो बड़ी - बड़ी औरमहान पुरुषों वाली करते है . . .परन्तु रियल लाइफ में वो बहुत ही घटियाँ और नीच सोच वाले होते है ।✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

           छूने को तो मैंने ..              आसमान की ख्वाहिश की है           और इस ख्वाहिश को पूरा करने क

भगवान     मुझे इतनी ऊंचाइयां कभी मत देना       कि मैं लोगों को भुल जाऊ ।✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

ऊँचाई पर जाने के लिए बोलते बहुत कम हैऊँचाई को छूने पर वही जलते बहुत हैरास नहीं आती उनको मेरी ऊँचाई पर पहुँचना                इसीलिएवो मेरी टाँग खीचाई करते बहुत

यूँ भी हर रात गुजर ही जाती है             चाहेवो तख्त पर बीते या तख्ते पर ॥✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

      संस्कृति अरे मै भी प्यार करती हूँ सोम से और दौड़कर वो भी हग कर लेती है । संस्कृति को ऐसा करते देख सब ग्रुप हग करते हैं ।      संस्कृति माहौल को बदलते हुए बोली यार च

अपूर्वा देखो तो जरा इन महारानी को एक तो तैयार नही हुई है अभी तक और बेचारे के पीछे पड़ गयी थी ।अब आगे      थोड़ी देर में संस्कृति भी आ गई । संस्कृति को देख कर सृष्टी उसके पास गई और अपनी

अपूर्वा देखो तो जरा इन महारानी को एक तो तैयार नही हुई है अभी तक और बेचारे के पीछे पड़ गयी थी ।अब आगे      थोड़ी देर में संस्कृति भी आ गई । संस्कृति को देख कर सृष्टी उसके पास गई और अपनी

अभी वो अपना बाल ही बना रही थी कि #savvy friends  आ गए ।             संस्कृति दरवाजा खोलते ही बोल पड़ी लो भाई बड़ी जल्दी आ धमके । सात्विक लो भाई इसमें भी गल

संस्कृति अंदर पहुंचते हैं अपना नौटंकी शुरू कर दी ।लगता है आज मेरी आखरी दिन है पर कोई नहीं इतना कहकर वह गिरते पड़ते गाना गाने लगी ।मैं दुनिया मैं दुनिया तेरी छोड़ चलामैं दुनिया तेरी छोड़ चलाओ, मैं

   सुबह के 8:00 बजे तक एक छोटे से घर में , अपने कमरे में सोयी संस्कृति अपने ही सपनों की दुनिया में खोयी थी । वो सपने में अपने दोस्तों के साथ किसी रिसोर्ट में पार्टी करने गई थी , वह अपने दोस्

   बड़े ही दुर्भाग्य जनक वो क्षण होते है , जब अपने ही लोग पराये लगने लगते है।✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

मेरा आईना झूठा नहीं,वो हमेशा सच बोलता है ।मै मेरे दिल के आईने मे देखती हूँ ।जो हमेशा सच बोलता है।मेरा आईना झूठा नही ,वो हमेशा सच बोलता है।✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

भले ही आज मैं कुछ लोगों के जिंदगी का कांटा हूँ ...लेकिन मेरी मौत के बाद याद आयेगा उन्हें ...मेरा गुस्से में भी उनको हंसा देना ...    ✍🏻रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

मेरी जिंदगी एक जंग सी हैं बन गई ...जिससे हर रोज मैं लड़ती हूँ ...अंजाम नहीं पता मुझे ...के इस जंग को जीतूंगा या हारूंगी ..मुझे तो आदत है . . .लोगों की खुशियों में खुश हो जाने की ...अपनी खुशी क्या है ?

🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤कहने को तो मेरी जिंदगी बड़ी खुशहाल हैं . . .पर मुझसे पूछो तो मेरी जिंदगी बदहाल है . . .बस एक मौत ही निजात दिला सकती है . . .इस दर्द से भरी जिंदगी के नगरी से ...बड़ी मिन्नते

 मैंने ख़ुदा से  ख़ुद के लिएअगर शिद्दत से कुछ माँगा है . .पूरी मिन्नत के साथ — तो वो सिर्फ और सिर्फ .." मौत "लेकिन मेरी बदनसीबी तो देखों ..उसने मुझे उससे भी महरूम कर दिया —की होगी मैंने

🙁💔🖤   इस दुनिया में कोई मेरा नहीं यहाँ 🖤जिसे हम मानते है अपना   ,,, वहीँ हमसे करता है बात गैरों सा ,,, वो मुझे अपना नहीं,,,समझता है गैर ,,, वो प्यार नहीं,,,

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