शक
आरिफ, रिया की आज सुहागरात है, दोनों बहुत ही खुश हैं, लेकिन अगले ही दिन से आरिफ रिया से दूर रहने लगा, ना तो उससे अधिक बात करता और नि ही उससे पति-पत्नी वाला रिश्ता निभाता, रिया परेशान थी, कि आखिर एक रात में ऐसा क्या हो गया कि आरिफ इतना बदल गया, रिया के बहुत पूछने पर भी आरिफ कुछ न बताता, बस अन्दर ही अन्दर कुछ सालता था, जिसे लिया समझ नहीं पाती थी।
इस तरह 6 महीने बीत गए, मगर हालात ज्यों के त्यों थे।
एक दिन आरिफ रिया के हाथ पर तलाक के पेपर रखते हुए," रिया साइन कर दो"
"आरिफ ऐसा क्या हुआ जो पहली रात के बाद तुमने मुझे छुआ तक नहीं और इस तरह हमारी जिंदगी शुरू होने से पहले ही खत्म हो रही है"
"रिया पहली रात तुम्हें ब्लीडिंग नहीं हुई, तुम वर्जिन नहीं हो"
" आरिफ तुम्हें मुझ पर शक है?
स्पोर्ट्स गर्ल का हाइमन खेलने से फट जाता है, जिससे सेक्स के समय ब्लीडिंग नहीं होती, और यही कारण था कि मुझे पहली रात ब्लीडिंग नहीं हुई। मुझसे एक पुछा तो होता, हम बात करके शक की वजह को खत्म कर सकते थे, तुम्हारे इस बेबुनियाद शक ने हम दोनों को कितनी तकलीफ़ पहुंचाई है"
"मुझे माफ़ कर दो रिया, शक ने मेरा दिमाग खराब कर दिया था"
प्रेम बजाज ©®
जगाधरी ( यमुनानगर)
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