गीता
गीता के शब्द आज
कृष्ण की वाणी है छिपी ध्वनि-तरंग में।
हे विज्ञान ! तू ही बन जा, ईश का आविष्
ध्वनि-ऊर्जा का संभव रूपांन्तरण मात्र ।
ईश
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27 नवम्बर 2015
गीता
गीता के शब्द आज
कृष्ण की वाणी है छिपी ध्वनि-तरंग में।
हे विज्ञान ! तू ही बन जा, ईश का आविष्
ध्वनि-ऊर्जा का संभव रूपांन्तरण मात्र ।
ईश
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में एक वैज्ञानिक हूँ. हिंदी में अत्यधिक रूचि रखती हूँ. पिछले लगभग 35 वर्षो से हिंदी लेखन के माध्यम से हिंदी के प्रचार - प्रसार में सक्रिय हूँ. 5 काव्य संग्रह सहित कुल 7 मौलिक पुस्तके प्रकाशित . 8 पुस्तके सम्पादित
प्रचार-प्रसार हेतु सद्य प्रकाशित पुस्तक – एक माँ यह भी
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