हिन्दी, अंग्रेजी साहित्य के बहुत बड़े समीक्षक-आलोचक, अनुवादक श्री अनूप चौबे का टी.वी. साक्षात्कार चल रहा था। साक्षात्कारकर्ता अनूप के पुराने मित्र नकुल प्रसाद थे। कुछ सवालो बाद नकुल को एक बात याद आ गई और अपने साथ लाये सवालो के बीच उन्होंने एक सवाल रखा। “आपने पहले कई बार अपना उपन्यास, कथा/काव्य संग्रह
मेरे कार्यालय में पानी के लिए बोरिंग हो रही थी तब मुझे "माँ" शब्द की महिमा एक और उदाहरण मिला।"माँ" शब्द की महिमा का बखान करने के लिए मेरा जीवन तो पर्याप्त नहीं है बस इतना कह सकता हु की "माँ" शब्द जोड़ते ही कोई भी महान हो जाता है। बोरिंग करते हुए एक के बाद एक कितने ही पाइप
हर इंसान अपन
( सुजीत कुमार) लखनऊ -- सच्चे प्यार का किसी कारण से जिंदगी से चले जाना हर इंसान के लिए सबसे मुश्किल भरा पल होता है, कभी- कभी कुछ गलतियों से आपके प्यार मे तकरार आ जाती है। जिसकी वजह से आपका प्यार आपसे दूर हो जाता है। ऐसे में अगर आप इस प्यार को वापस पाना चाहते हैं, तो बस आप हमारी इन पांच बातों को
कब कोई कोरे पन्नो को पढ़ पाता हैं।कब कोई ख़ामोशी को सुन पाता हैं।शोरगुल , भीड़ और आपाधापी के बीच।भीतर एक सन्नाटा हैं।लिखते लिखते यु ही।अश्क अक्सर ढल जाते हैं।जीवन भागता रहता हैं।क्या हम समझ पाते हैं.-राहुल मैं कहता आँखन देखी.: जीवन
आत्महत्या करना कायरता है अब चाहे किसी भी तनाव में हो पर जीवन की जंग तो हार ही गए। इस प्रकार का कायरता पूर्ण कार्य किसी को भी नहीं करना चाहिए। संघर्ष के बाद सफलता है और रात के बाद दिन है। यह प्रकृति का नियम है जिससे सृष्टि चल रही है। सुख और दुःख तो आते जाते रहते हैं। माता-पिता चाहें तो अपने