कुछ सुनहरे ख्वाब बिखरने का मलाल मत करना
जिन्दगी अश्कों से नहीं हिम्मतों से चलती है
जो गुजर गया उसका ज्यादा खयाल मत करना
4 जून 2016
कुछ सुनहरे ख्वाब बिखरने का मलाल मत करना
जिन्दगी अश्कों से नहीं हिम्मतों से चलती है
जो गुजर गया उसका ज्यादा खयाल मत करना
86 फ़ॉलोअर्स
सेवा निवृत प्रधानाचार्य शिक्षा एम ए-( इतिहास , हिंदी ) जन्म 15अगस्त1942; बुलंदशहर | वर्तमान में बेटे के पास साहिबाबाद में | रुचियाँ - कविताएँ ,कहानियां ,व्यंग्य ,शब्दचित्र , गजल , मुक्तक आदि लिखने मैं बचपन से अभिरूचि | अनेक कवितायेँ गीत लेख कहानियां प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित | एक कविता संग्रह मन की वीथियाँ प्रकाशित व दो कहानी संग्रह लगभग प्रकाशन के लिए तैयार | D