कुछ पता न चलेपर कारोबार चले,भरोसा न भी चले,जिंदगी चलती चले,चलन है, तो चले,रुकने से बेहतर, चले,न चले तो क्या चले,यूं ही बेइख्तियार चले,सांसें, पैर, अरमान चले,फिर, क्यूं न व्यापार चले,सामां है तो हर दुकां चले,हर जिद, अपनी चाल चले,अपनों से, गैर से, रार चले,इश्क है, न ह
आंखों देखी ‘हकीकत’ का मुगालता,सबको है, इसलिए झूठ हकीकत है।पाखंड है वजूद की जमीन की फसल,जमींदार होने का मिजाज सबमें है।खुदी की जात से कोई वास्ता ही नहीं,मसलों पे दखल की जिद मगर सबको है।अंधेरे में कुछ नहीं बस भूत दिखता है,टटोलकर खुदा देख पाने की आदत है।अपना वजूद ही टुकड़ों में तकसीम है,सच को बांटने की
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबैटन की पत्नी एडविना माउंटबैटन के बीच प्रेम संबंध को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं और अब खुद एडविना की बेटी पामेला ने बड़ी मुखरता से दोनों के संबंध पर बात की है। उन्होंने कहा कि दोनों भले ही एक-दूसरे से प्रेम करते थे, ले
'ट' से टीचरों ने 'म' से मुसीबत से बचने के लिए 'ह' से हेलमेट तो पहन लिए हैं लेकिन इस स्कूल में 'ब' से बच्चों का 'भ' से भला कैसे होगा! एक तरफ तो बच्चों का भविष्य और दूसरी ओर सिर पर मंडराती आफत, आखिर कैसे पढ़ें और कैसे बढ़ें ये बच्चे? जिंदगी की भी परवाह है और स्कूल में हाजिरी भी लगानी है। लेकिन स्कूल क
मेरे एक परिचित ये बताते हुए बहुत खुश हो रहे थे कि उनके बेटे को ठीक से हिंदी नहीं आती। उनके बेटे ने दिल्ली में रह कर अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई की है और वो अब ठीक से हिंदी नहीं बोल पाता। नहीं पढ़ पाता। एक अनिवार्य विषय के रूप में हिंदी की पढ़ाई भी उसने नहीं की। उसने उ
ऐसा लगता है कि उत्तराखंड की सरकार को मूर्खता का दौरा पड़ गया है। जो मूर्खता वह करने जा रही है, वह भारत में आज तक किसी भी सरकार ने नहीं की है। मज़े की बात है कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है। अब उत्तराखंड के 18000 सरकारी स्कूलों में सारे विषयों की पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
आज देश में आर्थिक एकीकरण के लिए वस्तु एवं सेवा कर ("वसेक") लागू कर दिया गया है पर इस कर की पूरी व्यवस्था केवल अंग्रेजी में शुरू की गई है ताकि सीए की सेवा लिए बिना कोई भी व्यापार ी इस कानून का पालन न कर सके और वह पूरी तरह सीए पर निर्भर रहे और राजभाषा एवं भारतीय भाष
स्वामी विवेकानंद. एक युवा संन्यासी, जिन्होंने भारतीय संस्कृति को विदेशों में पहचान दिलाई. साहित्य, इतिहास और आध्यात्म की अद्भुत जानकारी रखने वाले विवेकानन्द को एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू के तौर पर जाना जाता है, जो हिन्दू धर्म को प्रोग्रे
भारतवर्ष के ऐसे कई रहस्य हैं जिन्हें हम में से कई लोग आजतक सच मानते आ रहे हैं, लेकिन आज हम आपको उन सच के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हकीकत में कभी सच था ही नहीं। भारत के वे 8 झूठ जिन्हें हम लोग अब तक सच मानते थे।1. दुनिया में भारतीय र
** युवावस्था ** युवावस्था आये और सपनों की फसल न उगे ऐसा सम्भव नही इसलिए हमारी नवयुवा पीढी की आँखे भी सपनो की फसलों से लहलहा रही है बल्कि हमारी आज की युवा पीढी के पास अगर बड़े
यदि किसी व्यक्ति में इन 14 दुर्गुणों में से एक दुर्गुण भी आ जाता है तो वह मृतक समान हो जाता है।विचार करें कहीं यह दुर्गुण हमारे पास तो नहीं....कि हमें मृतक समान माना जाय... 1.कामवश- *जो व्यक्ति अत्यंत भोगी हो, कामवासना में लिप्त रहता हो, जो संसार के भोगों में उलझा हुआ हो, वह मृत समान है। जिसके मन क
Digital India - is a “Social Change” which involvestransforming the mind-set of its Citizen. After observing modernisation in all aspects of ordinarylife, we can still sense the need of digitization of education. Here's an informative read regarding the idea ofdigitization and how online education c
एक राजा था जिसे राज भोगते काफी समय हो गया था बाल भी सफ़ेद होने लगे थे । एक दिन उसने अपने दरबार मे उत्सव रखा और अपने गुरु तथा मित्र देश के राजाओ को भी सादर आमंत्रित किया ।उत
अपने देश को महान हर कोई दिखाना चाहता है, लेकिन ऐसा करने के लिए आप तथ्यों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते। लेकिन बड़ौदा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ने अपनी वार्षिक पत्रिका में कुछ ऐसी बातें लिख दी हैं जो गले से नीचे नहीं उतरतीं।आप अक्सर ही कई चीज़ों के बारे में सुनते होंगे कि कैसे उनका आविष्कार पहले भार
फ़ैन होना किसी से छिपा हुआ नहीं है, फ़ैन सबके होते हैं और फ़ैन सब कोई होते हैं। मोदी, केजरीवाल, सलमान, कैटरीना से लेकर डोनॉल्ड ट्रंप और राखी सावंत तक सबके। ये फ़ैन अपने आप में बहुत विचित्र प्राणी होता है। ये किसी से भी लड़ने भिड़ने की हिम्मत रखता है। मैं भी बहुत सारों का फ़ैन हूँ। फ़ैन होना भी आजकल
अपने देश की व्यवस्था से नाखुश कुछ लोग इसे छोड़कर जाने की बात करते हैं। हालांकि, इसी दुनिया में कुछ और भी देश हैं, जहां जिन्दगी वाकई आसान नहीं है। इन्हीं देशों में एक देश है उत्तर कोरिया। हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं इस देश के बारे में 27 बातें, जिन्हें जानकर आप न केवल हैरत में पड़ जाएंगे, बल्कि आपको