शुभ दिन शुभ दिन जपने से क्या अँधेरी छट जायेगी
पथ बुहारने से पल भर क्या मलिनता मिट जायेगी
हर विकार का मूल स्रोत जो स्वच्छ प्रथम वह मन करो
फिर गन्दगी तो सब स्वम् ही हर जगह हट जायेगी
14 जनवरी 2016
शुभ दिन शुभ दिन जपने से क्या अँधेरी छट जायेगी
पथ बुहारने से पल भर क्या मलिनता मिट जायेगी
हर विकार का मूल स्रोत जो स्वच्छ प्रथम वह मन करो
फिर गन्दगी तो सब स्वम् ही हर जगह हट जायेगी
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सेवा निवृत प्रधानाचार्य शिक्षा एम ए-( इतिहास , हिंदी ) जन्म 15अगस्त1942; बुलंदशहर | वर्तमान में बेटे के पास साहिबाबाद में | रुचियाँ - कविताएँ ,कहानियां ,व्यंग्य ,शब्दचित्र , गजल , मुक्तक आदि लिखने मैं बचपन से अभिरूचि | अनेक कवितायेँ गीत लेख कहानियां प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित | एक कविता संग्रह मन की वीथियाँ प्रकाशित व दो कहानी संग्रह लगभग प्रकाशन के लिए तैयार | D