shabd-logo

मेरी यादगार दिवाली

24 अक्टूबर 2022

214 बार देखा गया 214
अक्सर बच्चे अपने बड़ों से सीखते हैं। चाहे उन्हें कुछ सिखाया जाए या फिर नहीं पर अपने आसपास होती घटनाओं व बातों पर उनका ध्यान हमेशा रहता है और जाने अनजाने में हम उन्हें बहुत कुछ सिखा देते हैं।

दीपावली का अर्थ अक्सर बच्चों के नजरिए में नए कपड़े पहनना ,पटाखे फोड़ना, खूब सारी मिठाइयां खाना और बहुत मौज मस्ती करना ही है। जब मैं छोटी थी मेरे लिए भी दीपावली का अर्थ स्कूल की छुट्टियां, और दोस्तों के साथ मौज मस्ती करना और मिठाइयां खाना बस यहीं तक सीमित था।

दीपावली में एक हफ्ता ही बचा था। मेरे पिताजी मार्केट से लाइट बल्ब की लड़कियां खरीद कर लाए। मैं बहुत खुश थी, क्योंकि हमेशा से ही मुझे रंग बिरंगी लाइट बल्ब की लड़कियों से घर सजाने की इच्छा थी। परंतु हर दीपावली में हम केवल मिट्टी के बने दिए ही जलाते थे।

दीपावली का दिन था, पर हमने इस बार फिर मिट्टी से बने दिए ही जलाए। मैंने मम्मी से पूछा की पापा जो लाइट बल्ब की लड़ियां लाए थे आपने वह क्यों नहीं लगाईं?

मम्मी ने कहा" बेटा अगर सब लोग लाइट बल्ब से ही अपने घर को सजाएंगे, तो वह लोग जो मिट्टी के दीए बनाते हैं, इनके घर में खुशियां कैसे आएंगी?दीपावली केवल खुशियां मनाने का ही नहीं बल्कि दूसरों को खुशियां देने का त्योहार भी है।

रात को जब हम मंदिर में दर्शन करने गए तो मैंने देखा जो लाइट पापा लाए थे, उससे हमारे कॉलोनी का मंदिर जगमग आ रहा था।

मैंने मम्मी से पूछा मम्मी यह तो वैसी ही लाइट है जो कि पापा लाए थे, है ना? क्या वह लाइट पापा मंदिर के लिए लाए थे?

हां जी ,बेटा पापा वह लाइटें मंदिर को सजाने के लिए लाए थे।

"आपने मुझे बताया क्यों नहीं?" मैंने मम्मी से पूछा।

"बेटा पापा ने यह गुप्त दान किया था। वह दान किसी काम का नहीं जो सबको बता कर किया जाए।अगर आप किसी के लिए कुछ करना ही चाहते हो तो ऐसे करो कि आप के बाएं हाथ को पता ना चले कि दाएं हाथ में किसको और कितना दान दिया।" मेरी मम्मी ने मुझे समझाते हुए कहा।

दीपावली खुशियों का और प्रेम का त्यौहार है। और खुशियां बांटने से और भी अधिक बढ़ती है। यह मुझे उस दिन समझ आया जब हम सारे बच्चे कॉलोनी के सभी लोग मंदिर में जगमगाती लाइट को देखकर वाह-वाह कर रहे थे। कितना सुंदर लग रहा था मंदिर, ऐसा प्रतीत होता था जैसे आकाश से तारे जमीन पर आ गए हों और श्री राम के चरण स्पर्श के लिए आतुर हो रहे हों।

बिना सिखा मेरे पिताजी ने मुझे यह सिखा दिया, की हमें केवल अपनी ही नहीं बल्कि दूसरों की खुशियों के बारे में भी सोचना चाहिए।

तब से मेरी यही कोशिश रहती है कि, अपनी क्षमता अनुसार दूसरों की खुशियों के लिए भी कुछ कर सकूं, और शायद मेरे बच्चे भी इससे कुछ शिक्षा ले और अपने जीवन में अच्छे इंसान बन सके।

24
रचनाएँ
आलेख
5.0
यह किताब दैनिक विषयों की समालोचनात्मक समीक्षा का संग्रह है। इस किताब में आप विभिन्न विषयों पर सुंदर आलेख पढ़ सकते हैं।
1

सोशल मीडिया की ताकत

6 सितम्बर 2022
14
8
4

आज के आधुनिक युग में समय से भी अधिक बलवान सोशल मीडिया प्रतीत होता है। आज हम घंटों या कहें तो दिनों की दूरी सोशल मीडिया की एक व्हाट्सएप कॉल व वीडियो कॉल से क्षण भर में तय कर सकते हैं, इसीलिए यह कहना गल

2

टाइम ट्रेवल

7 सितम्बर 2022
12
5
7

समय बहुत बलवान है। समय वह चीज है,जिसे इंसान हमेशा से ही अपने अनुसार चलाना चाहता है, किंतु समय पर किसी की नहीं चलती अपितु समय सबको अपने अनुसार चलाता रहता है।अगर किसी प्रकार हम समय को अपने अनुसार चला सक

3

मेरे अंदर का लेखक

18 सितम्बर 2022
8
4
4

मेरे अंदर का लेखक आज की तेज रफ्तार दुनिया में किसी के पास किसी दूसरे के बारे में सोचने का वक्त ही नहीं है। हर कोई अपनी दुनिया में अपनी जीवन शैली में इतना व्यस्त हो गया है की, उसके आसपास हो रही घटनाओं

4

इच्छा शक्ति

11 अक्टूबर 2022
5
2
3

इच्छा शक्ति….. क्या आप इच्छा शक्ति को मानते हैं? क्या आपको विश्वास है कि हमारी इच्छाओं में भी शक्ति होती है?जी हां ! इच्छा शक्ति….मुझे तो पूर्ण विश्वास है, की इच्छा में अतुल्य शक्ति होती है। वह कहते ह

5

2070 की दुनिया

13 अक्टूबर 2022
2
2
0

दुनिया बदल रही है। हां जी, दुनिया बदल रही है और बहुत तेज रफ्तार से दुनिया बदल रही है।हां ,शायद आने वाले समय में हम नहीं होंगे, पर हमारे जिगर के टुकड़े तो होंगे। और बहुत कामयाब होंगे , इसमें कोई संदेह

6

शिक्षक

13 अक्टूबर 2022
2
1
0

२०१९ में करोना महामारी ने विश्व में अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए थे । २ मार्च २०२० तक इस घातक वायरस ने हिंदुस्तान में भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। और देखते ही देखते २४ मार्च २०२० को संपूर्ण भ

7

सकारात्मक और नकारात्मक सोच

20 अक्टूबर 2022
2
2
0

अगर हम जिंदगी में कुछ पाना चाहते हैं तो हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए। क्योंकि हम जैसा सोचते हैं, और जैसे शब्दों का उच्चारण करते हैं, हमारे आसपास वैसी ही ऊर्जा एकत्रित होने लगती है।हम जब पूजा करते वक

8

दूरस्थ शिक्षा और शिक्षक

22 अक्टूबर 2022
6
3
1

२०१९ में करोना महामारी ने विश्व में अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए थे । २ मार्च २०२० तक इस घातक वायरस ने हिंदुस्तान में भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। और देखते ही देखते २४

9

मेरी यादगार दिवाली

24 अक्टूबर 2022
3
3
0

अक्सर बच्चे अपने बड़ों से सीखते हैं। चाहे उन्हें कुछ सिखाया जाए या फिर नहीं पर अपने आसपास होती घटनाओं व बातों पर उनका ध्यान हमेशा रहता है और जाने अनजाने में हम उन्हें बहुत कुछ सिखा देते हैं।दीपावली का

10

देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह और कुछ चमत्कारिक उपाय जो आपका जीवन बदल देंगे

4 नवम्बर 2022
1
2
2

देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाहहिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। साल भर कुल 24 एकादशियां आती हैं जिसमें से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी का विशेष महत्व होता है। एकादशी व

11

त्योहारों का सीजन

8 नवम्बर 2022
1
0
0

वैसे तो हमारा मोहल्ला शांत व सुकून वाला था। हमारे घर के पास ही चार घर छोड़कर असलम चाचा रहते थे। उनकी बेटी शबनम मेरी बहुत अच्छी सहेली थी। वे अक्सर हमारे घर आती जाती थी, खासतौर पर मंगलवार को ।जब भी मेरी

12

शिक्षा का बाजारीकरण

29 नवम्बर 2022
3
3
1

शिक्षा का बाजारीकरण शिक्षा आज के आधुनिक युग में 'ज्ञान मात्र' ना रहकर, बाजार में बिकने वाली एक 'वस्तु मात्र' बनकर रह गई है। जिस प्रकार जब माता-पिता बाजार जाते हैं और बच्चे अलग-अलग खिलौने देखकर किसी मह

13

सत्य और अहिंसा

18 दिसम्बर 2022
2
0
0

“पिताजी -पिताजी देखो आर्यन ने मेरी चॉकलेट छीन ली, आप इसकी पिटाई करो। “, रोती बिलखती ३ साल की शायना अपने पिता अक्षय से अपने बड़े भाई की नाइंसाफी की गुहार लगा रही थी। “अरे स

14

सविनय अवज्ञा

30 दिसम्बर 2022
3
1
0

सविनय अवज्ञासविनय अवज्ञा का अर्थ किसी चीज का विनम्रता के साथ उल्लंघन करना होता है।अर्थात सविनय अवज्ञा का मौलिक अर्थ अहिंसक हिंसा व विरोध कहा जा सकता है।जब भी कानून पद्धति में अपकार बोध हो तो, उसका विर

15

खिलाड़ियों की आवाज

19 जनवरी 2023
4
1
0

खिलाड़ियों की आवाजखिलाड़ी जो हमारे देश को मान सम्मान दिलाते हैं, जो हमारे देश की पहचान है, हमारे सिर जिनकी कठिन मेहनत , तप व मनोबल से गर्वित है , आज वही खिलाड़ी अपने मान व सम्मान की रक्षा के लिए भारत

16

लिथियम भंडार

12 फरवरी 2023
6
1
0

लिथियम एक ऐसी धातु है जिसने आज के युग में क्रांति ला दी है। यह आवर्त सारणी का तीसरा तत्व है और बहुत ही हल्की धातु है। इसका प्रमुख उपयोग बैटरी बनाने के लिए किया जाता है जो कि लै

17

केवल परिवर्तन ही स्थाई है

21 फरवरी 2023
4
2
2

परिवर्तन प्रकृति का नियम। समाज में परिवर्तन की प्रक्रिया सदैव चलती रहती है। यह परिवर्तन कई चीजों पर निर्भर करता है एवं इसकी गति और दिशा हर समाज में अलग-अलग होती है। परिवर्तन प्राकृतिक और सांस्कृतिक

18

दिल्ली एमसीडी चुनाव

24 फरवरी 2023
1
1
0

चुनाव शब्द से हम सब भली भांति वाकिफ हैं। हमारे देश में अलग-अलग स्तरों पर अलग-अलग चुनाव होते हैं जिसमें से एमसीडी यानी कि मुंसिपल कॉरपोरेशन डिवीजन का चुनाव अपना ही महत्व रखता है।भारत की राजधानी दिल्ली

19

कैसी रिटायरमेंट

1 मार्च 2023
4
1
0

जिंदगी की उधेड़बुन में कब ऐसा मुकाम आ जाता है जब समय हमें बताता है - रुक जाओ, अपनी गति को धीमी कर लो, बस अब बहुत हो गया थोड़ी सांस ले लो और आराम करो। तब कहीं जाकर हम राहत की सांस लेते हैं और अपने आप क

20

होलिका दहन

8 मार्च 2023
3
1
0

होलीका दहन हिंदू धर्म के एक प्रमुख त्योहार है, जो भारत में हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग होली का त्योहार मनाते हैं और रंगों से खेलते हैं।होली का दहन भारत के विभिन्न हिस्सों

21

होली

8 मार्च 2023
3
1
0

होली एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है जो भारत में हर साल फाल्गुन माह के पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्योहार को रंगों का त्योहार भी कहते हैं क्योंकि इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं और मिठाई खाते है

22

यादें बचपन की

26 मार्च 2023
6
5
0

आज याद आ रहा है ना जाने मुझे क्यों वह आंगन, वह हरे भरे खेतों में दौड़ना, वह कच्चे आमों की सुगंध, वह तितलियों के संग भागना, वो करनी सहेलियों से चिढ़हन, वह भाई के साथ पंजा लड़ाना, उसके जीत जाने पर करनी

23

आईपीएल से जुड़े विवाद

1 अप्रैल 2023
5
3
0

आईपीएल और आईपीएल से जुड़े विवाद,कहां तक है यह सत्य जनाब,मैच फिक्सिंग की धांधलेबाजियां,लूट ले गए वह सारे खिताब..धूल में मिले जो बैठे थे बन हमारे सरो ताज,उठे जब सबके चेहरों से नकाब,खुल गए सारे ढके हुए र

24

आईपीएल से जुड़े विवाद

17 मई 2023
1
1
0

आईपीएल और आईपीएल से जुड़े विवाद, कहां तक है यह सत्य जनाब, मैच फिक्सिंग की धांधलेबाजियां, लूट ले गए वह सारे खिताब.. धूल में मिले जो बैठे थे बन हमारे सरो ताज, उठे जब सबके चेहरों से नकाब, खुल गए सारे ढके

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए