shabd-logo

मेरे अंदर का लेखक

18 सितम्बर 2022

33 बार देखा गया 33
मेरे अंदर का लेखक
आज की तेज रफ्तार दुनिया में किसी के पास किसी दूसरे के बारे में सोचने का वक्त ही नहीं है। हर कोई अपनी दुनिया में अपनी जीवन शैली में इतना व्यस्त हो गया है की, उसके आसपास हो रही घटनाओं से वह लगभग अपरिचित या कह सकते हैं असंवेदनशील ही रह जाता है।
किंतु इस भीड़ भरी दुनिया में, कुछ लोग ऐसे भी हैं ,जो एक नन्ही सी चींटी का परिश्रम भी देख सकते हैं और अंतरिक्ष में चमकते झिलमिलाते तारे भी, बच्चों के आंखों की खुशी और बूढ़ी मां की आंख से झलकती उदासी भी। जी हां आप बिल्कुल सही समझी,…. लेखक।
एक लेखक ही तो है वह इंसान जो हर किसी के किरदार में स्वयं ढल जाता है और उसकी हर भावना को अपने शब्दों से रूप दे देता है। कभी सुंदर चमकीले रंग तो कभी काले ,गहरे, रहस्यमय शब्द…
मेरे अंदर लिखने की जिज्ञासा कब पैदा हुई ऐसा कुछ याद नहीं आता। शायद मैं छोटी थी या बहुत ज्यादा छोटी कि मुझे याद ही नहीं कि मैं कम अपने स्कूल का च करते- करते कुछ अलग ही लिखने लग गई। हां, इतना ज़रूर याद है कि मेरे पिताजी मुझे बहुत सारी कहानियों की सुंदर- सुंदर किताबें ला कर दिया करते थे। जिनको पढ़ती- पढ़ती मैं उन्हीं के किरदारों में स्वयं को पाती और ना जाने कब उन्हीं की दुनिया में खो जाती।
मुझे पढ़ने में इतना आनंद प्राप्त होता था, जो शायद मेरी हमउम्र सहेलियों को गुड़िया के साथ घर-घर खेलने में महसूस था।
मेरे लिए तो वह स्टोर रूम में बनी लाइब्रेरी ही मेरे घर का पसंदीदा कोना थी। जब मैं घर में किसी को ना मिलती, तो सबको पता था कि मैं कहां पर मिलूंगी।
बस यूं ही दादा-दादी की कहानियां, पंचतंत्र, बिल्लू, पिंकी, चाचा चौधरी ,चंदा मामा, चंपक, अकबर बीरबल और न जाने कितनी ही कहानियों की किताबें पढ़ती- पढ़ती एक दिन मैंने कब कलम उठाई और कब मैं खुद लिखने लगी यह मुझे खुद भी ज्ञात नहीं।
शुरुआती तौर पर तो मैं कविताएं लिखती और उनका पेपर प्लेन बनाकर हवा में उड़ा दिया करती या फिर बारिश में नाव बनाकर तैरा दिया करती थी। एक बार गलती से मेरी कविता का पेपर प्लेन सीधे जाकर मेरे पिताजी की चाय के कप में लैंड कर गया। डांट तो नहीं पड़ी लेकिन फिर एक दिन एक और पेपर प्लेन जाकर मेरी मम्मी की पकती हुई दाल में क्रैश हो गया। आगे तो आप जानते ही हैं, मां बेचारी घर का काम करती करती इतनी थक जाती है कि उनमें यह सब सहने की ताकत नहीं बचती। और फिर क्या हुआ यह भी एक कहानी है, जो कि मैं बिल्कुल सुनाना नहीं चाहूंगी।
फिर मेरे पिताजी ने नए साल पर मुझे एक बहुत सुंदर गोल्डन बार्डर वाली डायरी गिफ्ट दी। फिर क्या था दोस्तों, देखते ही देखते वही गोल्डन बॉर्डर वाली डायरी मेरी रचनाओं का संग्रह बन गई और मैं अपने मन की हर बात उसमें लिखने लगी।
मुझे बचपन से ही पेड़ पौधों को देखना उनके रंगों को निहारना चिड़िया तितली और हवा की महक सब कुछ बहुत ही लुभावना लगता था। बस फिर क्या था शायद ही कोई ऐसा प्रसंग हो जिस पर मैंने कोई कविता ना लिखी हो।
कॉलेज में मुझे मेरी अध्यापिका ने कई सुनहरे अवसर प्राप्त कराएं। मेरी कई कविताएं वार्षिक पुस्तक में भी छपी, जिससे मेरा मनोबल और बड़ा ह। इसी तरह लिखते -लिखते आज मुझे यह अवसर मिला कि मैं अपने मन की बातें मेरे ही जैसे किससे, कहानियों और कविताओं के प्रेमियों तक पहुंचा सकूं। तो आइए ,हम सब मिलजुल कर पढ़े, लिखे और जीवन को अपने अनुभवों से रंगीन बनाएं।

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत सुंदर लिखा है आपने बहन मेरी कहानियों पर भी अपना व्यू दे दें 😊🙏

3 अगस्त 2023

Bhavsar Rachit Gajanand

Bhavsar Rachit Gajanand

Very nice writing lipika ji Very concise choice of words Rachit Bhavsar Ahmedabad Gujarat.

1 मार्च 2023

लिपिका भट्टी

लिपिका भट्टी

1 मार्च 2023

बहुत-बहुत धन्यवाद आपका 🙏

Pranet

Pranet

Bahut hi Sundar lekh prabhavi lekh

9 दिसम्बर 2022

24
रचनाएँ
आलेख
5.0
यह किताब दैनिक विषयों की समालोचनात्मक समीक्षा का संग्रह है। इस किताब में आप विभिन्न विषयों पर सुंदर आलेख पढ़ सकते हैं।
1

सोशल मीडिया की ताकत

6 सितम्बर 2022
12
8
4

आज के आधुनिक युग में समय से भी अधिक बलवान सोशल मीडिया प्रतीत होता है। आज हम घंटों या कहें तो दिनों की दूरी सोशल मीडिया की एक व्हाट्सएप कॉल व वीडियो कॉल से क्षण भर में तय कर सकते हैं, इसीलिए यह कहना गल

2

टाइम ट्रेवल

7 सितम्बर 2022
12
5
7

समय बहुत बलवान है। समय वह चीज है,जिसे इंसान हमेशा से ही अपने अनुसार चलाना चाहता है, किंतु समय पर किसी की नहीं चलती अपितु समय सबको अपने अनुसार चलाता रहता है।अगर किसी प्रकार हम समय को अपने अनुसार चला सक

3

मेरे अंदर का लेखक

18 सितम्बर 2022
8
4
4

मेरे अंदर का लेखक आज की तेज रफ्तार दुनिया में किसी के पास किसी दूसरे के बारे में सोचने का वक्त ही नहीं है। हर कोई अपनी दुनिया में अपनी जीवन शैली में इतना व्यस्त हो गया है की, उसके आसपास हो रही घटनाओं

4

इच्छा शक्ति

11 अक्टूबर 2022
5
2
3

इच्छा शक्ति….. क्या आप इच्छा शक्ति को मानते हैं? क्या आपको विश्वास है कि हमारी इच्छाओं में भी शक्ति होती है?जी हां ! इच्छा शक्ति….मुझे तो पूर्ण विश्वास है, की इच्छा में अतुल्य शक्ति होती है। वह कहते ह

5

2070 की दुनिया

13 अक्टूबर 2022
2
2
0

दुनिया बदल रही है। हां जी, दुनिया बदल रही है और बहुत तेज रफ्तार से दुनिया बदल रही है।हां ,शायद आने वाले समय में हम नहीं होंगे, पर हमारे जिगर के टुकड़े तो होंगे। और बहुत कामयाब होंगे , इसमें कोई संदेह

6

शिक्षक

13 अक्टूबर 2022
2
1
0

२०१९ में करोना महामारी ने विश्व में अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए थे । २ मार्च २०२० तक इस घातक वायरस ने हिंदुस्तान में भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। और देखते ही देखते २४ मार्च २०२० को संपूर्ण भ

7

सकारात्मक और नकारात्मक सोच

20 अक्टूबर 2022
2
2
0

अगर हम जिंदगी में कुछ पाना चाहते हैं तो हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए। क्योंकि हम जैसा सोचते हैं, और जैसे शब्दों का उच्चारण करते हैं, हमारे आसपास वैसी ही ऊर्जा एकत्रित होने लगती है।हम जब पूजा करते वक

8

दूरस्थ शिक्षा और शिक्षक

22 अक्टूबर 2022
6
3
1

२०१९ में करोना महामारी ने विश्व में अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए थे । २ मार्च २०२० तक इस घातक वायरस ने हिंदुस्तान में भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। और देखते ही देखते २४

9

मेरी यादगार दिवाली

24 अक्टूबर 2022
3
3
0

अक्सर बच्चे अपने बड़ों से सीखते हैं। चाहे उन्हें कुछ सिखाया जाए या फिर नहीं पर अपने आसपास होती घटनाओं व बातों पर उनका ध्यान हमेशा रहता है और जाने अनजाने में हम उन्हें बहुत कुछ सिखा देते हैं।दीपावली का

10

देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह और कुछ चमत्कारिक उपाय जो आपका जीवन बदल देंगे

4 नवम्बर 2022
1
2
2

देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाहहिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। साल भर कुल 24 एकादशियां आती हैं जिसमें से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी का विशेष महत्व होता है। एकादशी व

11

त्योहारों का सीजन

8 नवम्बर 2022
1
0
0

वैसे तो हमारा मोहल्ला शांत व सुकून वाला था। हमारे घर के पास ही चार घर छोड़कर असलम चाचा रहते थे। उनकी बेटी शबनम मेरी बहुत अच्छी सहेली थी। वे अक्सर हमारे घर आती जाती थी, खासतौर पर मंगलवार को ।जब भी मेरी

12

शिक्षा का बाजारीकरण

29 नवम्बर 2022
3
3
1

शिक्षा का बाजारीकरण शिक्षा आज के आधुनिक युग में 'ज्ञान मात्र' ना रहकर, बाजार में बिकने वाली एक 'वस्तु मात्र' बनकर रह गई है। जिस प्रकार जब माता-पिता बाजार जाते हैं और बच्चे अलग-अलग खिलौने देखकर किसी मह

13

सत्य और अहिंसा

18 दिसम्बर 2022
2
0
0

“पिताजी -पिताजी देखो आर्यन ने मेरी चॉकलेट छीन ली, आप इसकी पिटाई करो। “, रोती बिलखती ३ साल की शायना अपने पिता अक्षय से अपने बड़े भाई की नाइंसाफी की गुहार लगा रही थी। “अरे स

14

सविनय अवज्ञा

30 दिसम्बर 2022
3
1
0

सविनय अवज्ञासविनय अवज्ञा का अर्थ किसी चीज का विनम्रता के साथ उल्लंघन करना होता है।अर्थात सविनय अवज्ञा का मौलिक अर्थ अहिंसक हिंसा व विरोध कहा जा सकता है।जब भी कानून पद्धति में अपकार बोध हो तो, उसका विर

15

खिलाड़ियों की आवाज

19 जनवरी 2023
4
1
0

खिलाड़ियों की आवाजखिलाड़ी जो हमारे देश को मान सम्मान दिलाते हैं, जो हमारे देश की पहचान है, हमारे सिर जिनकी कठिन मेहनत , तप व मनोबल से गर्वित है , आज वही खिलाड़ी अपने मान व सम्मान की रक्षा के लिए भारत

16

लिथियम भंडार

12 फरवरी 2023
6
1
0

लिथियम एक ऐसी धातु है जिसने आज के युग में क्रांति ला दी है। यह आवर्त सारणी का तीसरा तत्व है और बहुत ही हल्की धातु है। इसका प्रमुख उपयोग बैटरी बनाने के लिए किया जाता है जो कि लै

17

केवल परिवर्तन ही स्थाई है

21 फरवरी 2023
4
2
2

परिवर्तन प्रकृति का नियम। समाज में परिवर्तन की प्रक्रिया सदैव चलती रहती है। यह परिवर्तन कई चीजों पर निर्भर करता है एवं इसकी गति और दिशा हर समाज में अलग-अलग होती है। परिवर्तन प्राकृतिक और सांस्कृतिक

18

दिल्ली एमसीडी चुनाव

24 फरवरी 2023
1
1
0

चुनाव शब्द से हम सब भली भांति वाकिफ हैं। हमारे देश में अलग-अलग स्तरों पर अलग-अलग चुनाव होते हैं जिसमें से एमसीडी यानी कि मुंसिपल कॉरपोरेशन डिवीजन का चुनाव अपना ही महत्व रखता है।भारत की राजधानी दिल्ली

19

कैसी रिटायरमेंट

1 मार्च 2023
4
1
0

जिंदगी की उधेड़बुन में कब ऐसा मुकाम आ जाता है जब समय हमें बताता है - रुक जाओ, अपनी गति को धीमी कर लो, बस अब बहुत हो गया थोड़ी सांस ले लो और आराम करो। तब कहीं जाकर हम राहत की सांस लेते हैं और अपने आप क

20

होलिका दहन

8 मार्च 2023
3
1
0

होलीका दहन हिंदू धर्म के एक प्रमुख त्योहार है, जो भारत में हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग होली का त्योहार मनाते हैं और रंगों से खेलते हैं।होली का दहन भारत के विभिन्न हिस्सों

21

होली

8 मार्च 2023
3
1
0

होली एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है जो भारत में हर साल फाल्गुन माह के पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्योहार को रंगों का त्योहार भी कहते हैं क्योंकि इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं और मिठाई खाते है

22

यादें बचपन की

26 मार्च 2023
6
5
0

आज याद आ रहा है ना जाने मुझे क्यों वह आंगन, वह हरे भरे खेतों में दौड़ना, वह कच्चे आमों की सुगंध, वह तितलियों के संग भागना, वो करनी सहेलियों से चिढ़हन, वह भाई के साथ पंजा लड़ाना, उसके जीत जाने पर करनी

23

आईपीएल से जुड़े विवाद

1 अप्रैल 2023
5
3
0

आईपीएल और आईपीएल से जुड़े विवाद,कहां तक है यह सत्य जनाब,मैच फिक्सिंग की धांधलेबाजियां,लूट ले गए वह सारे खिताब..धूल में मिले जो बैठे थे बन हमारे सरो ताज,उठे जब सबके चेहरों से नकाब,खुल गए सारे ढके हुए र

24

आईपीएल से जुड़े विवाद

17 मई 2023
1
1
0

आईपीएल और आईपीएल से जुड़े विवाद, कहां तक है यह सत्य जनाब, मैच फिक्सिंग की धांधलेबाजियां, लूट ले गए वह सारे खिताब.. धूल में मिले जो बैठे थे बन हमारे सरो ताज, उठे जब सबके चेहरों से नकाब, खुल गए सारे ढके

---

किताब पढ़िए