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जीवन मे सबसे ज्यादा पछतावे वाली घटना

hindi articles, stories and books related to Jivan me sabse jyada pachtave wali ghatna


किसी जानवर से टकराकर क्षतिग्रस्त हुई वंदे भारत ट्रेन की कुछ तस्वीरें कुछ राजनेताओं द्वारा ट्वीट कर भारत की made in India पालिसी का मजाक उड़ाया गया।कल को तेजस के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो भी मुझे यकीन

कभी स्कूल में जब पहली बार भूगोल की किताब पढ़कर ये बात पता चली कि पृथ्वी गोल है, तो कई दिन तक अपने आस-पास और चारों ओर घूम-घूम कर पता लगाने की कोशिश करती कि आखिर यह पृथ्वी कैसे गोल होगी, क्योँकि मुझे तो

 समय निकल जाता है और पीछे से सिर्फ पछतावा रह जाता है। जिंदगी हमें कई मौके देती है। कभी हम उसका फायदा उठा पाते हैं तो कभी चूक जाते हैं। ऐसी ही चूक हुई जीवन में जिसका मैं जिक्र कर रही हूॅं।  &

कुछ समय पहले जब मेरी नौकरी बड़ी कंपनी में लगी तब मुझमे अहंकार आ गया और मैं खुद को सबसे ऊंचा समझने लगा छोटो के साथ दुर्व्यवहार करना बड़ों से ऊंची आवाज में बात करना मेरी मानो आदत बन गई, और एक दिन मेरी

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ऐसे क्षण अवष्य आते हैं जब उसे लगता कि उसे उस समय वह कार्य नहीं करना चाहिए था और व्यक्ति का मन एक दुःख और निराषा से भर उठता है। इसी प्रकार की एक घटना याद आती है जब एक व्यक्

मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏इस नश्वर संसार में, कोई नहीं है अपना । स्वार्थ पूर्ति का सभी, देख रहे हैं सपना ॥ रोजगार पाने के स्वार्थ ने मेरे जीवन में,घटा दी पछताने वाली स

यह मेरे जीवन की एक सच्ची घटना थी जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता हूं।नये जोश और नये उत्साह के साथ हम अपनी जिंदगी की सफलता के लिए मेहनत करने के पीछे पड़े हुए थे। हमें इस बात से बिलकुल भी निराशा नहीं थी कि ह

यह मेरे जीवन की एक सच्ची घटना थी जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता हूं।नये जोश और नये उत्साह के साथ हम अपनी जिंदगी की सफलता के लिए मेहनत करने के पीछे पड़े हुए थे। हमें इस बात से बिलकुल भी निराशा नहीं थी कि ह

यह मेरे जीवन की एक सच्ची घटना थी जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता हूं।नये जोश और नये उत्साह के साथ हम अपनी जिंदगी की सफलता के लिए मेहनत करने के पीछे पड़े हुए थे। हमें इस बात से बिलकुल भी निराशा नहीं थी कि ह

प्रिय सखी।केसी हो । हम अच्छे है ।और शोप पर बैठे है।आज कल मौसम मे सर्दी घुलने लगी है ।ठंड का अहसास होने लगा है।इधर फरीदाबाद मे लगभग हर रोज बरसात आ रही है ।अभी अभी एक उपन्यास पूरा किया है ।और एक कहानी द

जीवन है एक अविरल धारा,सरल सुगम शांत सम गामी।होती है यदि उत्तेज उद्विग्न,उच्छखल जीवन पथ गामी।।जीवन है एक अविरल धारा,निश्छलता से ओत प्रोत मन।यदि जीवन हो विरह वेदना,दुख संतप्त में गुजरे जीवन।।जीवन न हो य

ईश्वर ने इस धरती को रचा हैं और ईश्वर ने ही इंसान को बनाया हैं अगर प्रार्थी के अनुसार इंसान को सबसे ज्यादा पछतावा तभी हो सकता हैं जब वह हर तरह से संपन्न हो और संपन्न होने के बावजूद उसने किसी असहाय की म

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