कल अपनी मुंबई कलीग के साथ मथुरा जाना हुआ। 2 km पहले ही गाड़ी पार्क करा दी गई क्योंकि आगे नो एंट्री थी। दर्शन के लिए श्री कृष्णा जन्मस्थान गए। वहां दर्शन के बाद याद आया कि बहुत साल पहले मैं द्वारकाधीश मंदिर भी गई थी जो किसी पतली सी गली में था। लेकिन कृष्णा जन्मस्थान में भीड़ भाड़ होने से, ज्यादा समय लग जाने से, सभी थकान महसूस कर रहे थे तो किसी ने उत्सुकता नहीं दिखाई। अलबत्ता मेरे मन में था कि वह पुराना मंदिर नहीं देखा।