हेलो... हेलो नेहा
जी ,गुड मॉर्निंग सर....
सुनो नेहा हॉस्पिटल में अचानक से पेशेंट बढ़ गए हैं इसलिए सभी स्टॉप मेंबर्स की छुट्टियां कैंसिल की जा रही है इसलिए तुम भी जल्दी से हॉस्पिटल आ जाओl
जी सर......
राहुल..... राहुल जल्दी उठो, मेरी छुट्टी कैंसिल हो गई है और मुझे जल्दी हॉस्पिटल जाना होगाl
घर भी बिखरा पड़ा है बहुत सारा काम है, मेरे जाने के बाद तुम्हें पूर्वी को भी संभालना पड़ेगा...
क्या यार ...कैसी है तुम्हारी नौकरी छुट्टी में भी काम करना पड़ता है, इस बीमारी के डर से सारा शहर घरों में बंद है तुम्हारी ड्यूटी नहीं खत्म होती, पूर्वी का स्कूल भी बंद है, वह भी घर में पड़े पड़े बोर होती रहती हैl
मुझे तुम्हारे लिए बहुत चिंता होती है प्लीज तुम ड्यूटी पर मत जाओI
नहीं राहुल, मैं ऐसा नहीं कर सकती, रोज इतने केस आ रहे हैं ऐसे में हम अपने घरों में कैसे रह सकते हैं सभी की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई है, कुछ हमारी भी रिस्पांसिबिलिटी होती हैl
बातों में समय मत बर्बाद करो.. जल्दी करो ,नहीं तो मुझे लेट हो जाएगीl
कुछ देर बाद......
बाय राहुल ....बाय पूर्वी.... अपना ध्यान रखना और घर से बाहर बिल्कुल भी मत निकलना, जो भी चाहिए होगा मुझे फोन कर देना मैं लौटते समय लेते हैं आऊंगीl
ओके मम्मा ,बाय........
नेहा और रेनू, तुम दोनों की ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगी है
तुम दोनों को वहां की मरीजों को देखना है और समय-समय से दवाइयां देनी है, और हां वहां जाने से पहले ध्यान से पीपीई किट जरूर पहन लेनाl
ओके सर,
नेहा हम लोगों की ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगी है तुम्हें डर नहीं लग रहा .... हमें भी कोरोना हो गया तो....
डर तो मुझे भी बहुत लग रहा है रेनू, पर क्या करें ?ड्यूटी से हट तो नहीं सकते, बस सावधानी अपना सकते हैं आगे ऊपर वाले की मर्जी, चलो चलते हैंl
चलिए उठिए दवाई का टाइम हो गया है यह दवाइयां ले लीजिए.....
मुझे नहीं खानी दवा, न हीं मुझे यहां रहना है, मुझे और मेरे साथियों को घर जाने दो, अल्लाह की दुआ से हम सब ठीक हो जाएंगे l
भाई साहब यह दवाइयां ले लीजिए, मौके की नजाकत को समझिएl यह बीमारी बहुत खतरनाक है, आप के बाहर जाने से यह आपके अलावा और न जाने कितनों को अपनी चपेट में ले सकती है , जब तक आप लोग स्वस्थ नहीं हो जाते ,तब तक आप लोग को यहीं रहना होगाl.......
ए तुम कौन होती हो हमें समझाने वाली, हम पर अल्लाह की रहमत है हमें कुछ नहीं हो सकता, जाओ ..... सारी दवाइयां लेकर जाओ यहां सेl.....
भाई साहब समझने की कोशिश कीजिए, हम आपके दुश्मन नहीं है बल्कि आप के भले के लिए ही कह रहे हैंl.....
सीधे से कह रहा हूं चले जाओ यहां से नहीं तो हम से बदतमीजी पर उतर आएंगेl
तमीज तो वैसे भी आप लोगों में दिख नहीं रही हैl
( तभी उन मरीजों में से कुछ ने अश्लील इशारे अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी)
चलो रेनू चलो यहां से, मरने दो कुत्तों को..... डॉक्टर साहब आएंगे वहीं का इलाज कर सकते हैं हम लोग तो दोबारा नजदीक भी ना आएंगे इनकेl
सर, मरीजों ने दवा लेने से मना कर दिया, और बहुत ही बदतमीज है बे सब, हम दोनों अब दोबारा उस वार्ड में नहीं जा सकतेl वे निहायत ही फ़ूहड़ और इंसानियत के नाम पर कलंक है, उन्होंने हम लोगों के सामने ही अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे जिसके कारण हम लोगों को वहां से भागना पड़ाl
ठीक है ,अब तुम लोग वहां नहीं जाना ,मैं जा कर देखता हूंl
( डॉक्टर नएआए हुए मरीजों के पास जाते हैं और बोलते हैं)
देखिए आप लोग सहयोग कीजिए और इलाज करने दीजिएl...
तुम लोगों को एक बार में बात समझ नहीं आती है, कब से हम कह रहे हैं कि हम लोग बीमार नहीं है हमें किसी इलाज की आवश्यकता नहीं हम लोग को घर जाने दो l
भागो यहां से......
( उनमें से किसी एक ने पास में पड़े हुए पत्थर को उठाकर के डॉक्टर की तरफ फेंका, वह जाके डॉक्टर के सर में लग गया और उनके सर से खून बहने लगाl डॉक्टरऔर उनके साथ आए हुए सभी वार्ड बॉय वापस चले गए)
दुनिया में कितने घटिया किस्म के लोग होते हैं, नेहा ने रेनू से कहा...
हां यार हम लोग अपनी जान हथेली पर लेकर उनकी जान की हिफाजत करने के लिए तैयार खड़े रहते हैं और उन्हें तो किसी तरह की परवाह ही नहीं....
( तभी फोन की घंटी बजती है)
हेलो.... हेलो मम्मा, आप कब तक घर आओगे मुझे घर में अच्छा नहीं लग रहा...
बस 1 घंटे से पहुंचती हूं घर, तुम्हें कुछ चाहिए तो नहीं..
नहीं मम्मा आप जल्दी घर आ जाओ, मैं बहुत बोर हो रही हूंl
ओके बेटा आप घर पर ही रहना और बाहर मत निकलनाl
( नेहा जैसे ही घर पहुंची पूर्वी दौड़कर गेट तक आ गई और मां के गले लगना चाह रही थी तो नेहा ने उसे मना कर दिया और पहले अपने कपड़े भिगोए फिर गर्म पानी से नहा कर नेहा को अपने गले से लगाया)
मम्मा आपने बहुत देर कर दी....
क्या करूं बेटा,, काम बहुत ज्यादा थाl
और तुमने खाना खाया?
हां मैंने भी खा लिया और पापा ने भी चलिए आप भी खा लीजिए, फिर हम लोग लूडो खेलेंगेl
ठीक है...
नेहा आज का दिन कैसा रहा?
क्या बताऊं राहुल कोविड वार्ड में कुछ नए पेशेंट आए हैं जो बहुत ही बेशर्म और घटिया लोग हैं, आज का पूरा दिन खराब हो गया उनकी हरकतें अभी भी दिमाग में घूम रही हैl
और हॉस्पिटल में मरीज बढ़ने के कारण हो सकता है मुझे ओवरटाइम भी करना पड़े, अब पूर्वी को संभालने की जिम्मेदारी पूरी तरह से तुम्हें उठानी पड़ेगी राहुलl
यह माना मैंने तुम्हारा काम बढ़ गया है पर तुम एक मां
हो, पूर्वी के प्रति भी तुम्हारा कुछ दायित्व हैl फिर वह 4 साल की छोटी बच्ची है मां के बिना वो कैसे रह पाएगीl
सारा दिन मायूस हो मुंह लटकाए बैठी रहती हैl
और खिलौनों के साथ भी वह कब तक खेलेंI.......
यह तो है राहुल पर..
मैं मां होने के साथ एक बेटी भी हूं और आज जब भारत मां को हम सब की आवश्यकता है, तो मैं पीछे कैसे हट सकती हूं, यदि हम सभी स्वास्थ्य कर्मी स्वार्थी होकर पीछे हट जाए या घरों में बैठ जाएं तो इस महामारी से देश को कैसे बचाया जा सकेगाl
प्लीज, समझने की कोशिश करो राहुल.......
मैं सब समझ रहा हूं ,पर यदि तुम्हें कुछ हो गया तो , तुम इस बीमारी के चपेट में आ गई तो मेरा और पूर्वी का क्या होगा?
अब जो नियति में लिखा होगा, वही होगा नियति के आगे हम सब लाचार हैं.... चलो सो जाओ नहीं सुबह उठने में देर हो जाएगीl
( नेहा ऐसे ही कई महीनों तक अपने कर्तव्य निभाती रही फिर 1 दिन)
राहुल मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही, मुझे लगता है मुझे कोविड टेस्ट करा लेना चाहिए....
रात दिन कोविड वार्ड मे रहती हूं, अपनी तरफ से सारी सावधानियां बरतती हूंl
फिर भी लगता है कि मैं संक्रमित हो गई हूंl
और आज मैं दूसरे कमरे में सोने जा रही हूं पूर्वी को तुम देख लेना, कल सुबह ही जाकर मैं पहले अपना टेस्ट करा लूंगीl
ठीक है , जैसा तुम ठीक समझोl......
( अगले दिन नेहा, राहुल और पूर्वी तीनों टेस्ट करवाते हैं)
हेलो ,राहुल तुम दोनों स्वस्थ हो पर मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, इसलिए मैं घर नहीं आ पाऊंगी और जब तक ठीक नहीं हो जाती यहीं हॉस्पिटल में ही रहना होगा.......
और हां तुम पूर्वी का ध्यान रखना यहां बिल्कुल मत आना मैं जैसे ही ठीक हो जाऊंगी तुम्हें सूचना मिल जाएगीI
( रोते हुए )
नेहा मुझे जिस बात का डर था वही हो गया, पूर्वीभी तुम्हारे बिना इतने दिनों तक कैसे रह पाएगी l
मैं तुम्हारी कोई बात नहीं सुनूंगा मैं पूर्वी को लेकर आ रहा हूं तुम्हारे पासl
सर आप वहां नहीं जा सकते, वहां कोरोना पेशेंट एडमिट हैl
चलिए बाहर .....
नहीं मुझे एक बार नेहा से मिलना है....
पापा मुझे भी मम्मा से मिलना है कहा है मम्मा..
नहीं बेटा आप मम्मा से नहीं मिल सकते...
नहीं आपकी तबीयत खराब हो जाएगी......
नहीं मुझे मम्माचाहिए ,मुझे मम्मा के पास जाना है.....
( रोते हुए)
मुझे मम्मी के पास जाना है,......... मुझे मम्माके पास जाना हैI
( पूर्वी और राहुल के आने की खबर नेहा को लग गई , और उसकी आंखों से भी आंसुओं की धारा बहने लगी, वह अपने बेटी को गले लगाने के लिए मचल उठी, पर अपनी बेटी को ना छू पाने की मजबूरी उसके लिए असहनीय थी)
डॉक्टर मुझे एक बार अपनी बेटी को देखना है, बस किसी तरह मुझे उसे दिखा दीजिएl......
( मां बेटी के आंसुओं को देखकर अस्पताल का हर व्यक्ति आंसुओं से भीग गया, पर नियति के आगे सब बेबस थे....
तब डॉक्टर साहब ने एक उपाय सुझाया)
नेहा,
तुम जाकर अपनी बेटी से मिल लो पर ध्यान रहे कमरे से बाहर मत जाना, कांच से ही अपनी बेटी को देख लेना ....
( नेहा और पूर्वी , राहुल एक दूसरे के सामने थे, पर पारदर्शी दीवार एक दूसरे को असहनीय दर्द प्रदान कर रही थीl
तीनों ही एक-दूसरे को बाहों में भर लेना चाह रहे थे, पर तीनों ही मजबूर थे, वहीं पूर्वी का रो रो कर बुरा हाल हो गया था.. वह मासूम मां से मिलने के लिए तड़प रही थीl और मां को छोड़कर जाना ही नहीं चाह रही थीl पर कुछ देर बाद राहुल पूर्वी को लेकर घर आ गयाl
एक मां के बिना बच्ची के 14 दिन कैसे बीते शब्दों में बता पाना असंभव है आखिर इंतजार की घड़ियां समाप्त हुई, और नेहा पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गईl)
हेलो ...... हेलो राहुलआज मैं घर आ रही हूं .......
नेहा मैं तुमसे बता नहीं सकता कि आज मैं कितना खुश हूं.....
पूर्वी आज मम्मा रही है... हमें उनकी वेलकम की तैयारी करनी है चलो जल्दी से गार्डन से फूल ले आते हैंl
( पूर्वी और राहुल ने मिलकर गार्डन से फूल तोड़े और नेहा के स्वागत में रास्ते में फूल बिछा दिएl........
पूर्वी घर पहुंच कर बहुत ही खुश हुई..... इसलिए दौड़कर नेहा को गले से लगा लिया, और दोनों ही रोने लगे, कितने दिनों बाद मातृत्व और वात्सल्य का मिलन अद्भुत और अवर्णनीय हैl
अगले दिन नेहा पूरे उत्साह तैयार होकर जब हॉस्पिटल जाने लगी...
नेहा कहां चल दी, तुम अभी तो ठीक हुई हो कुछ दिन तो रेस्ट ले लोl....
नहीं राहुल, अभी मुझे मेरी मां के प्रति कर्तव्य निभाने बाकी हैl
बाय राहुल शाम को मिलते हैं......