एकल परिवार के चलते बच्चे दादा-दादी की कहानियों से महरूम होते जा रहे है। जिससे बच्चों में नैतिक मूल्यों की कमी आई है। अब निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि बच्चों के लिए तैयार है यह धारावाहिक (दादा-दादी की कहानियां) आशा करते हैं बच्चों को ये क
दस आपराधिक कहानियों का संग्रह मात्र दस रुपये मूल्य में उपलब्ध है।
विवरण "God gave us beautiful life and different story for everyone's life, different experience for everyone. Sometimes it seems that we are also playing the character of a film. My experience which I saw, what I understood, I'm sharing with you. Ye
स्त्री ,पुरुष, बच्चे को सर्पदंश या सांप के काटने पर (बाबा) तेजाजी महाराज के नाम की उतरी(दागां) बांधा जाता है। जिससे जहर का असर नहीं होता। और 12 माह में एक बार मेला लगने पर बाबा के यहां मंदिर या चबूतरे पर उतरी( तातं) काट दी जाती।
मैंने अपने इस उपन्यास में औरत के आंतरिक संघर्ष और अंतर्द्वंद को दर्शाने के साथ साथ उसको अपने वज़ूद को क़ायम रखने के लिए कितना मानसिक कष्ट सहन करना पड़ता है जिससे वह अपनी नारी गरिमा को भी बनाए रख सके अन्यथा उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है।
ये कहानी है अंजली और अभिनव की जो समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने अपने परिवार को सम्मान देने के खातिर अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। और एक दूसरे की ज़िंदगी से अलग हो गए। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। दोनों एक बार फिर
कहानी में भोला और गंगा के प्यार को दिखाया गया है भोला की सर्प काटने से मृत्यु हो जाती है इस तरह गंगा भोला के नाम का सिन्दूर भरके उसकी याद में दिन गुजरने लगती है
◆●【इश्क़ और इत्तफ़ाक!】●◆ "इश्क़ और इत्तफ़ाक!" इश्क़ में इत्तफ़ाक की भूमिका बेहद अहम् होती है। इश्क़ में इत्तफ़ाक वही किरदार निभाता है, जो कुछ अब्द से ख़ाली पड़े मकान में एक किरायदार निभाता है। ये इत्तफ़ाक किसी मकान के किरायदार की तरह होता तो क
यह किताब हमें जीवन मूल्यों का असीम ज्ञान प्रदान करता है। मुश्किलों का निष्कर्ष भी देता है।हमारे जीवन प्रश्नों का जवाब भी इसमे मिलता है।यह धर्म और अध्यात्म के बारे मै भी बताता है।यह किताब किसी का भी जीवनशैली को बदलने और बेहतर बनाने मे कारगार है। #एक
ये एक ऐसा विषय हैं जिसे हम सभी ने कभी ना कभी महसूस किया हैं... लेकिन आज भी कोई इसके बारे में बात करना नहीं चाहता...।
हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद तुम मुझको यों ही भुला न पाओगे---- हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद बैस ---- खेल दिवस (29 अगस्त ) एवं मेजर ध्यानचंद की जयन्ती(29 अगस्त 1905 ) की सभी मित्रों को हार्दिक बधाई एव शुभकामनायें राजपूतों के गौरव ,विश्व के
एक ऐसी कहानी, जहां राजपरिवार में रहकर युद्धकला में माहिर एक सैनिक सेनापति बनने के लिए राज्य की एक प्रतियोगिता में भाग लेता है , लेकिन उस प्रतियोगिता में वो राजा की नाबालिग पुत्री से हार जाता या और उस हार का बदला वो अलग तरीके से लेता है। अपनी हार से क
"इश्क़ का ओटीपी" एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करेगा, जो विश्वशनीय व सात्विक प्रेम को ना दरसा कर... प्रेम के बदलते स्वरूप अर्थात आधुनिक प्रेम को पेश करेगा। आज की तारीख का वह रिश्ता जिसकी शुरुआत दोस्ती से हो कर प्यार तक का सफ़र तय कर वापस दोस्ती के शुरुआती क
कहानी मुलत: प्रेम और सस्पेंस पर आधारित है। कहानी कई मोङ से टर्न होता है। कहानी के मुख्य पात्र रोनित और राजन, दोनों एक दूसरे के परम मित्र। जब रोनित अपने जीवन में उलझ जाता है। तो राजन उसे बाहर निकालने की कोशिश करता है। कहानी जो बस्तुत: उपन्यास है, के क
एक पुरानी हवेली है ,उसके मालिक ने उसे खरीद कर छोड़ दिया था , पिछले तीस साल से वहां कोई भी रहता नही था कभी कभार कोई एकाध घंटे के लिए आता था तो वहां का सुनसान वातावरण और हवेली के अंदर चलती सायं सायं ठंडी हवा लोगो के होश उड़ देते हैं,और वह लोग वहां त
साधारण जन मानस से जुड़ी हुई रचनाएं।
''गरीबी में डॉक्टरी' के उपरान्त 'होंठों पर तैरती मुस्कान' मेरी कहानियों का दूसरा संग्रह है। संग्रह की कहानियाँ सीधे सरल शब्दों में सामाजिकता के ताने-बाने बुनकर मैंने पाठकों को कुछ न कुछ संदेश देने का प्रयास किया है। मेरे इस संग्रह की पहली शीर्षक कहान
डायन ( एक अधूरी प्रेम कहानी….. ) डायन एक प्रकार का भूत ही होती है । पर …. एक जिंदा महिला को डायन बनने के लिए … डायन साधना करनी पड़ती है । यह साधना किस प्रकार से होती है, यह तो नहीं पता । पर …. हमारे समाज में और भी बहुत सी कहानियां इससे संबंधित प्रचलि
7 कहानियों का संग्रह।।
‘मेरे क़िरदार थोड़ा इसी समाज से आते हैं, लेकिन समाज से कुछ दूरी बरतते हुए। मेरी कहानियों में ‘फ्रीक’ भी जगह पाते हैं, सनकी, लीक से हटेले और जो बरसों किसी परजीवी की तरह मेरे ज़हन में रहते हैं। जब मुकम्मल आकार प्रकार ले लेते हैं, तब ये क़िरदार मुझे विव