धनवान बनने के लिए क्या नहीं करते हैं लोग
हर खास पद उनको मिले ,जाल नित बुनते हैं
लोग
पर ये
जीवन ही नहीं , कई जन्म संवरते जिससे
नेक
इन्सान बनने की , कितना सोचते हैं लोग
15 मई 2016
धनवान बनने के लिए क्या नहीं करते हैं लोग
हर खास पद उनको मिले ,जाल नित बुनते हैं
लोग
पर ये
जीवन ही नहीं , कई जन्म संवरते जिससे
नेक
इन्सान बनने की , कितना सोचते हैं लोग
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सेवा निवृत प्रधानाचार्य शिक्षा एम ए-( इतिहास , हिंदी ) जन्म 15अगस्त1942; बुलंदशहर | वर्तमान में बेटे के पास साहिबाबाद में | रुचियाँ - कविताएँ ,कहानियां ,व्यंग्य ,शब्दचित्र , गजल , मुक्तक आदि लिखने मैं बचपन से अभिरूचि | अनेक कवितायेँ गीत लेख कहानियां प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित | एक कविता संग्रह मन की वीथियाँ प्रकाशित व दो कहानी संग्रह लगभग प्रकाशन के लिए तैयार | D