हम आलोचना या कटाक्ष के क्षेत्र में नए नहीं हैं , कुछ आलोचनाएं हैं जिन्हें आप जानकर अपनी रुचि को बढ़ा सकते हैं और लोगों की निंदा कर सकते हैं।और एक चरम सुख का आनंद उठा सकते हैं।
सड़क सुरक्षा पर लिखी गई हास्य व्यंग्य कविता।
कई शहरों के बीच सालों से ब्रिज बन रहे हैं और आवागमन पर वे एक तरह से बाधा डाल रहे हैं।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' टीकमगढ़ (मप्र) भारत के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार की तीसरा हाइकु संग्रह में पढ़िए हिन्दी के नवरचित हिन्दी हाइकु। इसके पूर्व राना लिधौरी के 1-रजनीगंधा ( हिंदी हाइकु संग्रह) सन्-2008 एवं 2 - 'नोनी लगे बुंदेली'(बुंदेली हाइकु सं
आज की दुनिया में इंसान को , कोई कदर नहीं, सैतानो को आज कल वसेरा होता है ! रूप रंग भेष भूसा सब रंग अनेक है , बड़े छोटे को कद्र नहीं सब कुछ फेक है , भगवन के भी घर में सैतानो का रेक है , मत पूछो इंसान को कैसे बसेरा होता है !सैतानो ....... संभल संभल क
राज्योत्सव में कुछ सालों से क्या हो रहा है उसकी एक बानगी।
राज्योत्सव में किएजा रहे फिजूल खर्ची को बयां करती कविता।
विषय _ कविता चौसर का दांव """""""""""""""""" मोहब्बत थी या यूं ही एक पल का झुकाव था ! कुछ उम्र ही ऐसी थी कुछ उस वक्त का ताव था !! दरिया तो पार करने की तमन्ना थी बहुत _ हम क्या करे जब न कोई पतवार न नाव था ! उधेड़बुन में जिंदगी कुछ यूं गुजर र
देश के खेवनहार तुम्हारी ऐसी - तैसी करेंगे नैया पार तुम्हारी ऐसी- तैसी !! डाकू , चोर, लुटेरे , गद्दारों के वंशज बनते इज्जतदार तुम्हारी ऐसी- तैसी !! प्रजातंत्र के मखमल में पैबंद टाट के कैसे हो सरकार तुम्हारी ऐसी- तैसी !! खून पसीने से सिंचित भारत क
दरअसल लौकी, लौकी नही होती, वो आपकी बीबी की इज्जत का सवाल होती है ! आप पूरी हिम्मत करके लौकी का एक एक निवाला गले से नीचे उतारते है ! बीबी सामने बैठी होती है ! जानना चाहती है लौकी कैसी बनी ! आप बीबी का मन रखने के लिये झूठ बोलना चाहते हैं पर लौकी झूठ बो
किसी फिल्म की कहानी को आगे हास्य के रूप में परोसा जाये तो वों भी कम मनोरंजक नहीं होगी.. प्रस्तुत किताब एक ऐसी ही कल्पना है, जिसमे अलग-अलग कई हास्य-व्यंग्य लिए गये हैं...
होली के त्यौहार पर पिचकारी पर केंद्रित समकालीन हिन्दी 21 दोहाकारों के लगभग 100 हिंदी दोहे पढ़िएगा। इस ई-बुक तैयार की है आपके लाडले कवि राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ मप्र भारत से एक बार जरूर पढ़िएगा कमेंट स बाक्स में जरूर बतायेक्षकि आपको ये नवरच
Yha milenge aapko majedar or bilkul nye chutkule
इस आयाम में आपको मिलेंगे ढेर सारे चंडूल के किस्से याद रहे चंडूल एक काल्पनिक नाम है और उससे जुड़े किस्से भी काल्पनिक है |
🦎🐊🐦🦎🐊🌺 तेरी ओर मेरी हे जनमो जनम की प्रित तु मेरी छीपकली और मै तेरी भिंत 😀🤣🦎🐊🐦 भिंत = दीवार 😀🔮😀😂🤣🌺😁💗 🌹 तेरी और मेरी जनमो जनम की प्रित सदा रही है चाहै तू दूर रहे या पास🌛 तू मेरी छीपकली ओर मै तैरी भिंत हू मतलब जेसै छिपक
राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय
यह एक मर्डर मिस्ट्री है जिसमें बहुत सारे पेच हैं । यहां पर ज्यादा नहीं बताऊंगा नही तो सारा रोमांच खत्म हो जायेगा । पढेंगे तो आनंद आयेगा ।