रोज की जिंदगी में हम लोग कई बार ऐसी परिस्थितियों से गुजरते हैं जब हमें समझौते करने पड़ते हैं , कभी रिश्तों में तो कभी अपने सपनों से । रोज ना जाने हम ना चाहते हुए भी जाने कितने समझौते कर लेते हैं सिर्फ यही सोच कर कि ठीक तो है ना । अगर मेरे ये करने से कोई रिश्ता बचता है तो ठीक तो है ना । अगर मेरे ये क
हर व्यक्ति अपनी जीवन का हीरो स्वयं होता है जीवन में कठिनाइयां न हो तो इंसान कि परख नहीं हो सकती अगर हम मुश्किलों से डर जाए और घबरा कर भाग्य को दोष देने लगें तो इससे उत्थान कैसे संभव है रावण के बिना राम राम न होते बिना कंस के आतंक के कृष्ण कृष्ण न होते
(1) एक इलेक्ट्रिशियन : जो ऐसे दो व्यक्तियों के बीचकनेक्शन कर सके, जिनकी आपस में बातचीत बन्द हो ।(2) एक ऑप्टिशियन : जो लोगों की दृष्टि के साथदृष्टिकोण में भी सुधार कर सके ।(3) एक चित्रकार : जो हर व्यक्ति के चेहरे परमुस्कान की रेखा खींच स
रामू की माँ तो अपने पति के शव पर पछाड़ खाकर गिरी जा रही थी.रामू कभी अपने छोटे भाई बहिन को संभाल रहा था ,तो कभी अपनी माँ को.अचानक पिता के चले जाने से उसके कंधों पर जिम्मेदारियों का बोझ आ पड़ा था.पढ़ाई छोड़,घर में चूल्हा जलाने के वास्ते रामू काम की तलाश में सड़को की छान मारता।अंततःउसने घर-घर जाकर रद्दी बेच
एक व्यक्ति बनकर जीना महत्त्वपूर्ण नहीं है अपितु एक व्यक्तित्त्व बनकर जीना अधिक महत्त्वपूर्ण है; क्योंकि व्यक्ति तो समाप्त हो जाता है लेकिन व्यक्तित्त्व सदैव जीवित रहता है ।