गम राह में खडा था,
गले लगा लिया,
अब साथ साथ चलता है,
दामन से चिपका रहता है,
मिन्नते करता हूँ,
ना छोड़ने की जिद्द करता है,
चंगुल में ऐसा जकड़ लिया,
मुझको गले लगा लिया ।
कहता हूँ मेरे भाई,
मैं तो खुशी की तलाश में निकला,
तुम मेरे गले क्यों पडे,
इस राह में तो हजारों खडे,
उनको भी अपने स्वाद का,
एहसास नहीं दिया ।
मुझको गले लगा लिया ।
गम ने गले लगा लिया ।।
हम हमराह खुद ही चुनते,
जो मेरे सुपात्र होते,
दोस्त बनकर आया तो साथ साथ
चलेंगे वादा है तुमसे एक दिन
खुशी अवश्य देंगे ,
यह बात बोल गम ने मुस्करा दिया,
खुशी की तलाश में निकले, .