आकाश एम.ए.फाईनल ईयर में था, अचानक व्यापार में बहुत बड़े नुकसान की वजह से हार्टअटैक से पिता की मृत्यु हो गई, आकाश की अभी कोई नौकरी नहीं लगी थी, सारा बोझ आकाश पर आ गया।
क्रियाकर्म तो कर दिया मगर अब रस्म पगड़ी की समस्या, रिश्तेदारों की लम्बी लिस्ट, सबको खाने पर बुलाना ज़रूरी, उस पर रिश्तेदार कहें कि खाने का इंतजाम अच्छा करो, सब बहन-बेटी को और मन्दिरों में दान के नाम पर खुले दिल से पैसा दो, इस झूठी इज्ज़त के चक्कर में चार-पांच लाख का करज़ाई हो गया आकाश, 4 साल से जो अब तक भुगत रहा है।