परिवर्तन प्रकृति का नियम। समाज में परिवर्तन की प्रक्रिया सदैव चलती रहती है। यह परिवर्तन कई चीजों पर निर्भर करता है एवं इसकी गति और दिशा हर समाज में अलग-अलग होती है। परिवर्तन प्राकृतिक और सांस्कृतिक होते हैं।
आज के आधुनिक युग में वैज्ञानिक आविष्कारों की वजह से नई नई मशीनों का उपयोग, दूरसंचार के नवीनतम साधन तथा यातायात के आधुनिक साधन समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन कर रहे हैं। यह सारे परिवर्तन हमारी सामाजिक उन्नति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, यह सारे परिवर्तन सामाजिक परिवर्तन के अंतर्गत आते हैं।
आमतौर पर सामाजिक परिवर्तन ही प्राकृतिक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार होता है, जैसे कि आज कल के आधुनिक यातायात के साधनों से हमारी प्रकृति में बहुत ही तेजी से और बहुत ही बड़े परिवर्तन हो रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है, जिससे आज विश्व का हर समाज जूझ रहा है।
आज जब हमारे घर कोई मेहमान आता है तो हम उसे टेलीविजन के आगे बिठा देते हैं। हमारे घर में ठंडे पानी के लिए मटको की जगह आज फ्रिज ने ले ली है, ठंडी हवा के लिए हमारे घर में एयर कंडीशनर उपलब्ध है, जूस निकालने के लिए मशीनें और कपड़े धोने के लिए भी हमारे पास अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध है। यह वैज्ञानिक आविष्कार की ही देन है कि, आज हमें अपने घरों में साफ सफाई के लिए भी रोबोट मिल जाते हैं। स्वचालित गाड़ियों ने हम इंसानों का जीवन और भी अधिक शहद और आधुनिक बना दिया है। इन सारे अविष्कारों से मनुष्य जीवन बहुत ही सुखद हो गया है।
परिवर्तन हमेशा ही फलदाई हो ऐसा आवश्यक नहीं। मशीनों के अविष्कार से कुटीर उद्योगों पर भारी असर पड़ा है। आज कुटीर उद्योगों की जगह भारी उद्योगों ने ले ली है, और इंसान की जगह आधुनिक उपकरणों ने। परिणाम स्वरूप बेरोजगारी बढ़ गई है और धनी और निर्धन के बीच का फासला भी बढ़ता जा रहा है। यह एक बहुत बड़ा सामाजिक परिवर्तन है।
शिक्षा और सामाजिक परिवर्तन का बहुत ही गहरा संबंध है। हम अपनी आवश्यकताएं केवल शिक्षा के माध्यम से ही पूर्ण कर सकते हैं। शिक्षा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा वैज्ञानिक, सामाजिक एवं प्रौद्योगिकी में क्रांति संभव हो सकी है। शिक्षा हमें सोचने की क्षमता एवं नए विकास को स्वीकार करने की क्षमता प्रदान करती है। शिक्षा वह अस्त्र है, जिसके द्वारा हम अपने जीवन में उन्नति करते हैं। शिक्षा ना केवल सामाजिक परिवर्तन में अपना योगदान देती है, अपितु हमारे संस्कृतिक परिवर्तन में भी शिक्षा का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। सामाजिक परिवर्तन संस्कृति में भी परिवर्तन लाता है। शिक्षा द्वारा ही बच्चों में सांस्कृतिक एवं संकीर्णता का विकास होता है। यह हमारी सोच को नया रूप देती है और संस्कृति एवं धर्म के प्रतिकूल हमें सचेत बनाती है।
परिवर्तन हमारे लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह विकासवादी प्रक्रिया है, जो निरंतर क्रियाशील रहती है। परिवर्तन से समाज की कल्याण एवं भलाई होती है। अतः हमें समय के साथ परिवर्तन को अपनाना चाहिए परंतु उसके दुष्परिणाम के प्रति भी हमें सचेत रहना होगा तभी सही मायने में परिवर्तन हमारी उन्नति में सहायक सिद्ध हो सकेगा।