10 फरवरी 2016
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
जिस तरह तुम गुजारते हो फ़राज़ जिंदगी उस तरह गुज़रती नहीं ई अति सुन्दर रचना
10 फरवरी 2016