इंस्पेक्टर मेहरा और इंस्पेक्टर सौम्या के साथ डीजीपी आलोक भी बहुत ध्यान से सुब्रमण्यम की बातें सुनते रहते हैं ।सुब्रह्मण्यम उन्हें बताते रहते हैं।
कि काफी खोजबीन और सर्च के बाद हमें इन तीनों कत्ल में एक ही चेहरा नजर आया जो हर बार अपना नाम और आईडी बदल कर इस्तेमाल हुआ,,,,
क्या आप नहीं जानना चाहेंगे?? की आखिर वह है कौन??सब कौतूहल भरी नजरों से सुब्रमण्यम को देखने लगते हैं।
सुब्रमण्यम अपनी जेब से एक फोटो निकालते हैं, और सबके आगे कर देते हैं फोटो की तरफ देखते ही सब चौंक जाते हैं। और अचानक से इंस्पेक्टर सौम्या कहती हैं ।
अरे," सर" यह तो नैना है ,मिस्टर शिवांश की वाइफ दो दिन पहले इसके पति और बच्चे गायब हो गए और तब से हम इससे पूछताछ कर रहे हैं, ।
लेकिन कल अचानक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिलाने हम लोग ले जा रहे थे तो कुछ लोगों ने इसे अगवा कर लिया और पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई तभी से इनका कुछ भी पता नहीं है।
सुब्रमण्यम बोले जिस कातिल की तलाश है ,मुझे वह और कोई नहीं यही लड़की है।आईटी प्रोफेशनल शिवांश अग्रवाल की वाइफ नैना अग्रवाल एक नई आइडेंटी के साथ चौथे खून के लिए तैयार थी ।
अगला खून मिस्टर शिवांश का होने वाला था ,यह सारी चीजें समझने के बाद हमने दिल्ली आकर डीजीपी सर से मदद लेनी चाही,,,,,
लेकिन डीजीपी सर से मिलने से पहले मैं शिवांश अग्रवाल जी से जाकर मिला अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करने वाली अपनी बीवी के बारे में जब मैंने बताया कि वह क्रिमिनल है।
और उनकी पूरी क्राइम रिपोर्ट मेरे पास है तो उन्हें बहुत दुख हुआ वह बार-बार यही कहते रहे की सर शायद आपको कोई गलतफहमी हुई है ।
शिवांश बोला ऐसा तो हो ही नहीं सकता,,,,, मुझे और मेरे बच्चे को छोड़कर नैना का और कोई दुनिया भी नहीं है फिर वह
मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ?
वह जी रही तो सिर्फ मेरे और मेरे बच्चे के लिए तो मैंने मिस्टर शिवांश को समझाया कि नहीं वह जी रही सिर्फ पैसों की खातिर और तीन कत्ल से जुड़ी जानकारियां शेयर की
शिवांश रोने लगा मैंने उसे बहुत हिम्मत और बहुत सहारा दिया मैंने उससे कहा कि नैना बहुत ज्यादा स्मार्ट है और बहुत खतरनाक भी ,वह सिर्फ आपको ही नहीं इससे पहले भी उसने 3 शिकार किए हैं ।
वह सब भी आपकी तरह बहुत ही सीधे और सज्जन व्यक्ति थे इमोशनली भी मजबूर थे आपको पता है आने वाली फर्स्ट एनिवर्सरी के दिन वह आपको मार डालेगी,,, शिवांश को समझाते हुए सुब्रमण्यम बोले,,
वेडिंग केक में जहर मिलाकर वह तुम्हें मार डालेगी उससे पहले भी इसी तरीके से उसने लोगों को मारा है ।यह उसके मर्डर करने का तरीका है ।
जो आज तक सफल होता रहा है, वैसे तो मैं बतौर शक के आधार पर नैना से पूछ सकता हूं? लेकिन कोर्ट में इस केस को साबित नहीं कर सकता ,इसे साबित करना हमारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि मारने के लिए नैना जो ड्रग इस्तेमाल कर रही हैं वह किस किस्म का ड्रग है।
वो क्या है ? यह मुझे समझना है?? एक बात तो तय है कि उसने यह सब अकेले नहीं किया उसके पीछे जरूर किसी का सपोर्ट है।
अगर मेरा सोचना सही है तो उसका लवर भी हो सकता है पर इन तीनों क्राइम्स में किसी और आदमी के इन्वाल्व होने का कोई भी जिक्र नहीं है ।
अगर यह सच है तो उसे बाहर निकालना है ।तो नैना को फंसना ही पड़ेगा। जिसके बाद वह बच नहीं सकती उसके प्रेमी को यह लगना चाहिए ?इन सबके लिए मुझे आपकी मदद की जरूरत है प्लीज आप मेरी मदद करेंगे ना,,, मैंने शिवांश से पूछा और उसने हां में सिर हिलाया।
उस दिन के बाद से मिस्टर शिवांश अग्रवाल मैं जैसा कहता गया वैसा करते गए,, हमने सबसे पहले नैना को उनके मैनेजर पद से हटवाया ,उसके बाद शिवांश के लिए एक फेंक एक्सीडेंट क्रिएट किया हर किसी को सब कुछ सच लगे उसके लिए फाइनेंशियल लॉसेस क्रिएट करना ।
नैना को टैक्सी के लिए काम पर भेजना नैना को बिल्कुल भी शक ना हो कि उस पर हम लोगों की नजर है यही हमारा मकसद था।
पर नैना के क्राइम पार्टनर के बारे में कोई भी सबूत नहीं मिला??और नाहीं कोईआया,,, फिर आखिर वह दिन आ ही गया यानी एनिवर्सरी वाला दिन,,,
उस दिन उसके कंपनी के सर मिस्टर राजकुमार के ओनर मिस्टर मनप्रीत से मैंने उनकी आईडी और उनका हुलिया कॉपी किया और बोर्ड मेंबर की मदद से मिस्टर राजकुमार से बातें की और फिर मैं सीधे नैना के पास मनप्रीत सिंह बनकर पहुंच गया।
और उसे लेकर सच में शिवांश से भी मिला जो कि मेरे क्राइम ब्रांच के प्लान का एक हिस्सा था ।और सिक्योरिटी वाले हमें इसलिए नहीं देख पाए क्योंकि जैसे ही खड़ी गेट के अंदर घुसी मैंने अपना मोबाइल जानबूझकर नीचे गिरा कर उसे उठाने के बहाने कार में नीचे झुक गया ,
और सामने गार्ड सिर्फ नैना को ही देख पायाऔर दूसरी बार जब मैं और नैना गए तो केक को नीचे ऊपर करने के बहाने थोड़ा झुक गया ।
और जिस केक में जहर मिलाकर वह शिवांश को देना चाहती थी हमने उसका प्लान चौपट कर दिया हमने वह केक जानबूझकर गिरा दिया जिससे वह काफी गुस्सा भी हुई।
और उसे जानबूझकर रजिस्टर ऑफिस भेजा फिर उसके बाद हमारी पूरी टीम ने मिलकर शिवांश अग्रवाल का फेक मर्डर करवाया,,,
जो हमारे प्लानिंग का हिस्सा था ,फिर हमारी टीम ने शिवांश को एक बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाया और उसके बाद उसका वीडियो बनाते हुए मैंने उसका झूठ मुठ का मर्डर किया,,,
और उसके बेटे आरव को हमारी टीम अपने साथ ले गई सारे सबूत नैना के खिलाफ करके उसे इमोशनली चोट पहुंचाना ही हमारा मकसद था
शिवांश के ब्लड सैंपल और उसके पैर की चोट और बॉडी को ध्यान रखते हुए हमने और भी सबूत उसके खिलाफ पैदा किए हमारी पूरी टीम उठाकर शिवांश को एक बैग में डालकर नैना की कार के पीछे डिग्गी में रख देते हैं ।उसी कार से नैना मुझे एयरपोर्ट छोड़ने जाती है।
जिससे वह पूरी तरह से फंस जाती है यह मेरी जिंदगी का बहुत ही इंपॉर्टेंट दिन है ।
ऐसा दिन मै कभी नहीं भूल सकता क्योंकि इस दिन के लिए मैंने अपनी और शिवांश दोनों की जान कोजोखिम में डाला।
यह बात नैना नहीं समझ पाती ,नैना को किसी चीज का शक ना हो इसलिए मैंने लोकल पुलिस से सारे मैटर को छुपा कर रखा था, ताकि वह अपने हिसाब से कार्रवाई करती रहे
और डीजीपी साहब की मदद से हमने अपने कुछ लोगों को इन्वेस्टिगेशन की टीम में शामिल कर दिया और शिवांश का मेकअप करके उसे एक बॉडी में तब्दील किया जैसे ही बैग खुलता है हमारी टीम ले जाकर जल्दी से शिवांश की बॉडी को गाड़ी में लेटा देती है ।
शिवांश की बॉडी को देखते ही नैना जब चीखने लगती है तो सब उसको पकड़ कर ले जाते हैं । और हमारी टीम उसकी बॉडी को छूने नहीं देते।
पुलिस वाले तुरंत नैना को निकाल कर हमारी टीम के साथ बाहर कर देती है।
नैना के पुलिस कस्टडी में जाने के बाद उसका क्राइम पार्टनर उसे ढूंढते हुए आएगा ऐसा मुझे लगा पर वह नहीं आया जब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा ,
तो फिर हमने जानबूझकर मजिस्ट्रेट के सामने एक सुनसान रास्ते से नैना को ले जाने का फैसला किया रास्ते में हमपर हमला हुआ और नैना को वह लोग किडनैप कर कर ले गए,
इस घटना के बाद हमें अच्छी तरह समझ में आ गया कि नैना का जरूर कोई साथी है। और वही उसका क्राइम पार्टनर भी है हमारे आदमी लगातार उसका पीछा करते रहे पीछा करते-करते गाड़ी एक फॉर्म हाउस में घुसी हमने बहुत पूछताछ की लेकिन हमें कुछ पता नहीं चल पा रहा था
तो क्या सच में नैना का कोई बॉयफ्रेंड है ?या फिर नैना अकेले सारे गिरोह को चला रही थी क्या है सच्चाई आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए प्यार का प्रतिशोध,,,,,