दिनाँक : 09.3.2022
समय : रात 11:30 बजे
प्रिय डायरी,
आपको एक खुशी की बात बतानी थी। मेरी दूसरी पुस्तक- 'अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद', जो कि एक कहानी संग्रह है, प्रकाशित हो गई है। लेकिन ये समझ आ गया कि क्यों पूर्णकालिक लेखक कम होते है। 🤗 लेखक को अपना घर चलाने के लिए एक अदद नौकरी करना बहुत जरूरी है। पता नहीं चेतन भगत ने कैसे अपना पहला ही नावेल प्रकाशित होते ही नौकरी छोड़ दी थी ???
लेखक लिखे, टाइपिंग करे, प्रूफ रेडिंग करे, सेटिंग करे, प्रकाशन का खर्च करे, isbn खरीदे, फ्लिपकार्ट, अमेज़ॉन पर लिस्टिंग करे, विज्ञापन करे, पाठक/खरीददार ढूंढे, वितरण करे। यानि लिखने की मेहनत करने के बाद के सारे खर्चे खुद करे। जो खर्च किया है, वही वापिस आ जाये तो गनीमत। लिखने की मेहनत और दिमाग चलाने का मेहनताना तो भूल ही जाइये।
ख़ैर! सब कुछ एक्सपेरिमेंट कर लेना चाहिए ताकि कयामत के दिन यह न अखरे की काश! मैने ये किया होता। 😛
एक खुशखबरी और है, वह कल शेयर करूँगी।
आपकी सखी,
गीता भदौरिया