अमिता, रेणु एक ही मुहल्ले में बहु बन कर आई, समय के सांथ दोनों ही की सहेली बन गई विवाह के पाँच वर्ष बीत गए अमिता दो बच्चों की माँ बन चुकी थी वहीं रेणु की गोद सूनी थी l आसपास की सारी औरतें अक्सर उसके सास से इसी विषय पर बात करती, जिससे रेणु की सास उसे बात बात पर ताने देती थी l और बेटे का दूसरा ब्याह कर ने की धमकी देती थी l रेनू ने मायके में जाकर के डॉक्टर को खुद को दिखाया भी था, जहां डॉक्टर ने उसे पूरी तरह स्वस्थ बतायाl
उसने पति को भी डॉक्टर को दिखाने के लिए कहा पर पति का अहंकार व पुरुषत्व इस बात के लिए राजी ना हुआ और बच्चे के ना होने का दोष केवल रेणु के सर पर मढ़ा जाने लगाl
इन सब बातों से रेणु हमेशा दुखी रहती, उसके दुख और दर्द को समझने वाला अमिता के सिवा कोई न थाl
वह जब भी काम से खाली होती अमिता के पास बैठकर कुछ बातें कर लेती और उसके बच्चों को देखकर उसका मन हल्का हो जाए करता थाl
1 दिन रेणु अमिता के घर गई हुई थी तभी अमिता ने कहा...........
गांव में एक सिद्ध पुरुष आए हुए हैं, वह बहुत ज्ञानी हैं मोह माया से बहुत दूर है lपास के ही मंदिर के प्रांगण में उनका
प्रवचन हुआ करता हैl बहुत ही श्रद्धालुओं की भीड़ इकठ्ठी होती हैl चलो चलते हैं हम भी उनके प्रवचन सुनेंगे l मन भी हल्का हो जाएगा और आत्मा को शांति मिलेगीl
ठीक है चलो, मैं घर जाकर अम्मा जी को बता कर आती हूंl सासु मां को बता कर दोनों ही प्रवचन सुनने के लिए निकल जाती हैl
" मंदिर का प्रांगण, चारों तरफ फूलों की लडीयां लगी हुई थी l बहुत ही भव्य पंडाल सजाया गया थाl सारा पंडाल श्रद्धालुओं से भरा हुआ था l अमिता और रेणु भी जगह बना कर वहां बैठ गईl बाबा जी का प्रवचन चालू था...............
ईश्वर की प्राप्ति करने का एकमात्र उपाय साधना है ईश्वर प्राप्ति को लक्ष्य बनाकर किया गया कार्य ही साधना के अंतर्गत आता है, साधक को एकाग्रचित होकर ध्यान करने से ईश्वर की प्राप्ति होती है, आत्मिक आनंद मिलता हैl उस आत्मानंद को वर्णन कर पाना मुश्किल हैl बस एक अनुभूति है जिसे महसूस किया जा सकता हैl
तभी बाबा के और शिष्यों के द्वारा संगीत में भजन प्रारंभ हो गया सारे श्रद्धालु भक्ति में मगन हो गएl....
प्रसाद वितरण के बाद जब सभी श्रद्धालु जाने लगे रेणु और अमिता पास में रहने वाली चाची से बात करने लगी उन्होंने बताया बाबा बहुत चमत्कारी है, तुम उनके पास अपनी तकलीफ लेकर जाओगे जरूर तुम्हें कोई न कोई उपाय बताएंगे, पड़ोस वाली निरमला है ना,... उसे भी कोई संतान नहीं थी, बाबा के आशीर्वाद से वह पेट से हैl
जा तू भी जा बाबा के चरणों में जा, तेरी मनोकामना भी पूरी हो जाएगीl
परिवार के व्यंग बाणों से आहत रेणु भी उनकी बातों में आ गई और उसने बाबा के पास जाकर अपनी दुविधा बताने का निर्णय ले लियाl
.. स्वामी जी मेरे कोई संतान नहीं है कृपा करके कोई उपाय व्रत, पूजा बताएं जिससे मुझे संतान की प्राप्ति होl
बेटा एक उपाय है..... एक विशेष साधना करनी होगीI
क्या तुम कर पाओगीl
जी बाबा उपाय तो बताएं.....
इसके लिए तुम्हें प्रवचन के बाद मेरे कुटिया में आना होगाl शाम को तुम्हें वहीं पर विशेष साधना करनी पड़ेगी जिसमें किसी भी व्यक्ति की उपस्थिति वर्जित है तभी तुम्हारी मनोकामना पूर्ण हो सकती हैl
अमिता को यह बात कुछ ठीक नहीं लगी उसने ऐसी किसी साधना के लिए मना किया, परंतु रेणु के मन में संतान प्राप्त की इच्छा प्रबल थी l उसे दिन रात सासू मां से मिलने वाले तानों से मुक्ति पानी थीl तो साधना के लिए तैयार हो गई l
परंतु रात में एकांत साधना जैसी बात अमिता के मन में खटक रही थीI
घर पर आकर रेनू ने घरवालों से यह बात बताई, तो संतान प्राप्ति की लालसा में घर वालों ने रेनू की इच्छा में सहमति जताईl
अगले दिन दोनों सहेलियां फिर से बाबा के प्रवचन में गई प्रवचन समाप्त की बात रेनू ने अमिता से जाने को कहा
और वह बाबा की कुटिया में चली गईl
पर अमिता की आत्मा उसे वहां से जाने की इजाजत नहीं दे रही थी, सो वह वहीं रुक करके रेणुका इंतजार करने लगीl
पर उसे अंदर ही अंदर बेचैनी और घबराहट हो रही थी इसलिए वह बाबा की कुटिया के बाहर जाकर उनके शिष्यों से रेनू से मिलने की बात कहीl
उन्होंने उसे रेणु से मिलने से साफ इनकार कर दियाl
अनीता के मन में अजीब से विचार आ रहे थे , उसेडर लग रहा था कहीं रेणु किसी अनहोनी का शिकार न बन जाए उसने अक्सर ही ऐसा कहानी में पढ़ रखा थाl बार-बार आग्रह करने पर जब शिष्यों ने उसे रेनू से मिलने नहीं दिया
तो वह जल्द ही पुलिस स्टेशन पहुंची और वहां से महिला कांस्टेबल को बुलाकर बाबा की कुटिया में पहुंच गईl
जहा जोर जबरदस्ती करके पुलिस वालों ने कुटिया का दरवाजा खुलवाया l
इधर कुटिया के अंदर बाबा ने कुछ देर तक पूजा-पाठ करवाया और उसके बाद रेनू को प्रसाद खाने को कहा और कहा प्रसाद खाने के बाद तुम ध्यान मग्न हो जाना और ईश्वर से पुत्र की कामना करनाl
तुम्हारी मनोकामना जरूर पूर्ण होगीl
प्रसाद खाने के बाद रेणु का सर चकराने लगा, और वह बेहोश हो गई l
बाबा के शिष्य ने रेणु को अंदर के कमरे में बिस्तर में लिटा दिया और अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने की तैयारी करने लगा lपर अमिता ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया और इधर बाबा ने हैवान का रूप धारण कर लियाl
सबको साधना का उपदेश देने वाला एक अन्य साधना की ओर अग्रसर हो रहा थाl परअमिता ने उसके सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया और वह पुलिस लेकर पहुंच गई l और अब बाबा का भांडा फूट चुका थाl
अब कर्मों का हिसाब चुकाने का समय आ गया था, रेनू को तो अमिता ने बचा लिया ऐसी न जाने कितनी महिलाओं की समस्याओं का फायदा उठाकर बाबा उनका शोषण करता रहा l साधना शब्द का अनुचित उपयोग करता रहाl............
यहाँ मैं सभीपाठकों से पूछना चाहूंगी आखिर ऐसी घटनाओं में अपराधी कौन हैं?
वह पाखंडी या हम और हमारा यह समाज जो ऐसे लोगों को आश्रय देता हैl
जो धर्म की आड़ में हमारे भय का सौदा करते हैं आज के इस वैज्ञानिक युग में संतान प्राप्त की हर बाधा को डॉक्टरी इलाज व परामर्श से दूर किया जा सकता है l पर हम धार्मिक बाबाओं के आगे पैसे दान करने में बिल्कुल कोताही नहीं करते हैं यदि हम इसकी जगह वह पैसा किसी जरूरतमंद गरीब या भूखे को दें, तो यही सच्ची ईश्वर भक्ति और यही सच्ची साधना होगी l