मेरी चुनरी में परि गयो दाग पिया।
पांच तत की बनी चुनरिया
सोरह सौ बैद लाग किया।यह चुनरी मेरे मैके ते आयी
ससुरे में मनवा खोय दिया।मल मल धोये दाग न छूटे
ग्यान का साबुन लाये पिया।कहत कबीर दाग तब छुटि है
जब साहब अपनाय लिया।संत कबीर
2 मार्च 2016
मेरी चुनरी में परि गयो दाग पिया।
पांच तत की बनी चुनरिया
सोरह सौ बैद लाग किया।यह चुनरी मेरे मैके ते आयी
ससुरे में मनवा खोय दिया।मल मल धोये दाग न छूटे
ग्यान का साबुन लाये पिया।कहत कबीर दाग तब छुटि है
जब साहब अपनाय लिया।संत कबीर