दिनांक : 01 मार्च 2022
समय : शाम 7 बजे
प्रिय सखी,
सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा
कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।
यूक्रेन में आज एक भारतीय छात्र की मौत ने मन द्रवित कर दिया। तो सोचा क्यों ना डायरी के साथ मन की बात साझा करु!
सखी तुम्हे पता है तुम कितने काम की हो। तुम सोच भी नही सकती कि हर मर्ज की, हर दर्द की दवा हो तुम। आज की भाग दौड़ वाली जिंदगी में किसे समय है कि वह दूसरे की सुने। वैसे सखी सुनाने वाले दिन भी अब लद गए। सुनाया तो हमारे जमाने मे जाता था, सुनने वाले के कान सुन्न पड जाते थे, और सुनाने वाले के दिल को चैन। अरे! मै तो मुद्दे से ही भटक गई।
तो सखी, मुद्दा ये है कि जब मन मे बहुत सी बांते भटकती, अटकती हैं और व्यक्ति किसी को बता नही पाता या किसी से कुछ कह नहीं पाता तब या तो उसका बीपी बढ़ता है या वह डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। जो व्यक्ति अपने मनोभावों को छुपाता है वह अंदर ही अंदर खोखला हो जाता है। इसलिए कभी भी अपने मनोभावों को बहुत दिनों तक दबा कर नही रखना चाहिये। जो मन मे आये व्यक्त कर दो, आप खुश रहेंगे और दूसरों को भी खुश रखेंगे।
अरे ! अरे! सखी इसका मतलब यह नहीं कि किसी को भी भला-बुरा कह दो। लेकिन अगर ऐसा करना ही चाहते हो तो एक डायरी बना लो और उसमें अपनी भावनाएं व्यक्त करो।
क्या कहा सखी, ये तो सोशल प्लेटफार्म है! हाँ, पर ये वर्चुअल वर्ल्ड है ना। तो कोई तुम्हे जज नहीं करेगा। किसी को नही पड़ी कि वह तुम्हारे बारे में सोचे और कॉमेंट पास करे। चार आदमी क्या कहेंगे, गए वो दिन। है ना मजेदार! और राजदार भी! कितने लोग हैं जो अपने नाम से लिखते ही नहीं हैं और अपने मन की भावनाओं को इस एप पर उँकेर भी देते है। डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को भी डॉक्टर यही सलाह देतें है। लेकिन सखी, यदि डायरी से बात ना बने तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं, डरें नहीं, अन्य बीमारियों की तरह ये भी एक बीमारी है बस।
भई! सुना है ना आपने, मन चंगा तो कठौती में गंगा। अथार्त अगर आपका मन स्वस्थ होगा, खुश होगा तो आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है, आपका घर और ये मंच ही पावन गंगा है। तो लगा डालिये एक डुबकी इस ज्ञान गंगा में और बन जाइए हिस्सा इसकी ज्ञानधारा का। मन के विकारों से मुक्ति ना मिले तो कहना।
स्वस्थ शरीर के अंदर ही स्वस्थ मन का वास होता है। तो जब आप खुश रहेंगे तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा, 'यू नो वाईस-वरसा'। तो आज से ही करो डायरी लिखकर निरोगी जीवन की शुरुआत। डायरी लेखन के इस जबरदस्त आईडिया के लिए शब्द. इन के थिंक-टैंक को बधाई देती हूं।
सबको मार्च के पहले दिन की राम-राम।
तुम्हारी सखी,
गीता भदौरिया