shabd-logo

***माटी की मनुहार ***

4 अक्टूबर 2021

37 बार देखा गया 37

माटी की सुन लो मनुहार,
माटी का न करो व्यापार।
माटी है सोने की खान ,
माटी को कर लो प्रणाम।

माटी कहे मैं तुझे सजा दूँ,
हीरा और कोहिनूर बना दूँ।
कर दूँ जगमग सारा जहान,
माटी का न करो अपमान।

माटी को तुम फिर पुचकारो,
अपना सोया भाग्य जगा लो।
हो जायें तेरे सारे काम,
माटी का न करो अपमान।

माटी में एक दिन तुम्हें मिलना,
रिश्ते नातों से है बिछड़ना।
माटी से तेरी पहचान,
माटी का न करो अपमान।

तन के सारे रोग भगेंगे,
माटी के ज़ब दिए जलेंगे।
माटी में है तेरे प्राण,
माटी का न करो अपमान।

माटी के ढेरों उपकार,
सुख समृद्धि तेरे द्वार।
रिद्धि सिद्धि की है पहचान,
माटी का न करो अपमान।

माटी ज़ब ज़ब है मुस्काई,
धरा पे हरयाली है छाई।
माटी से है तेरी शान,
माटी का न करो अपमान।

कंचन सी काया ये तेरी,
माटी में ही जाके मिलेगी।
माटी में सबका विश्राम।
माटी का न करो अपमान।

माटी के रंग पर न जाओ,
काली कहकर उसे न भुलाओ।
गुणों से होता है गुणगान,
माटी को कर लो प्रणाम।
@ vineetakrishna


विनीता गुप्ता की अन्य किताबें

16
रचनाएँ
मनप्रीत
0.0
मौलिक रचनाएँ
1

*** एक मासूम जान ***

2 अक्टूबर 2021
6
6
2

<p><span style="font-size: 1em;">देखी ज़ब मैंने,</span><br><span style="font-size: 1em;">एक नन्ही सी

2

💫उठ जाग मुसाफिर भोर भई 💫

3 अक्टूबर 2021
1
2
0

<div align="left"><p dir="ltr">😊उठ जाग मुसाफिर भोर भई,<br> अब रैन कहाँ जो सोवत है।<br> टुक नींद से

3

*** दुनिया तो एक है ***

3 अक्टूबर 2021
2
4
2

<div align="left"><p dir="ltr">आत्मा एक है।<br> शरीर एक है।<br> खून एक है।<br> खून का रंग एक है।<br>

4

*** स्वतंत्र दिवस, पंद्रह अगस्त ***

3 अक्टूबर 2021
3
3
1

<div align="left"><p dir="ltr">जन गण मन की धुन से झंकृत,<br> मन वीणा के तार हुए।<br> माँ भारती सजी ह

5

*** समय की मांग ***

4 अक्टूबर 2021
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">रुक जा बंदे निकल न घर से,<br> यही समय की मांग रे ।<br> हिम्मत और हौसल

6

गुरु की महिमा

4 अक्टूबर 2021
1
0
1

<div align="left"><p dir="ltr">गुरु की महिमा जाने कौन,<br> गुरु ने सिखाया रहना मौन।<br> तन मन धन सब

7

***माटी की मनुहार ***

4 अक्टूबर 2021
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">माटी की सुन लो मनुहार,<br> माटी का न करो व्यापार।<br> माटी है सोने की

8

***तारों के नीचे ***

4 अक्टूबर 2021
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">याद आ रहा वो गुजरा जमाना,<br> भूला भूला सा कुछ आज।<br> ज़ब होती

9

***अबला नारी ***

4 अक्टूबर 2021
1
0
1

जिंदगी के सफर की,<div>मैं हूँ एक अबला नारी।</div><div>पर सबला बनकर जीती हूँ।</div><div><br></div><di

10

***पतझड़ को न दुत्कारो भला ***

4 अक्टूबर 2021
1
0
1

<div align="left"><p dir="ltr">पतझड़ आने वाला है, नया संदेश लाने वाला है।<br> खोयी हुई हरयाली को, वाप

11

एक चैट रूम दादी हमको भी चाहिए

4 अक्टूबर 2021
3
3
0

<div align="left"><p dir="ltr">एक चैट रूम दादी हमको भी चाहिए।<br> एक अच्छा मोबाइल हमको दिलाइये।<br>

12

ये जिंदगी सांप सीढ़ी का खेल है

4 अक्टूबर 2021
0
1
0

<div align="left"><p dir="ltr">ये जिंदगी सांप सीढ़ी का खेल है।<br> कहीं सफलता तो कहीं असफलता का मेल ह

13

समय का पहिया बड़ा महान

5 अक्टूबर 2021
2
1
0

<div align="left"><p dir="ltr">समय का पहिया बड़ा महान,<br> आगे बढ़ना समय का काम।<br> नहीं किसी से इसकी

14

मन के पंछी

5 अक्टूबर 2021
1
1
0

<div align="left"><p dir="ltr">रंग बिरंगे मन के पंछी<br> प्रेमी हमें बनाते हैं।<br> दिखा के सपने मीठ

15

टिमतिमाते सपने

5 अक्टूबर 2021
1
1
0

<p>पोती बोली दादी मेरे कुछ,<br> टिमटिमाते सपने हैं।<br> छूना मुझको चाँद सितारे,<br> जो लगते मुझे अपन

16

झूलती मौत

9 अक्टूबर 2021
2
2
2

ये जीवन जन्म की ही नहीं,<div>मृत्यु की भी रेखा है।</div><div>हर किसी ने यहाँ,</div><div>झूलती मौत को

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए