देखी ज़ब मैंने,
एक नन्ही सी मासूम जान,
कचरा बीनते हुए।
तो दिल भर आया देख उसे,
उसका वो मासूम बचपन छिनते हुए।😔
जहाँ हम रोकते हैं अपने बच्चों को,
एक ऊँगली लगाने के लिए।
वहीं वो मासूम नहाते हैं कचरे से,
दो जून कि पाने के लिये।
यही सोच मन उदास होता है।😔
पर वो मासूम कचरे में भी खास होता है।
देखती हूँ ज़ब उसकी गंदी सूरत,
में वो भोली सी मूरत,
तो दिखती है मुझे वो,
ईश कि तरह ही खूबसूरत।❤
@ vineetakrishna